Delhi
बी.एस.पी. अकेले अपने बलबूते पर लड़ेगी चुनाव, काशीराम की जयंती पर किया ऐलान: बिना किसी दल / संगठन / पार्टी से गठबंधन करके नही लड़ेगी तथा किसी के लिए भी एक सीट नहीं छोड़ेगी।
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में कांशीराम को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के बाद पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पत्रकारों से रूबरू हुईं। उन्होंने कहा कि बसपा पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु व पुडुचेरी में अकेले अपने बूते पर ही लड़ रही है। यूपी में भी पार्टी अकेले पंचायत और विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि देश में परमपूज्य बाबा साहेब डा . भीमराव अम्बेडकर के महत्वाकांक्षी व मानवतावादी आत्म - सम्मान व स्वाभिमान के मूवमेन्ट को जिन्दा कर व उसे नई शक्ति एवं उर्जा प्रदान करके देश में समाज , संविधान व लोकतंत्र को अभूतपूर्व मजबूती प्रदान करने का ऐतिहासिक काम करने वाले बामसेफ , डी.एस -4 एवं बी.एस.पी. के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर श्री कांशीरामजी की जयन्ती आज पूरे देश व खासकर उत्तर प्रदेश में काफी सादगी , शालीनता व अपार श्रद्धा से मनाया गया , जिसके लिये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने उन सभी लोगों का हार्दिक आभार प्रकट किया ।
केन्द्र व यूपी सहित विभिन्न राज्यों में बीजेपी व अन्य पाटियों की सरकारों के दौरान पेट्रोल , डीजल व रसोई गैस आदि की बढ़ती कीमतों से आसमान छूती महंगाई , विकराल गरीबी व बेरोजगारी तथा खराब शान्ति - व्यवस्था आदि के कारण गरीब व मेहनतकश जनता का जीवन दिन - प्रतिदिन अति - कठिन होता जा रहा है , लेकिन इसके विपरीत इस कोरोना के विपत्तिकाल में भी देश के कुछ पूंजीपतियों व धन्नासेठों के अकूत निजी धन में जो भारी बढ़ोत्तरी होती जा रही है वह सरकार की जनहित व जनकल्याण सम्बंधी नीति व नीयत पर सवाल खड़ी करती है । इससे गरीबों का भला नहीं हो पा रहा है।
देश के किसान केन्द्र सरकार के बनाये गये तीन कृषि कानूनों से सहमत नहीं है तो फिर केन्द्र की सरकार को अपने इन तीनों कृषि कानूनों को वापिस ले लेना चाहिये , यही उचित होगा व बी.एस.पी. की भी यह मांग भी है और इस मामले में हमारी पार्टी पूरे तौर से किसानों की इस मांग के साथ खड़ी है । अर्थात् हमारी पार्टी यही चाहती है कि केन्द्र की सरकार अपने तीनों कृषि कानूनों को जरुर वापिस ले ।
बी.एस.पी. यूपी में भी आगामी पंचायत चुनाव तथा विधानसभा का आमचुनाव भी अकेले अपने बलबूते पर ही लड़ेगी । हमें इस बात का एहसास है कि हम जिस भी पार्टी से गठबंधन करके चुनाव लड़ते हैं तो ऐसी स्थिति में हमारा वोट तो ट्रांसफरेबल है , जिससे गठबंधन करते हैं उनको हमारा वोट ट्रांसफर हो जाता है लेकिन दूसरी पार्टी अपना वोट हमारे उम्मीद्वार को ट्रांसफर नहीं करा पाती हैं । इसलिए हमें गठबन्धन से कोई लाभ नहीं मिलता है । ( 5 ) इसके अलावा , बी.एस.पी. बात - बात पर धरना - प्रदर्शन , मीडिया में गलत - सही छाए रहने का प्रयास , ज्यादा शोषेबाजी व तामझाम आदि करने वाली पार्टी नहीं है और इसीलिए बी.एस.पी. दूसरी पार्टियों की तरह दिखावट व बनावट एवं पूँजीपतियों के धनबल पर शाहखर्ची आदि से काफी दूर है । ( 6 ) साथ ही , केन्द्र हो या राज्य . सभी सरकारें निजीकरण सम्बंधी फैसले लेती रहती है । बी.