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वीमेन्स कॉलेज में स्थापना दिवस के अवसर पर पापा मियां शेख अब्दुल्ला और अला वहीद जहां को याद किया गया:
अलीगढ़, 2 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीमेन्स कॉलेज का भारत में शिक्षा को लोकप्रिय बनाने और महिलाओं को मुख्यधारा में लाने में एक मील का पत्थर है। इस कॉलेज की स्थापना पापा मियां शेख अब्दुल्ला और उनकी पत्नी आला बी वहीद जहां ने लड़कियों के स्कूल के रूप में की थी, जो आज बड़े वृक्ष में तब्दील हो चुका है। ये बातें वीमेन्स कॉलेज की प्राचार्य प्रो नईमा खातून ने इनके मजार पर फातिहा ख्वानी समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि पापामियां और आला बी ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन लड़कियों की शिक्षा और विकास के लिए समर्पित कर दिया।
उन्होंने वीमेन्स विद्यालय की स्थापना की, जिसके परिणामस्वरूप आज यह वीमेन्स कालिज के रूप में देश व राष्ट्र की सेवा कर रहा है। उन्होंने कहा कि वहीद जहां और पापा मियां ने सर सैयद अहमद खान के मिशन का विस्तार किया, क्योंकि वे जानते थे कि अब देश की लड़कियों को शिक्षा के गहनों से लैस करने का समय आ गया है, जिसके लिए उन्होंने अथक परिश्रम किया। ये दोनों बड़ी हस्तियां अविस्मरणीय हैं। जिन्हें याद रखना हमारा नैतिक कर्तव्य है।
प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि 2 फरवरी 1902 को शेख अब्दुल्ला और आला बी की शादी हुई थी। इसलिए इन दोनों दानदाताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए एक दिन चुना गया, जो उनके जीवन में बहुत महत्वपूर्ण था।
संस्थापक दिवस के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, इसी प्रकार यहां पढ़ने वाले छात्रों को पुरस्कार और सम्मान से सम्मानित किया जाता है।
इस अवसर पर मुहम्मद शारिक ने पवित्र कुरान का पाठ किया जबकि धर्मशास्त्र विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. मुहम्मद सोहेल ने फातिहा पढ़ाई । फातिहा समारोह में अब्दुल्ला नर्सरी की छात्राओं के साथ वीमेन्स कॉलेज के शिक्षक व गैर शिक्षक स्टाफ ने भी भाग लिया. सुन्नी धर्मशास्त्र की अनुभाग प्रभारी डॉ. शाइस्ता परवीन ने कार्यक्रम का संचालन किया।
02/04/2024 05:33 AM