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भारत पर टिड्डियों ने किया बड़ा हमला किसान परेशान: मध्यप्रदेश-राजस्थान सहित अन्य राज्यों में किसान का बुरा हाल।
भारत में 27 साल बाद एक बार फिर टिड्डियों ने बड़ा हमला बोला है. करोड़ों की संख्या में पाकिस्तान के रास्ते भारत में घुस रही टिड्डियां बड़ी मुसीबत बनी हुई हैं. मध्य प्रदेश के सतना में टिड्डियों के दल के खात्मे के लिए फायर ब्रिगेड की मदद से खेतों में और पेड़ों पर दवा का छिड़काव हो रहा है.
सतना में 80 लीटर कीटनाशक और 4 फायर बिग्रेड की गाड़ियों की मदद ली गई. काफी हद तक टिड्डी दल को मार भी गिराया गया. वहीं जबलपुर में किसान स्टील का कनस्तर बजा कर आवाज कर टिड्डियों को भगाते दिखे.
राजस्थान / हनुमानगढ़ के आसपास टिड्डियों का हमला, दौड़कर खेतों को बचाने पहुंचे किसान; 21 जिलों में टिड्डियों का प्रभाव
तस्वीर हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा की है। जहां शहर से होते हुए गांव के खेतों तक टिड्डियों का दल पहुंचा।
पिछले साल प्रदेश के 12 जिलों पर टिड्डियों ने हमला किया था, जिसमें सरसों, जीरा, ईसबगोल और गेहूं की फसल खराब हो गई थी
कृषि अधिकारियों के अनुसार नागौर जिले में टिड्डियों के दो बड़े दल बैठे हैं,। एक कुचामन के आसपास और दूसरा जायल के पास
दैनिक भास्कर
May 26, 2020, 07:59 PM IST
जयपुर/हनुमानगढ़. राजस्थान में टिड्डियों का हमला जारी है। राज्य में जगह-जगह टिड्डियों द्वारा फसलें चट की जा रही हैं। मंगलवार को हनुमानगढ़ के पास पीलीबंगा में टिड्डियों ने हमला किया। यहां बड़ी संख्या में टिड्डियों का दल पहुंचा। इस दौरान किसान थाली, पीपे और बर्तन बजाकर टिड्डियों को भगाने की कोशिश की। वहीं, जयपुर के आसपास चौमूं, आमेर और झोटवाड़ा में भी कहीं-कहीं टिड्डियों का दल देखा गया।हनुमानगढ़ के पास पीलीबंगा में टिड्डियों के झुंड से किसानों के साथ साथ आमजन भी सकते में आ गए। पीलीबंगा में धानमंडी के नजदीक स्थित कृषि भूमियों में किसान भागकर पहुंचे। गांव अमरपुरा राठान के काश्तकार बलविंद्र सिंह चहल ने बताया कि ये टिड्डियां फसल के लिए बेहद घातक साबित होंगीं।
हवा के रुख के साथ राजस्थान में घूम रहा टिड्डियों का दल।
प्रदेश के 21 जिले प्रभावित; 51 हजार हेक्टेयर से ज्यादा खेतों में सरसों-जीरा-गेहूं की फसल को हो चुका है नुकसान.
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक सुवालाल के मुताबिक, प्रदेश में करीब 51 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल पर टिड्डियों का प्रभाव हो चुका है। पिछले साल प्रदेश के 12 जिलों पर टिड्डियोंने हमला किया था। इनमें जैसलमेर, बाड़मेर, जोधुपर, बीकानेर, जालौर, सिरोही, पाली, नागौर, उदयपुर, चूरू, हनुमानगढ़, गंगानगर में करीब 7 लाख हेक्टेयर में सरसों, जीरा, ईसबगोल और गेहूं की फसल को टिड्डियों ने चौपट कर दिया था।
इस बार 21 जिलों में टिडि्डयों का प्रभाव देखा जा रहा है। इनमें अजमेर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, झालावाड़, बूंदी, सीकर, जयपुर और दौसा भी शामिल हैं। इनमें से सरकार ने करीब 8 जिलों के प्रभावित 77 हजार किसानों का सर्वे करवाया है। इनमें से 55 हजार किसानों को 89 करोड़ रुपए की सहायता भी दी गई।
हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा में अचानक टिड्डियों का झूंड देख लोग घर के अंदर घुसे।
कृषि विभाग के उप निदेशक बीआर कड़वा का कहना है कि पश्चिम से आने वाली आंधियां टिडि्डयों को जयपुर तक लाई। अधिकतर टिड्डियां भूमध्य सागर के देशों अफ्रीका, ईरान में प्रजनन करती हैं। यहां से अफगानिस्तान, पाक होते हुए भारत पहुंचने में समय लगता है। पिछले साल टिड्डियों ने अफगान-पाक बॉर्डर, सिंधु घाटी के आसपास ब्रीडिंग की। पाक ने कंट्रोल का उपाय नहीं किया। इसी के चलते बरसात के मौसम से पहले गर्मियों में ही राजस्थान व पंजाब से सटी पाक सीमा से टिड्डियों का प्रवेश हो गया।
जयपुर में आसपास टिड्डी दल का मूवमेंट
टिड्डियों का दल रविवार रात 9:00 बजे विद्याधर नगर क्षेत्र में पहली बार पहुंचा था। जिसके बाद सोमवार सुबह 7:30 बजे चौड़ा रास्ता, चांदपोल, किशनपोल में दिखा।12:00 बजे बस्सी कानोता के आसपास के गांवों में पहुंचा। 2:00 बजे दोपहर को एक दल दौसा की तरफ निकल गया, दूसरा दल करौली चला गया।
05/27/2020 07:58 AM