एस.पी. की सरकार में भी बन्द चीनी मिलों को बेचने का फैसला किसी मंत्री या मुख्यमंत्री का निजी फैसला नहीं था बल्कि यह कैबिनेट का सामूहिक फैसला था तथा ऐसा करते समय सभी कायदे - कानून व नियमों आदि का पालन सुनिश्चित किया गया थाः बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष , पूर्व सांसद व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी का आज यहाँ प्रेसवार्ता में सम्बोधन ।
आप लोगों को यह विदित है कि आज परमपूज्य बाबा साहेब डा . भीमराव अम्बेडकर के आत्म - सम्मान एवं स्वाभिमान के मूवमेन्ट के रुके कारवां को , मान्यवर श्री काशीराम जी द्वारा स्थापित किये गये , बामसेफ , डी.एस. - 4 व बी.एस.पी. के माध्यम से उसे नया जीवन व ऊर्जा देकर , देश में समाज व लोकतन्त्र को मजबूत करने का ऐतिहासिक कार्य करने वाले मान्यवर श्री कांशीराम जी की जयन्ती है जिनको सबसे पहले मैं हार्दिक दिल से नमन व अपने श्रद्धा - सुमन अर्पित करती हूँ । साथ ही मान्यवर श्री कांशीराम जी के अपार अनुयाइयों एवं समर्थकों को भी इनके जन्मदिन की उन्हें मैं हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें देती हूँ तथा उनसे यह भी उम्मीद करती हूँ कि ये लोग उनके मानवतावादी बी.एस.पी. मूवमेन्ट के समक्ष , आने वाली सभी चुनौतियों व षड़यन्त्रों आदि का डटकर मुकाबला करते हुये , इसे नई शक्ति व ऊँचाइयां प्रदान करने में लगातार संघर्ष करते रहेंगे ।
इसके साथ - साथ विकट परिस्थितियों में भी ये लोग कभी भी हताश व निराश नहीं होंगे और इन्हें मैं यह भी बताना चाहती हूँ कि बी.एस.पी. विरोधी जातिवादी पार्टियां व ताकतें चाहे सत्ता में हो या विपक्ष में , खासकर चुनाव के समय में ये सभी पार्टियां व ताकतें किस्म - किस्म के साम , दाम , दण्ड , भेद आदि अनेकों हथकण्डे इस्तेमाल करके बी.एस.पी. के विरुद्ध एकजुट हो जाती हैं जिनको मान्यवर श्री कांशीराम जी ने भी काफी झेला है और अभी भी बी.एस.पी. मूवमेन्ट की मजबूती को आघात पहुँचाने वालों से इन्हें हर स्तर पर जरुर सावधान रहना है । जहाँ तक मान्यवर श्री कांशीराम जी के व्यक्तित्व का सवाल है तो इनके बारे में यह बात सर्वविदित है कि इन्होंने अनेकों दुःख तकलीफें उठाके अपनी पूरी जिन्दगी बाबा साहेब डा . भीमराव अम्बेडकर के अधूरे पड़े कारवां को मंजिल तक पहुँचाने के लिए समर्पित की है । इसके साथ ही इन्होंने बाबा साहेब के बताये हुये रास्तों पर चलकर समाज में विशेषकर दलित , शोषित , पिछडे मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक आदि इन अपार दुःखी , पीडित व उपेक्षित वर्गों के लोगों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए भी पूरी - पूरी कोशिश की है और अब उनके देहान्त के बाद पूरे देश में एकमात्र बी.एस.पी. पार्टी ही उनके इस अधूरे पड़े कार्य को आगे बढ़ाने में पूरे जी - जान से लगी हुई है ताकि इन वर्गों के लोग यहाँ समाज में दूसरे वर्गों की तरह मान - सम्मान के साथ अपनी खुशहाल भरी जिन्दगी व्यतीत कर सके जिसके लिए , बी.एस.