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मुरादाबाद: इमरान प्रतापगढ़ी ने आजम खान की रिहाई के लिए उठाई आवाज: बीते दिनों आज हम कहां के आवास रामपुर पहुंचे थे इमरान प्रतापगढ़ी।
रामपुर/ मुरादाबाद: कांग्रेस नेता और शायर इमरान प्रतापगढ़ी मुरादाबाद पहुंचकर कोरोना वैक्सीन को लेकर मोदी को घेरा। साथ ही इमरान ने कहा कि एसपी नेता आजम खां का राजनीतिक उत्पीड़न किया जा रहा है। जौहर यूनिवर्सिटी पर सरकार का हमला हुआ तो खुद को नहीं रोक पाया।
समाजवादी पार्टी नेता आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी मामले में कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी उनके समर्थन में आ गए हैं। उत्तर प्रदेश के रामपुर पहुंचे प्रतापगढ़ी ने आजम खान की पत्नी तंजीम फात्मा से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इसे राजनीतिक मुलाकात के तौर पर न देखा जाए। यह शिष्टाचार भेंट है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मौलाना मुहम्मद अली जौहर कांग्रेस के अजीम सिपाही रहे हैं। ऐसे में जौहर विश्वविद्यालय को बचाने के लिए मैं हमेशा खड़ा रहूंगा।
इस दौरान प्रतापगढ़ी ने एसपी प्रमुख अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि जौहर विश्वविद्यालय पर लगातार हमला हो रहा है, लेकिन, उनकी (आजम खान की) पार्टी (एसपी) का कोई नेता उनके साथ खड़ा नहीं हो रहा है। वे लोग भी उनका साथ देने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, जिन्हें उन्होंने (आजम खान ने) आशीर्वाद दिया था, इसीलिए मैं पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर आजम खान की पत्नी से मिलने के लिए रामपुर गया था।
'अल्पसंख्यकों को परेशान करने में सरकार को मजा आ रहा'
बीजेपी सरकार पर हमलावर होते हुए प्रतापगढ़ी ने कहा कि मौजूदा सरकार को मजबूत लोगों को तोड़ने में मजा आ रहा है। खासतौर पर अल्पसंख्यकों को परेशान करने में योगी सरकार को मजा आ रहा है। पीएम मोदी भी राजधर्म का पालन नहीं करवा पा रहे हैं। इमरान ने कोरोना वैक्सीन को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाना चाहिए। फिर बीजेपी के बड़े मंत्रियों को यह लगाया जाना चाहिए। इसके बाद ही आवाम का टीकाकरण किया जाना चाहिए।
किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार पर बरसे
किसान आंदोलन को लेकर भी इमरान ने बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, 'आंदोलन में 70 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री आखिर किस दिन का इंतजार कर रहे हैं। अपने चंद उद्योगपति दोस्तों को खुश करने के लिए सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है। बुजुर्ग किसान दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं और बातचीत के नाम पर नाटक करवाया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि एक दिन में कानून वापस हो सकते हैं। फिर कौन सी जिद है कि सरकार कानून वापस करने के लिए तैयार नहीं है?
-Input (Navbharat times)
01/23/2021 06:57 PM