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"मेरा नाम वशीर अहमद पुत्र श्री ज़हीर अहमद निवासी मोहल्ला क़बूलपुरा निकट छोटी कर्बला मस्जिद के ठीक सामने में अपने पूरे होसो आवास में अपनी हाथमा हत्या कर रहा हूँ जिसके जिम्मेदार बदायूँ के कुछ पत्रकार है मुझे कुछ पत्रकार दुबारा रास्ते मे आते जाते समय रोक रोक कर धमकियां दी जा रही थी कि हम तुम्हें फ़र्ज़ी मुकदमे में जेल करा ढींगे और तुझे जीने नही ढींगे जान से मार ढींगे में आप सब से और प्रशासन से यह और बताना चाहता हूँ कि मेरी मौत के बाद मेरे घर वालो को परेशान नही किया जाए औऱ उनकी सुरक्षा प्रशासन करे हो सख्ता है मेरी मौत के बाद मेरे खिलाफ जो भी लोग है बो मेरे घर वालो को परेशान करें ओर न मेरे किसी दोश्त को मेरे दो दोस्त जिन्होंने मुझे बहुत खुश औऱ अपने भाई की तरह रखा मोहम्मद सुबूर अहमद खान और मोहम्मद वासिफ़ मेरे दोश्त और मेरे घर वालो से पुलिस पूछ ताश में परेशान बिल्कुल न करे औऱ आपको यह भी बता दु में की मेरा गुना इतना था कि में पत्रकारिता करता था और समाजवादी पार्टी की काम की खबरें लिखता था जो भारतीय जनता पार्टी के कूछ कार्यकर्ताओं को भी पसंद नही था क्यो की समाजवादी पार्टी का काम बोलता है औऱ मुसलमान था में इसलिये मुझे कुछ पत्रकारों ने जाल बिछाया और मुझे फसा दिया और जब मेरी जमानत हो गयी फिर 5 6 दीन बाद मुझे फीर से लोगो ने प्रतारीत करना शुरु करदिया और हा और मेरे अपने एक पत्रकार साथी को बता दु जो मेरे से शिकायत थी आपको उसका जबाव भी में आपको दे रहा हूँ कि मरते वक्त कोई झुठ नही बोलता यह लैटर वाला काम मेरा नही है आपको और मेरे बीच में कोई दरार डालने की कोशिश कर रहा है मेरा इसमे कोई हाथ नही है और हा मेरे से जो भी गलती हुई है बो आप मुझे माफ़ करना औऱ में अपने सभी मिलने वालो से और समाजवादी साथियों से में आप सबसे माफी मांगता हूँ और दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ अगर हो सखे तो सभी समाजवादी साथियो से मेरा निवेदन हैं की मेंरे घर वालो की सांसद जी दुबारा मदद की जाए क्योंकि मेरी 2 सिस्टर है उनकी शादी में घर वालो को पैसे की जरूरत पढेगी मेरे पापा मजदूर है मेरा बड़ा भाई भी मजदूर है हो सखे तो ज्यादा से ज्यादा समाजवादी पार्टी के युवा दिलों की धड़कन हमारे बड़े भाई सांसद जी औऱ पार्टी के सभी समानित साथी व कार्यकर्ताओं एव समाजसेवियों और में अपने माता व पिता से माफी माँगता हूँ मेरी किसी भी बात से आपको दुख हुआ हो तो मुझे माफ़ कर देना ऒर मेरी मौत के बाद आप कोई भी गलत कदम मत उठाना पूरे परिवार को खुश रखना मुझे यह सब देखकर खुशी मिलेगी और अम्मी मेरे ऊपर घर का लोन है 150000 एक लाख पचास हजार सर्व यूपी ग्रामीण बैंक लबेला चौक के और 45000 