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श्मशान घाट हादसाः समीर, शादाब और तनवीर साबित हुए देवदूत बचाई कई जाने: सिलचर (असम) में भी कायम की हिंदू मुस्लिम एकता।
मुरादनगर (यूपी) : आज असम के सिलचर में हिंदू मुस्लिम एकता एवं भाईचारा कायम करने की मिसाल मोहम्मद जलालुद्दीन द्वारा कायम होने के बाद गाजियाबााद के मुरादनगर में भी कुछ ऐसा ही दिलचस्ब नजारा देखने को मिला है, यहांं पर श्मशान घाट का छज्जाजा गिरने के बाद घायलों को तुरंत बचाने के लिए समीर, शादाब और तनवीर ऐसे थे कि वह तुरंत बचाव में जुट गए. उनकी इस कोशिश ने चार लोगों की जान बचा ली. हां, इससे एक बात और हुई कि दूसरे लोगों को बचाव कार्य में जुटने की प्रेरणा मिली और पुलिस के आने से पहले ही कई लोग मलबे से निकाले जा चुके थे।
मोहम्मद समीर ने बताया कि वह श्मशान के पास ही काम कर रहे थे, छत गिरने की आवाज आई तो वह उधर दौड़ पड़े. देखा कि लोग मलबे नीचे दबे हुए हैं तो उन्होंने शोर मचाया और अन्य लोगों को बुलाया. वह खुद भी हथौड़ी और छैनी लेकर दौड़े. उनके साथ मोहम्मद तनवीर व शादाब भी आ गए. समीर बताते हैं कि जब तक वहां भीड़ जुटती तब तक वे तीनों चार लोगों को जिंदा निकाल चुके थे. बाद में कई मृत लोगों के शव को भी निकाले।
मोहम्मद तनवीर ने बताया कि पहले समझ में नहीं आ रहा था कि करना क्या है, लेकिन ऊपर वाला हिम्मत देता गया और हम लोगों को बाहर निकालते रहे. समीर और तनवीर कहते हैं कि उस समय ऊपर वाले ने अलग हिम्मत दी, जिसके दम पर हथौड़ी चला रहे थे. नीचे सन्नाटा था और ऊपर भगदड़ मची थी. सभी अपने-अपने तरीके से मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए प्रयास कर रहे थे.
पुलिस-प्रशासन के आने से पहले कई लोगों को बाहर निकाला जा चुका था. शादाब ने बताया कि खून देखकर मन विचलित हो रहा था, दिल रो रहा था. कोशिश थी कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाकर अस्पताल तक पहुंचा दें.
01/04/2021 03:23 PM