Delhi
बटला हाउस। RUC राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा सजाए मौत का अदालत का ये फैसला अफसोसनाक है: एनकाउंटर केस के आरोपी को सजा सुनाए जाने पर RUC ने उठाए सवाल।
नई दिल्ली। "Rarest of rare" मानते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने बाटला हाउस एनकाउंटर केस में दोषी आरिज खान को सोमवार को मौत की सजा सुनाई गई। इस मुख्य केस में 14 आरोपी हुए थे अरेस्ट, आईएम के पांच आतंकी बटला हाउस स्थित एक मकान में मौजूद थे। 21 सितंबर 2008 को पुलिस ने कहा कि उसने आईएम के तीन आतंकियों और बटला हाउस के एल-18 मकान की देखभाल करने वाले शख्स को गिरफ्तार किया। दिल्ली में हुए विस्फोटों के आरोप में पुलिस ने कुल 14 लोग गिरफ्तार किए थे। ये गिरफ्तारियां दिल्ली और उत्तर प्रदेश से की गई थीं। आरिज घटना के 10 साल तक फरार रहा और उसे 14 फरवरी, 2018 को गिरफ्तार किया जा सका।
राष्ट्रीय उलमा काउंसिल (RUC) ने उठाए सवाल
राष्ट्रीय उलमा काउसिल RUC के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी मदनी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से बाटला हाउस एनकाउंटर के दोषी आरिज़ खान को मिली सजा पर काफी सवाल उठाए और उन्होंने कहा कि "आरिज़ खान को सजाए मौत का अदालत का ये फैसला अफसोसनाक है और सच मे rarest of rare की कैटेगरी में आता है क्योंकि बटला हॉउस एनकाउंटर शायद पहला ऐसा एनकाउंटर होगा कि जहां सिविल सोसाइटी, सोशल व पोलिटिकल एक्टिविस्ट्स, बुद्धजीवी तबका और लाखों की तादाद में आम लोग, सभी ने इस एनकाउंटर की जांच की मांग की जो कि तार्किक और कानूनी भी है पर आजतक जांच नही हुई क्योंकि असल सच सामने लाना ही नही था, तत्कालीन कांग्रेस सरकार और उनके प्रशासन ने सरकार की नाकामी को छिपाने के लिए पढ़ने लिखने वाले बेगुनाह छात्रों को निशाना बनाया और जांच कर सच को उजागर करने के बजाए इन छात्रों के खिलाफ ही फर्जी साक्ष्य और सबूत खड़े कर दिए ताकि कांग्रेस की तत्कालीन केंद्रीय व राज्य सरकार अपनी नाकामी को छिपा सकें और इसी मोडस ओपेरंडी को बाद की सरकारों ने भी आगे बढ़ाया।"
इंसाफ ना मिलने और सजा-ए-मौत के फैसले पर जताई ना उम्मीदी
मौलाना आमिर रशदी मदनी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से कहा कि "इस फैसले से जहां नाउम्मीदी ज़ाहिर होती है तो वहीं ऐसे कई केस रहे हैं जहां आतंकवाद के फर्जी आरोप में सत्र न्यायालय से सजा होने के बाद भी उच्च न्यायालय से इंसाफ मिला है। हमे यक़ीन है कि इस मामले में भी कानूनी चारागोई जारी रहेगी और इंसाफ होगा, बटला हॉउस एनकाउंटर का आरोप हमारे ज़िला आज़मगढ़ के दामन पर एक दाग है जो तभी धुलेगा जब इस एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच होगी और राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल ये मांग उठाती रही है और उठाती रहेगी।"
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03/16/2021 07:20 AM