Lucknow
पंजाब व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने लखीमपुर खीरी में शहीद पत्रकार के परिजनों को 50-50 लाख रुपए देने का ऐलान किया: लखीमपुर खीरी बवाल में मारे गए पत्रकार के पिता ने केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ एफआईआर के लिए दी तहरीर।
लखीमपुर खीरी। लखनऊ। छत्तीसगढ़ और पंजाब दोनों सरकारों ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए 4 किसानों और एक पत्रकार के परिवारों को 50-50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। कांग्रेस शासित दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री पार्टी नेता राहुल गांधी के साथ लखनऊ पहुंचे हैं, जहां से उनका इरादा पीड़ितों के परिवारों से मिलने लखीमपुर खीरी जाने का है।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि लखीमपुर हिंसा ने उन्हें 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड की याद दिला दी। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने लोकतंत्र का “मजाक” बनाया है। उन्होंने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, “हमारी सरकार लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों और पत्रकार के परिवारों को 50-50 लाख रुपये देगी।”
इसी भावना को व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार भी किसानों के परिवारों और पत्रकार को 50 लाख रुपये देगी। लखीमपुर खीरी में रविवार की हिंसा में मारे गए 8 लोगों में से 4 किसान थे, जिन्हें कथित तौर पर UP के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के स्वागत के लिए इलाके में एक कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे वाहनों ने टक्कर मार दी थी।
यूपी के लखीमपुर खीरी में हुए बवाल का मामला जल्द थमता नहीं दिखाई दे रहा है। रविवार को जिले के तिकोनिया इलाके में हुई घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में पत्रकार रमन कश्यप भी शामिल है। रमन की मौत से उसके परिवार में मातम पसरा हुआ है। मंगलवार को रमन के पिता ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है।
रमन के पिता दाम दुलारे ने बताया कि मेरा बेटा कवरेज करने के लिए हादसे वाली जगह पर गया था और वहां उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा किसान आंदोलन की कवरेज करने गया था। इसी दौरान केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने चढ़ा दी कार और उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि यह घटना तकरीबन पौने 4 बजे की है। ना तिकोनिया और ना ही निघासन में उसका इलाज किया गया. सीधे-सीधे लखीमपुर में उसके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
पीड़ित पिता ने आगे बताया कि अगले दिन सुबह तड़के 3 बजे मुझे जानकारी मिली कि एक शव मॉर्चरी में पड़ा हुआ है, तब जाकर मैंने चार बजे देखा और फिर पहचाना कि यह शव मेरे बेटे का ही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर सही समय पर बेटे को इलाज मिल जाता तो उसकी मौत नहीं होती। साथ ही यदि पुलिस फोर्स वहां पर सही तरीके से तैनात की गई होती तो रविवार दोपहर को हई घटना रुक सकती थी।
रमन की मौत कोई हादसा नहीं, दर्दनाक तरीके से की गई हत्या
वहीं, घटनास्थल पर मौजूद एक पत्रकार विनीत कुमार गुप्ता ने दावा किया कि रमन की मौत कोई हादसा नहीं थी, बल्कि उसकी दर्दनाक तरीके से हत्या की गई है। विनीत ने कहा कि किसान अपना कार्यक्रम कर रहे थे. जो एक काले झंडे को दिखाना था, वह दिखा रहे थे, तभी बीजेपी की तीन गाड़ियां तिकोनिया से आ रही थीं और उनकी स्पीड काफी ज्यादा था। आगे एक थार गाड़ी थी, उसके पीछे फॉरच्यूनर। किसान प्रदर्शन कर रहे थे और उनके बीच में हमारा पत्रकार भाई था जब उसे ठोकर लगी तो वह गिर गया। इसके बाद पीछे चोट लगी और उसे घसीटते हुए निकल गए।
10/06/2021 11:42 AM