हज़ार मेने सुबूर से लिये थे अनस भाई की शादी पर जिसमे मेने सुबूर भाई को 18000 हज़ार रुपए दे दिए है वाकी सब आपको सही करना है बड़े भाई वासिफ़ के 3 या 4 हज़ार रुपये है उसको भी दे देना आराम से बस और आप सब लोग मेरे लिए दुआ करना और अम्मी छोटे बड़े सरकारों पर जाकर 2 बार चादर चढ़ाना मेने बोल दिया है औऱ मेरे लिए दुआ करना मेरी तीनो बहनो ने मुझे बहुत आराम दिया औऱ मेरे सब काम आराम से करती थी मेरे दोनो भाइयों ने भी मुझे बहुत प्यार दिया मेरे बहनोई बड़े बहुत अच्छे है आप लोग हमेशा सब खुश रहो मेरी घर की बड़ी भाभी को भी हमेशा खुश रखना और मेरे दोश्त मेरे भाई वासिफ़ आपसे एक काम है मेरे मरने के बाद उमीद है आप पूरा कर दोगे मेरे बैंक के खाते बन्द करवा देना मेरी अम्मी को या घर पापा को केनरा बैंक ,hdfc बैंक, sbi city branch budaun, और मेरी गाड़ी मेरे बड़े भाई के नाम करा देना औऱ मेरी कब्र पर आकर मेरे लिए दुआ पढ़ दिया करो मुझे शुकुन मिलेग यह मैसेज में आप सबको इसलिए सेंड कर रहा हूँ की आप सब लोग मेरे बारे में गलत न सोचो😭😭😭😭😭😭😭😭🙏😭
बदायूं: नौजवान बशीर अहमद ने तंग आकर जहर खाकर दी जान: आत्महत्या से पहले लिखा नोट, कुछ पत्रकारों को बताया आत्महत्या का जिम्मेदार।
बदायूं: दिनांक 22 जुलाई 2020 को बदायूं के कबूलपुरा मोहल्ला के पास कर्बला रोड पर एक नौजवान बशीर अहमद ने अचानक विष खाकर जान दे दी और व्हाट्सएप पर परिवार वालों को पूरा लेख लिखकर बताई वजह, उसनेे लिखा कि:
"मेरा नाम वशीर अहमद पुत्र श्री ज़हीर अहमद निवासी मोहल्ला क़बूलपुरा निकट छोटी कर्बला मस्जिद के ठीक सामने में अपने पूरे होसो आवास में अपनी हाथमा हत्या कर रहा हूँ जिसके जिम्मेदार बदायूँ के कुछ पत्रकार है मुझे कुछ पत्रकार दुबारा रास्ते मे आते जाते समय रोक रोक कर धमकियां दी जा रही थी कि हम तुम्हें फ़र्ज़ी मुकदमे में जेल करा ढींगे और तुझे जीने नही ढींगे जान से मार ढींगे में आप सब से और प्रशासन से यह और बताना चाहता हूँ कि मेरी मौत के बाद मेरे घर वालो को परेशान नही किया जाए औऱ उनकी सुरक्षा प्रशासन करे हो सख्ता है मेरी मौत के बाद मेरे खिलाफ जो भी लोग है बो मेरे घर वालो को परेशान करें ओर न मेरे किसी दोश्त को मेरे दो दोस्त जिन्होंने मुझे बहुत खुश औऱ अपने भाई की तरह रखा मोहम्मद सुबूर अहमद खान और मोहम्मद वासिफ़ मेरे दोश्त और मेरे घर वालो से पुलिस पूछ ताश में परेशान बिल्कुल न करे औऱ आपको यह भी बता दु में की मेरा गुना इतना था कि में पत्रकारिता करता था और समाजवादी पार्टी की काम की खबरें लिखता था जो भारतीय जनता पार्टी के कूछ कार्यकर्ताओं को भी पसंद नही था क्यो की समाजवादी पार्टी का काम बोलता है औऱ मुसलमान था में इसलिये मुझे कुछ पत्रकारों ने जाल बिछाया और मुझे फसा