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बिजली इंजीनियर्स का उत्पीड़न हुआ तो सड़कों पर उतरेगें कर्मचारी, अन्य संवर्ग अभियंताः हरिकिशोर तिवारी: कहा लोनिवि के अवर अभियंता विद्युत अभियंता की डियुटी में असमर्थ!
लखनऊ, 5 अक्टूबर। उत्तर प्रदेेश डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निमार्ण के अध्यक्ष इं. हरिकिशोर तिवारी ने प्रदेष के कतिपय जनपदों में विद्युत कार्मिक के प्रस्तावित कार्य बहिश्कार के मद्देनज़र लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंताओं की ड्यूटी विद्युत वितरण उपखण्ड में लगाये जाने का विरोध जताया है। उनका कहना है कि इस तरह की डियुटी लगाया जाना अनुचित है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण अभियंता प्रषिक्षित एवं दक्ष नही है इसलिए कोई दुघर्टना हो सकती है। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन, उ.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ का घटक संघ है। यदि राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन उ.प्र. द्वारा आह्वान किया जाता है अथवा सरकार द्वारा उनका उत्पीड़न होता है और उ.प्र.डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ अथवा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ.प्र. बिजली अभियंताओं के आन्दोलन में भागीदारीी करेगा।
मुख्य सचिव को लिखें पत्र मेें कहा कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उ.प. के तत्वावधान में पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के विघटन व निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में विद्युत कार्मिक प्रान्तस्तरीय आन्दोलन कर रहे हैं, आन्दोलन में विद्युत विभाग के अवर अभियंता भी सम्मिलित हैं। इस आन्दोलन के अन्तर्गत 05 अकटूबर 2020 से प्रस्तावित कार्य बहिश्कार के मद्देनज़र लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंताओं की ड्यूटी कतिपय जनपदों में विद्युत वितरण उपखण्डों पर लगायी जा रही है, जो कि सर्वथा अनुचित है।
इस सम्बन्ध में संघ के उच्चाधिकार समिति की आपात बैठक में विचार-विमर्ष के उपरान्त निर्णय लिया गया कि लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता विद्युत कार्यो हेतु प्रषिक्षित एवं दक्ष नही हैं। परिणाम स्वरूप विद्युत उपखण्डों पर कोई भी दुघर्टना हो सकती है जो उनके स्वयं एवं जनता के हित में नही है। इसलिए लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता द्वारा विद्युत वितरण उपखण्ड पर ड्यूटी सम्पादित करना उचित नही है।सरकार की निजीकरण की नीति कर्मचारी हित में नही है इससे कार्मिकों का षोशण होगा, यह जनहित में भी नही है। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ, लोक निर्माण विभाग निजीकरण की नीति का पुरजोर विरोध करता है। इसलिए निजीकरण के विरूद्ध प्रस्तावित किसी भी आन्दोलन का पूर्ण समर्थक है। इसलिए संघ के सदस्यों (अवर अभियंतागण) को आन्दोलनरत अभियंताओं के स्थान पर ड्यूटी सम्पादित करने का कोई औचित्य नही है।
राज्य विद्युत परिशद जूनियर इंजीनियर्स संगठन, उ.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ का घटक संघ है। यदि राज्य विद्युत परिशद जूनियर इंजीनियर्स संगठन उ.प. द्वारा आह्वान किया जाता है अथवा सरकार द्वारा उनका उत्पीड़न होता है और उ.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ अथवा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ.प.द्वारा निर्देष दिया जाता है, तो डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ, लोक निर्माण विभाग उ.प. के प्रदेष के समस्त सदस्य अभियन्ता उनके समर्थन में आन्दोलन भी करेंगे। इस बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री षिवबरन सिंह यादव, संगठन मंत्री संजीव गुप्ता, अविनाष चन्द्र श्रीवास्तव, सुभाषचन्द्र तिवारी के अलावा डिप्लोमा महासंघ के महासचिव इं. जी.एन. सिंह, डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के इं. दिवाकर राय, इं. एन.डी. द्विवेदी आदि मौजूद थे।
10/05/2020 01:14 PM