Delhi
किसान आंदोलन: दिल्ली पुलिस से मिली ट्रैक्टर परेड की अनुमति: ट्रैक्टर परेड का गणतंत्र दिवस के सरकारी कार्यक्रम पर कोई असर नहीं।
नई दिल्ली:
किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के बीच गणतंत्र दिवस के दिन होने वाली ट्रैक्टर परेड को लेकर समझौता हो गया है.यह समझौता किसान संगठनों और पुलिस के बीच कई दौर की वार्ताओं के बाद शनिवार की शाम को संभव हो पाया.स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने इस बारे में मीडिया को बताया दिल्ली पुलिस जिस रास्ते पर ट्रैक्टर परेड करने के लिए कह रही है, उस पर किसान राज़ी हो गए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की ट्रैक्टर परेड का गणतंत्र दिवस के सरकारी कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा.वहीं किसान संगठनों ने इस परेड में हिस्सा लेने की इच्छा रखने वाले सभी किसानों से अपील की है कि वो अनुशासन बनाए रखें.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि किसान संगठन के नेताओं से बातचीत तो सार्थक हुई है मगर रूट को लेकर अभी भी कुछ चीज़ें स्पष्ट की जानी हैं. किसान संगठनों के जो नेता पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत में शामिल थे उन्होंने आश्वासन दिया है कि रूट तय कर वो पुलिस को बता देंगे.
कौन-कौन सा रूट लिया जाए इसका सुझाव पुलिस ने किसान नेताओं को दिया था जिसपर सहमति बन गयी थी.किसान नेताओं का कहना है कि उन्हें प्रस्ताव ठीक लगा है और वो जल्द ही अपने फ़ैसले से दिल्ली पुलिस को अवगत करा देंगे.
दिल्ली पुलिस की तरफ़ से वार्ता में संयुक्त कमिश्नर एस.एस यादव के अलावा विशेष पुलिस कमिश्नर दिपेंद्र पाठक शामिल थे. पाठक हाल तक अंडमान निकोबार राज्य पुलिस के महानिदेशक थे और उन्होंने दिल्ली पुलिस में अपना कार्यभार हाल ही में संभाला है.किसान नेताओं में योगेंद्र यादव और गुरनाम सिंह चढ़ूनी के अलावा रमिंदर सिंह पटियाला और दर्शनपाल सिंह वार्ता में मौजूद थे.
दिल्ली पुलिस चाहती है कि किसान संगठनों की ट्रैक्टर परेड राजधानी दिल्ली से बाहर निकाली जाए. इसके लिए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने संगठनों के प्रतिनिधियों को चार रास्तों का सुझाव भी दिया था, जहाँ किसान संगठन इस रैली को निकाल सकते हैं.पुलिस का मानना था कि सबसे बेहतर रास्ता 'कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे' होगा, जहाँ ट्रैक्टर परेड की जा सकती है और उसकी वजह से किसी को असुविधा भी नहीं होगी.
वहीं, किसान संगठन दिल्ली के बाहरी रिंग रोड पर परेड निकालने के लिए अड़े हुए थे. जो दूसरा रास्ता पुलिस अधिकारियों ने सुझाया था वो टिकरी-नांगलोई-नजफ़गढ़-धंसा था.दिल्ली पुलिस में उत्तरी दिल्ली के जॉइंट कमिश्नर एस.एस. यादव के संयोजन में पुलिस अधिकारियों और किसान संगठन के नेताओं के बीच बातचीत का सिलसिला चलता रहा लेकिन ट्रैक्टर परेड के रूट को लेकर गतिरोध बना रहा.
हरियाणा और यूपी पुलिस भी रही शामिल
किसान संगठनों के साथ चल रही बातचीत में दिल्ली पुलिस के अलावा हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस के भी वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे.किसान संघर्ष समन्वय समिति के अवीक साहा ने बताया कि बैठकों के दौरान पुलिस अधिकारियों का मानना था कि किसान अपनी ट्रैक्टर परेड को टिकरी बॉर्डर, ग़ाज़ीपुर बॉर्डर, धंसा और सिंघु बॉर्डर पर ही अलग-अलग रहकर ही निकालें.
साहा के मुताबिक़, "किसान चाहते हैं कि ट्रैक्टर परेड इस तरह आयोजित हो और ऐसी जगह पर आयोजित हो जहाँ सभी किसान इसमें शामिल हो सकें." दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि किसान संगठनों को पुलिस की तरफ़ से बाहरी रिंग रोड के विस्तार वाली सड़क का इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया गया था.
उनका कहना था कि अगर किसान बाहरी रिंग रोड के विस्तार वाली रोड का इस्तेमाल करेंगे तो सिंघु, गाज़ीपुर और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों के ट्रैक्टर मार्च निकाले जाने के फ़ैसले के मद्देनज़र दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय से अतिरिक्त बलों के आवंटन का अनुरोध किया है.
राजपथ, इंडिया गेट और वो पूरा रास्ता जहाँ से गणतंत्र दिवस परेड होकर गुज़रेगी, वहाँ पर कड़ी सुरक्षा के इंतज़ाम किये गए हैं. दिल्ली पुलिस, राजधानी की उन सरहदों पर और भी ज़्यादा सुरक्षा व्यवस्था का इंतज़ाम करना चाहती है जहाँ जहाँ आंदोलन कर रहे किसानों ने पड़ाव डाल रखा है.
किसान संगठनों का कहना है कि वो गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर होने वाले सरकारी समारोह के बाद ही अपना ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे.संगठनों का ये भी कहना है कि ट्रैक्टर मार्च सिर्फ़ बाहरी रिंग रोड पर निकाला जाएगा और वो दिल्ली में उस जगह पर नहीं जायेगा जहाँ हर साल सरकारी कार्यक्रम का आयोजन होता है.
फ़िलहाल दिल्ली पुलिस गणतंत्र दिवस से ठीक पहले दिल्ली की सरहदों को सील कर देना चाहती है और दिल्ली आने वाले हर उच्चमार्ग की बैरिकेडिंग करना चाहती है.राजधानी की सभी सीमाओं पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती के साथ वहां पर 'वॉटर कैनन' भी लगाए जाएंगे ताकि किसी भी हिंसा से निपटा जा सके.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है की सभी सीमाओं पर सुरक्षाबलों की 20 अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात किया जाएगा जिसका नेतृत्व पुलिस उपायुक्त और अपर उपायुक्त जैसे अधिकारी करेंगे.यह अतिरिक्त सुरक्षा बल सिर्फ़ दिल्ली ही नहीं बल्कि दिल्ली से लगे हरियाणा और उत्तर प्रदेश की तरफ़ से भी तैनात किये जायेंगे.
01/24/2021 07:44 PM