पी. इन लोगों को हर स्तर पर तैयार करने में रात - दिन पूरी मेहनत के साथ लगी हुई है और इनको पार्टी की हर छोटी - बड़ी बैठकों व जनसभाओं आदि में , उनकी यह बात भी समझाई जा रही है कि जब तक केन्द्र व राज्यों में जातिवादी , पूँजीवादी एवं संकीर्ण मानसिकता रखने वाली पार्टियों की सरकारें चलती रहेंगी तो तब तक पूरे देश में इन वर्गों के लोगों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति में सही बदलाव नहीं आ सकता है और ना ही इन वर्गों के लोगों के साथ - साथ यहाँ सर्वसमाज में से गरीबों , मजदूरों , किसानों , छोटे व्यापारियों एवं अन्य मेहनतकश लोगों की भी स्थिति में कोई खास बदलाव आ सकता है । इतना ही नहीं बल्कि अब तो केन्द्र व राज्यों में कांग्रेस , बीजेपी व अन्य पार्टियों की जो भी सरकारें चल रही हैं तो वे आयेदिन ऐसे नये - नये नियम व कानून आदि बना रही है , जिसमें ज्यादा पतन हो रहा है जिसके तहत ही पिछले कई महीनों से देश के किसान केन्द्र सर 2/4 तीन नये बनाये गये कृषि कानूनों को वापिस लेने के लिए अभी तक भी लगातार आन्दोलि , इस मामले में हमारी पार्टी ने केन्द्र की सरकार से बार - बार यह अनुरोध भी किया है और आज फिर से हमारी पार्टी उनसे यह अनुरोध कर रही है कि जब देश के किसान केन्द्र सरकार के बनाये गये तीन कृषि कानूनों से सहमत नहीं है तो फिर केन्द्र की सरकार को अपने इन तीनों कृषि कानूनों को वापिस ले लेना चाहिये , तो यह उचित होगा और बी.एस.पी. की भी यह मांग है और इस मामले में हमारी पार्टी पूरे तौर से किसानों की इस मांग के साथ खड़ी है । और हमारी पार्टी यही चाहती है कि केन्द्र की सरकार अपने तीनों कृषि कानूनों को जरुर वापिस ले । इसके साथ - साथ जिन किसानों की इस आन्दोलन के दौरान मृत्यु हो गई है , तो केन्द्र के साथ - साथ राज्यों की सरकारें भी उनके पीड़ित परिवार को उचित आर्थिक सहायता जरुर प्रदान करें ।
साथ ही उनके एक सदस्य को इन्हें सरकारी नौकरी भी जरुर देनी चाहिये । इसके अलावा यहाँ मैं यह भी कहना चाहूँगी कि केन्द्र व उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में व खासकर बीजेपी की सरकारों के चलते यहाँ पेट्रोल - डीजल व रसोई गैस आदि की बढ़ती कीमतों से आसमान छूती महंगाई व विकराल गरीबी एवं बेरोजगारी से तथा खराब कानून - व्यवस्था आदि के कारण अब देश में गरीब व मेहनतकश लोगों का जीवन दिन - प्रतिदिन अति - कठिन होता जा रहा है लेकिन दूसरी तरफ इसके विपरीत कोरोना के संकट काल में भी देश के कुछ पूँजीपतियों व धन्नासेठों के अपार निजी धन में जो भारी बढ़ोत्तरी होती जा रही है , तो यह सरकार की जनहित व जनकल्याण सम्बन्धी नीति व नीयत पर भी काफी सवाल खड़ा करता है और इससे आमजनता का भला नहीं हो पा रहा है और खासकर यहाँ उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार में भी एक तरफ हर स्तर पर व्याप्त खराब कानून - व्यवस्था तथा लोगों की आमधारणा के मुताबिक यहाँ ज्यादातर जातिगत एवं द्वेष की भावना से किये गये एनकाऊन्टर व बुलडोजर आदि का इस्तेमाल किये जाने की वजह से तथा दूसरी तरफ विकास के कार्य भी अधिकांशः मीडिया में ही प्रचारित होने व जमीनी हकीकत में ना होने के कारण अब इनकी इस कार्यशैली ने भी यहाँ कि जनता को काफी परेशान करके रख दिया है ।