दिया और जब मेरी जमानत हो गयी फिर 5 6 दीन बाद मुझे फीर से लोगो ने प्रतारीत करना शुरु करदिया और हा और मेरे अपने एक पत्रकार साथी को बता दु जो मेरे से शिकायत थी आपको उसका जबाव भी में आपको दे रहा हूँ कि मरते वक्त कोई झुठ नही बोलता यह लैटर वाला काम मेरा नही है आपको और मेरे बीच में कोई दरार डालने की कोशिश कर रहा है मेरा इसमे कोई हाथ नही है और हा मेरे से जो भी गलती हुई है बो आप मुझे माफ़ करना औऱ में अपने सभी मिलने वालो से और समाजवादी साथियों से में आप सबसे माफी मांगता हूँ और दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ अगर हो सखे तो सभी समाजवादी साथियो से मेरा निवेदन हैं की मेंरे घर वालो की सांसद जी दुबारा मदद की जाए क्योंकि मेरी 2 सिस्टर है उनकी शादी में घर वालो को पैसे की जरूरत पढेगी मेरे पापा मजदूर है मेरा बड़ा भाई भी मजदूर है हो सखे तो ज्यादा से ज्यादा समाजवादी पार्टी के युवा दिलों की धड़कन हमारे बड़े भाई सांसद जी औऱ पार्टी के सभी समानित साथी व कार्यकर्ताओं एव समाजसेवियों और में अपने माता व पिता से माफी माँगता हूँ मेरी किसी भी बात से आपको दुख हुआ हो तो मुझे माफ़ कर देना ऒर मेरी मौत के बाद आप कोई भी गलत कदम मत उठाना पूरे परिवार को खुश रखना मुझे यह सब देखकर खुशी मिलेगी और अम्मी मेरे ऊपर घर का लोन है 150000 एक लाख पचास हजार सर्व यूपी ग्रामीण बैंक लबेला चौक के और 45000 हज़ार मेने सुबूर से लिये थे अनस भाई की शादी पर जिसमे मेने सुबूर भाई को 18000 हज़ार रुपए दे दिए है वाकी सब आपको सही करना है बड़े भाई वासिफ़ के 3 या 4 हज़ार रुपये है उसको भी दे देना आराम से बस और आप सब लोग मेरे लिए दुआ करना और अम्मी छोटे बड़े सरकारों पर जाकर 2 बार चादर चढ़ाना मेने बोल दिया है औऱ मेरे लिए दुआ करना मेरी तीनो बहनो ने मुझे बहुत आराम दिया औऱ मेरे सब काम आराम से करती थी मेरे दोनो भाइयों ने भी मुझे बहुत प्यार दिया मेरे बहनोई बड़े बहुत अच्छे है आप लोग हमेशा सब खुश रहो मेरी घर की बड़ी भाभी को भी हमेशा खुश रखना और मेरे दोश्त मेरे भाई वासिफ़ आपसे एक काम है मेरे मरने के बाद उमीद है आप पूरा कर दोगे मेरे बैंक के खाते बन्द करवा देना मेरी अम्मी को या घर पापा को केनरा बैंक ,hdfc बैंक, sbi city branch budaun, और मेरी गाड़ी मेरे बड़े भाई के नाम करा देना औऱ मेरी कब्र पर आकर मेरे लिए दुआ पढ़ दिया करो मुझे शुकुन मिलेग यह मैसेज में आप सबको इसलिए सेंड कर रहा हूँ की आप सब लोग मेरे बारे में गलत न सोचो😭😭😭😭😭😭😭😭🙏😭
मुझे माफ़ करना आप सब लोग।"
इस लेख के बाद मृतक बशीर अहमद की मृत्यु की जांच पुलिस कर रही है और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आश्वासन पुलिस ने परिवार को दिया है।
07/23/2020 07:18 PM