Lucknow
सुप्रीम कोर्ट की उत्तर प्रदेश सरकार को सीएए एनपीआर (CAA-NPR) पर कड़ी फटकार:
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि 2019 में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के चलते जिनके खिलाफ नोटिस जारी किए गए थे वह नोटिस वापस ले लिए जाएं और वसूली भी ना की जाए।
लखनऊ में कबाड़ का काम करने वाले माहनूर चौधरी सीएए विरोधी गतिविधियों में गिरफ्तार किए गए थे, उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने सीएए प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ की थी उनकी दुकान सील कर दी गई और उन पर ₹20 लाख रुपए जुर्माना वसूलने का नोटिस चस्पा कर दिया गया था, अब वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बड़ी राहत महसूस कर रहे हैं।
अब यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह वसूली के ऐसे 274 नोटिस वापस ले रही है और कानूनी कार्यवाही भी रोक रही है।
स्थानीय निवासी माहनूर चौधरी ने बताया कि वह रोड से बच्चों के साथ गुजर रहे थे कि पुलिस वालों ने रोक लिया और कहा कि उधर से मत जाओ और हमारा फोटो खींच लिया उसके बाद तुरंत 26 तारीख को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
ऐसी ही कार्रवाई दीपक कबीर पर भी हुई उनके ऊपर ₹60 लाख का जुर्माना लगाया गया था उन्होंने कहा कि हमें कोर्ट पर यकीन था क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें गलत बताया था और पूरा इलीगल प्रोसेस था हमारे ऊपर बेहिसाब केस लगाए हमारी जमानत होने के बाद जमानत कैंसिल करने का काम किया और हमारे ऊपर खतरनाक होने का भी मुकदमा किया गया उसके बाद आपने कई एफआईआर और दर्ज की कोरोनावायरस के चलते लोगों का कारोबार ठप हो गया और ऐसे में आप हमारे पास आ रहे हैं कि नोटिस का पैसा जमा करें।
सामाजिक कार्यकर्ता सदफ ज़फ़र ने बताया कि यह बहुत बड़ी जीत है इसमें बहुत सारे ऐसे गरीब लोग थे जिन पर छोटा मोटा सरमाया उन्होंने दिया था डर के क्योंकि या तो वे लीगल एड अपने लिए नहीं कर पाए थे या जो भी हुआ था तमाम लोगों के लिए यह बहुत बड़ी जीत है।
02/19/2022 05:43 AM