इन्हीं जरुरी बातों के साथ ही अब मैं मीडिया को यह भी बताना चाहती हूँ कि इस समय देश के कई राज्यों में विधानसभा के लिए आमचुनाव हो रहे हैं और हमारी पार्टी भी पश्चिम बंगाल , केरल , तमिलनाडु व पुड्डुचेरी में यह चुनाव अकेले अपने बलबूते पर ही लड़ रही है और इस मामले में आज मैं मान्यवर श्री कांशीराम जी के जन्मदिन के खास मौके पर वहाँ अपनी पार्टी के सभी छोटे - बड़े पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से यह भी अनुरोध करती हूँ कि वे यह चुनाव पूरी दमदारी के साथ लड़े तथा अपनी पार्टी का यहाँ बेहतर रिजल्ट भी दिखाने का हर सम्भव पूरा - पूरा प्रयास करें ताकि इन राज्यों में भी अपनी पार्टी की मूवमेन्ट आगे बढ़े तथा यहाँ अपने लोगों का भी कुछ भला हो सके । इस खास अपील के साथ ही अब मैं अन्त में मान्यवर श्री कांशीराम जी की पूरे देश में आज मनाई जा रही जयन्ती के बारे में यह भी बताना चाहती हूँ कि आज उनकी जयन्ती को उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में बी.एस.पी. के लोग खासकर कोरोना नियमों का पालन करते बहुत ही सादगी . शालीनता व अपार श्रद्धा के साथ इसे विभिन्न स्तर पर विचार - संगोष्ठी के रुप में मना रहे है , इसके साथ ही हमारी पार्टी की रही सरकार ने अनेकों कार्य करने के साथ - साथ यहाँ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इनके आदर - सम्मान में जो भव्य एवं विशाल मान्यवर श्री कांशीराम स्मारक स्थल बनाया है यहाँ पर व दिल्ली के नजदीक नोएडा में स्थित दलित प्रेरणा स्थल में भी बी.एस.पी. के लोग भारी संख्या में पहुँचकर आज इनको अपने श्रद्धा - सुमन अर्पित कर रहे है । उन सभी का भी मैं पूरे तहेदिल से आभार प्रकट करती हूँ । साथ ही उनसे इनके बताये हुये रास्तों पर चलने की भी अपील करती हूँ और यदि ये लोग ऐसा कर लेते है तो फिर यही इनके जन्मदिन के मौके पर आज इनकी सच्ची श्रद्धा भी होगी । इस उम्मीद के साथ ही अब मैं पुनः मान्यवर श्री कांशीराम जी को पूरे तहेदिल से नमन व अपने श्रद्धा - सुमन अर्पित करते हुये , अपनी बात यही समाप्त करती हूँ । इसके अलावा आप लोग कुछ ओर पूछना चाहते है तो आप एक - एक करके सवाल पूछ सकते हैं । धन्यवाद बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश स्टेट कार्यालय में आयोजित इस प्रेसवार्ता को सम्बोधित करने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए सुश्री मायावती जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल , केरल , तमिलनाडु व पुड्डुचेरी में बी.एस.पी. अकेले अपने बलबूते पर विधानसभा का आमचुनाव लड़ रही है तथा इससे किसको लाभ होगा या किसको हानि इससे हमारा मतलब नहीं है ।
बहुजन समाज पार्टी एक पार्टी के साथ - साथ एक मूवमेन्ट भी है । हमें इस बात का एहसास है कि हम जिस भी पार्टी से गठबंधन करके चुनाव लड़ते हैं तो ऐसी स्थिति में हमारा वोट तो ट्रांसफरेबल है , जिससे गठबंधन करते हैं उनको हमारा वोट ट्रांसफर हो जाता है लेकिन दूसरी पार्टियाँ अपना वोट हमारे उम्मीद्वार को ट्रांसफर नहीं करा पाती हैं । इसलिए हमें गठबन्धन से कोई लाभ नहीं मिलता है । बी.एस.पी. वास्तव में शोषितों , पीड़ितों , गरीब व कमजोर तबकों तथा सताए हुए लोगों को उनके पैर पर खड़ा करने के लिए भाईचारे के आधार पर उनकी सामाजिक एकता व गठबंधन पर ही ज्यादा ध्यान देती है अर्थात् विरोधी पार्टियों व उनके नेताओं आदि के साथ गठबंधन करने पर पार्टी का ध्यान कम ही होता है । वैसे भी बी.एस.