Lucknow
असदुद्दीन ओवैसी चंद्रशेखर आजाद ओमप्रकाश राजभर आए एक साथ: दलित, मुस्लिम एवं पिछड़ा वर्ग के तीनों हैं दमदार नेता।
उत्तरप्रदेश। लखनऊ। आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां लगातार मंथन कर रही हैं वहीं दूसरी ओर लोगो का दिल जीतने का प्रयास भी हर एक पार्टी कर रही है, विपक्षी पार्टी जनता के मुद्दों को लगातार उठा रही है और वह आगामी चुनाव 2022 में उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी को हराने के प्रयास में सभी दलों को एक साथ लेकर जमीनी स्तर पर आ चुके हैंसमीकर।
AIMIM पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की गिनती मुस्लिम नेताओं में होती है और वह मुसलमानों पर हो रहे जुल्म ज्यादती की आवाज सड़क से लेकर संसद तक उठाते हैं और इंसाफ की लड़ाई लेने के लिए जाने जाते हैं वह प्रधानमंत्री सहित भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं को भी जमकर आईना दिखाने का काम करते हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों ने बताया कि असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों एवं दलितों को एक साथ लाने के लिए बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बहन कुमारी मायावती के साथ गठबंधन करके भारतीय जनता पार्टी को हराने का काम करते परंतु बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख बहन मायावती नए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन करने पर विराम लगाते हुए अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
आज लखनऊ में ओमप्रकाश राजभर और चंद्रशेखर आजाद रावण, बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी तीनों की सफलतापूर्वक मीटिंग हुई है जिसकी सूचना असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी।
विधानसभा चुनाव के लिए नए समीकरण
आगामी विधानसभा चुनाव 2022 उत्तर प्रदेश को देखते हुए यह तीनों का एक साथ आना अन्य राजनीतिक नेताओं में खलबली पैदा जरूर करेगा क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी चंद्रशेखर आजाद वाह ओमप्रकाश राजभर तीनों उत्तर प्रदेश के चुनाव में अन्य पार्टियों के समीकरण को बिगाड़ कर नया मोर्चा तैयार कर सकते हैं। चंद्रशेखर आजाद के साथ लगातार बहुजन समाज पार्टी से निकाले गए नेता जुड़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर यूथ भी बड़ी तेजी के साथ चंद्रशेखर आजाद को पसंद कर रहे हैं एवं उनकी पार्टी आजाद समाज पार्टी को ज्वाइन भी कर रहा है। बहरहाल देखना होगा कि इन तीनों का गठबंधन समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस पर कितना असर आगामी चुनाव में डालेगा।
08/27/2021 09:24 AM