Aligarh
अलीगढ़।
इगलास विधायक की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग में कार्रवाई की संस्तुति, सीएमओ कार्यालय के बाबू पर गिरी गाज:
अलीगढ़।
जिले के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर उठे सवाल अब कार्रवाई के मोड़ पर पहुँच गए हैं। इगलास विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजकुमार सहयोगी द्वारा की गई गंभीर शिकायत के बाद सीएमओ कार्यालय के वरिष्ठ सहायक (बाबू) रणधीर चौधरी पर जांच के बाद कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
यह कदम सिटी मजिस्ट्रेट अतुल गुप्ता की विस्तृत जांच रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया है, जिसे प्रशासन ने 6 नवंबर 2025 को शासन को भेज दिया है।
इगलास के विधायक राजकुमार सहयोगी ने 22 मई 2025 को स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत शासन को भेजी थी। इस शिकायत में कुल 29 बिंदु शामिल थे, जिनमें मुख्य आरोप यह था कि “स्वास्थ्य विभाग में तैनात कुछ डॉक्टरों ने अपनी पत्नियों के नाम से फर्जी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन कराया है और उन्हीं अस्पतालों में अवैध रूप से इलाज व ऑपरेशन का कार्य कराया जा रहा है।”
विधायक ने यह भी आरोप लगाया था कि “जिले के कई प्रतिष्ठित और नियमों का पालन करने वाले अस्पतालों से जबरन अवैध वसूली की जा रही है, जबकि फर्जी रजिस्ट्रेशन वाले अस्पतालों को संरक्षण मिल रहा है।”
विधायक की इस गंभीर शिकायत पर शासन ने तत्काल अलीगढ़ प्रशासन को जांच के आदेश दिए। डीएम संजीव रंजन के निर्देश पर यह जांच एडीएम (वित्त) स्तर से कराई गई, जिन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट अतुल गुप्ता को जांच की जिम्मेदारी सौंपी।
इससे पहले, सीएमओ ने 7 जुलाई 2025 को कार्रवाई करते हुए एसीएमओ डॉ. दिनेश खत्री को अस्पताल पंजीकरण कार्य से हटा दिया था, उन पर पंजीयन प्रक्रिया में शिथिलता के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, डॉ. खत्री ने 10 जुलाई को मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव व अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अपना पक्ष रखा और कहा कि “उनपर एकतरफा कार्रवाई की गई है, वास्तविक दोषी को बचाया जा रहा है।” उनका यह पत्र आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत के रूप में दर्ज हुआ और शासन ने पुनः जांच के आदेश जारी किए।
🧾 जांच रिपोर्ट में बाबू रणधीर चौधरी पर आरोप सिद्ध
कई दौर की जांच के बाद 8 सितंबर 2025 को सिटी मजिस्ट्रेट अतुल गुप्ता ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपी। इस रिपोर्ट में यह पाया गया कि “सीएमओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक रणधीर चौधरी ने अस्पताल पंजीकरण प्रक्रिया में गड़बड़ियां कीं, दस्तावेजों की जांच में लापरवाही बरती और फर्जी रजिस्ट्रेशन को मंजूरी देने में भूमिका निभाई।”
इन तथ्यों की पुष्टि के बाद डीएम संजीव रंजन ने रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए 6 नवंबर को महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को आगे की कार्रवाई हेतु संस्तुति भेजी है।
💬 डीएम संजीव रंजन ने कही ये बात
डीएम संजीव रंजन ने मीडिया से बातचीत में कहा — “इगलास विधायक की शिकायत पर शासन स्तर से जांच कराई गई थी। एडीएम वित्त और सिटी मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में सीएमओ कार्यालय के एक कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है, और आगे की कार्रवाई वहीं से तय की जाएगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा।
⚖️ विधायक बोले — ‘जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को सजा मिलनी चाहिए’
विधायक राजकुमार सहयोगी ने कहा कि “स्वास्थ्य विभाग में वर्षों से भ्रष्टाचार का जाल फैला हुआ है। कुछ अधिकारी और कर्मचारी मिलकर अवैध अस्पतालों को संरक्षण दे रहे हैं। मैंने केवल जनता की आवाज शासन तक पहुँचाई है। अब उम्मीद है कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी ताकि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हो।”
🚨 स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप, कई और नाम आ सकते हैं सामने
सीएमओ कार्यालय के बाबू रणधीर चौधरी पर संस्तुति भेजे जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, जांच रिपोर्ट में कुछ और कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई गई है, जिन पर जल्द ही शिकंजा कस सकता है। वहीं, अवैध रूप से संचालित अस्पतालों की सूची भी शासन को भेजी गई है, जिन पर आगामी दिनों में सीलिंग और पंजीकरण निरस्तीकरण की कार्रवाई हो सकती है।
अलीगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में यह मामला प्रशासनिक जवाबदेही और भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम माना जा रहा है। विधायक की शिकायत से शुरू हुई यह जांच अब शासन के पटल तक पहुँच चुकी है।
अब देखना यह होगा कि सीएमओ कार्यालय में तैनात अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होती है या मामला केवल एक बाबू तक सीमित रह जाता है।
11/13/2025 03:33 AM

