पी. का मूवमेन्ट इन्हीं सताए हुए लोगों को अपने पाँव पर खड़ा करके सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने का मिशन है , ना कि अन्य पार्टियों की तरह अवसरवादी राजनीति करने का तंत्र व माध्यम । सुश्री मायावती जी ने कहा कि यूपी में भी बी.एस.पी. अकेले अपने बलबूते पर ही यहाँ शीघ्र ही होने वाला पंचायत चुनाव भी अपनी पूरी तैयारी व दमदारी के साथ लड़ेगी । हमलोग अन्दर - अन्दर तैयार में लगे हैं और अच्छा रिजल्ट दिखायेंगे । हमारी पार्टी यूपी का अगला विधानसभा आमचुनाव भी अपने बलबूते पर लड़ेंगे । इस प्रकार यूपी का अगला विधानसभा आमचुनाव भी बी.एस.पी. अकेले अपने बलबूते पर बिना किसी दल / संगठन / पार्टी से गठगंधन करके नही लड़ेगी तथा किसी के लिए भी एक सीट नहीं छोड़ेगी । इसके अलावा , वैसे भी बी.एस.पी. बात - बात पर धरना - प्रदर्शन , मीडिया में गलत - सही छाए रहने का प्रयास , ज्यादा शोषेबाजी व तामझाम आदि करने वाली पार्टी नहीं है और इसीलिए बी.एस.पी. दूसरी पार्टियों की तरह दिखावट व बनावट एवं पूँजीपतियों के धनबल पर शाहखर्ची आदि से काफी दूर है । यू.पी. में चीनी मिलों के बेचे जाने से सम्बंधित एक सवाल के जवाब में सुश्री मायावती जी ने कहा कि केन्द्र हो या राज्य , सभी सरकारें इस प्रकार के फैसले लेती रहती है । बी.एस.पी. की सरकार में भी बन्द चीनी मिलों को बेचने का फैसला किसी मंत्री या किसी मुख्यमंत्री का निजी फैसला नहीं था बल्कि यह कैबिनेट का सामूहिक फैसला था तथा ऐसा करते समय सभी कायदे - कानून व नियमों आदि का पालन सुनिश्चित किया गया था ।
इसी प्रकार कांग्रेस व प्रियंका गांधी के यूपी में गतिविधियों से सम्बन्धित एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए सुश्री मायावती जी ने कहा कि देश में लोकतंत्र है तथा हर पार्टी को अपने हिसाब से गठबंधन आदि करने का अधिकार है । कांग्रेस पार्टी यूपी में किससे गठबंधन करती है या अकेले लड़ती है यह तो उनकी पार्टी का अपना मामला व हिसाब - किताब है । बी.एस.पी. अकेले अपने बलबूते पर आगामी पंचायत व आने वाला विधानसभा आमचुनाव लड़ेगी , यह निश्चित है । इसी के साथ प्रेसवार्ता समाप्त हो गई । उल्लेखनीय है कि देश में अन्याय - मुक्त , शोषण - मुक्त व जाति - विहीन मानवतावादी समतामूलक सामाजिक व्यवस्था बनाने के लिये बाबा साहेब डा . भीमराव अम्बेडकर के कारवाँ को आगे बढ़ाने हेतु सम्पूर्ण जीवन समर्पित करके अपना सब कुछ उस मूवमेन्ट को न्योछावर करने वाले मान्यवर श्री कांशीराम जी के आदर - सम्मान में सुश्री मायावती जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बनी बी.एस.पी. की सरकार द्वारा अनेकों जनकल्याणकारी कार्यक्रम एवं परियोजनायें चलायीं गयीं एवं उनके नाम पर अनेकों कॉलेज , विश्वविद्यालय व अन्य शिक्षण संस्थायें एवं उनके नाम पर नये जिले आदि स्थापित किये गये । उत्तर प्रदेश में बी.एस.पी. सरकार द्वारा मान्यवर श्री कांशीराम जी के जीवन संघर्ष एवं उनकी स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने के लिये जो अन्य प्रमुख काम किये गये हैं , उनमें लखनऊ के वी.आई.पी. रोड पर भव्य ' मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक स्थल ' तथा उसी के समीप ' मान्यवर श्री कांशीराम जी ग्रीन ( इको ) गार्डेन ' का निर्माण प्रमुख है , जिससे राजधानी लखनऊ को एक नई पहचान मिली है । साथ ही , ‘ मान्यवर श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल ' एवं ' बहुजन नायक पार्क ' का निर्माण भी कराया गया और वी.