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लोगों ने आयोग को भेजा बिजली दर का प्रस्ताव, प्रति यूनिट इतने रुपए देना चाहती है जनता?: महंगी बिजली से लोगों का बुरा हाल!
लखनऊ: उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने जनता की तरफ से बिजली दर का प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल किया है। प्रस्ताव में घरेलू फिक्स्ड चार्ज तथा कामर्शियल न्यूनतम चार्ज को समाप्त करने के साथ ही किसानों की बिजली दरों में कमी किए जाने की बात कही गई है। प्रति यूनिट बिजली की दर भी चालू दर से कम प्रस्तावित किया गया है। नियामक आयोग ने उपभोक्ता परिषद के इस प्रस्ताव को स्वीकार किया तो प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को काफी राहत मिल जाएगी।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने नियामक आयोग में दाखिल बिजली कंपनियों के वार्षिक राजस्व आवश्यक्ता (एआरआर) तथा बिजली दर प्रस्ताव को उपभोक्ता विरोधी बताया है। नियामक आयोग चेयरमैन को जनता की तरफ से प्रस्तावित बिजली दर का प्रस्ताव सौंपते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता से राय लेने के बाद यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव को लेने के पश्चात नियामक आयोग के चेयरमैन ने प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया। कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद ही फैसला किया जाएगा।
प्रदेश की बिजली कम्पनियों द्वारा वर्ष 2020-21 के लिये दाखिल एआरआर व बिजली दर प्रस्ताव पर विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मंगलवार को प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की तरफ से आपत्तियां और जनहित प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष आरपी सिंह को सौंपा। नियामक आयोग अध्यक्ष को यह भी बताया कि विगत वर्ष आयेाग द्वारा उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकले 13337 करोड़ रुपये के आधार पर जनता का बिजली दर प्रस्तावित किया गया है। पावर कारपोरेशन के गैप 4500 करोड़ को घटाकर प्रदेश के सभी विद्युत उपभोकताओं को चार प्रतिशत रेग्युलेटरी लाभ देने की मांग भी की है।
08/12/2020 09:17 PM