आई.पी. रोड पर ही दूसरी तरफ ' बौद्ध विहार शांति उपवन ' में मान्यवर श्री कांशीराम जी की भव्य प्रतिमा स्थापित की गयी है जो ये सभी आकर्षक जन उपयोगी व पर्यटन स्थल होने के बावजूद केवल इनके बहुजन स्वाभिमान स्थल होने के कारण इनके रख - रखाव के प्रति पूर्व की समाजवादी पार्टी व वर्तमान में भाजपा की सरकार भी इनकी घोर उपेक्षा कर रही है । इसके अलावा , बी.एस.पी. सरकार द्वारा मान्यवर श्री कांशीराम जी पर्यटन प्रबन्ध संस्थान स्थापित किया गया , जिसमें बीबीए एवं बीबीए ( टूरिज्म ) के नये पाठ्यक्रम संचालित किये गये । श्री कांशीराम जी पर्यावरण भवन का निर्माण एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी बाल चिकित्सालय की स्थापना के महत्वपूर्ण काम किये गये । साथ ही , श्री कांशीराम जी अन्तर्राष्ट्रीय खेल पुरस्कार , मान्यवर श्री कांशीराम जी सामाजिक परिवर्तन सम्बन्धी पुरस्कार एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी राज्य हथकरघा पुरस्कार की शुरुआत की गयी । मान्यवर श्री कांशीराम जी की याद में कला सम्मान पुरस्कार तथा निर्यात प्रोत्साहन हेतु मान्यवर श्री कांशीराम जी निर्यात पुरस्कार भी स्थापित किया गया । बी.एस.पी. सरकार द्वारा मान्यवर श्री कांशीराम जी के जन्मदिन 15 मार्च एवं उनके परिनिर्वाण दिवस दिनांक 09 अक्तूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया । इसके अलावा , दिल्ली के नजदीक नोएडा में निर्मित ' राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में डा . भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी मूवमेन्ट को गति प्रदान करने वाले मान्यवर श्री कांशीराम जी को भी पूरा - पूरा आदर - सम्मान दिया गया । श्री कांशीराम जी कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय , बाँदा की स्थापना के अलावा , श्री कांशीराम जी के नाम से जिला कांशीराम नगर का गठन , मान्यवर श्री कांशीराम जी राजकीय मेडिकल कॉलेज , सहारनपुर में स्थापना व मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना के अन्तर्गत् गरीबों के लिए लगभग लाखों आवासों का निर्माण कराया गया । इसके साथ - साथ मान्यवर श्री कांशीराम जी यू पी . इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना तथा लखनऊ में मान्यवर श्री कांशीराम जी उर्दू - अरबी - फारसी विश्वविद्यालय की भी स्थापना की गयी , जिसका नया नामकरण कर दिया गया है । शहरी दलित बाहुल्य बस्तियों के विकास के लिए भी ' मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी दलित बाहुल्य बस्ती समग्र विकास योजना ' भी प्रारम्भ की गयी थी । इन युग परिवर्तनीय कार्यों के लिये माननीया बहनजी का मजबूत नेतृत्व हमेशा ही याद किया जाता रहेगा । अन्त में सुश्री मायावती जी ने मान्यवर श्री कांशीराम जी के सभी अनुयायियों से यही कहना है कि वे इनके बताये हुये रास्तों पर चलकर अपने मसीहा व भारतीय संविधान के मूल निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा . भीमराव अम्बेडकर के अधूरे कारवाँ को पूरा करने के लिए दिन - रात कड़ी मेहनत के साथ कार्य में लगे । यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी तथा इसी में सर्वसमाज का हित भी निहित है।
03/16/2021 12:09 PM