Aligarh
शहर भर में मनाई गई शब-ए-बारात लोगो ने गुज़ारी इबादत की रात :
अलीगढ़- 7 मार्च मंगलवार को शहर मैं शब-ए-बारात पर मस्जिदों और घरों में मुसलमानों ने की क़ुरान की तिलावत और नफ़्ल की नमाज़ पड़ी, सभी लोगो ने इबादत की रात गुज़ारी और अपने रब से गुनाहो की माफ़ी माँगी, लोगो ने क़ब्रिस्तान जाकर अपने बुजुर्गों और रिश्तेदारों जो की इस दुनिया से जा चुके हैं उनके लिए उनकी कब्रों पर फ़ातिहा पड़ी,
इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक़ शाबान महीने की 15 तारीक को शब-ए-बारात मनाई जाती है, शब-ए-बारात के 15 दिन के बाद रमज़ान का महीना शुरू हो जाएगा, शहर में उपरकोट, जीवनगढ़, जमालपुर, भुजपुरा, नुमाइश ग्राउंड अन्य मस्जिदों में नमाज़ पड़ी गई, क़ब्रिस्तानो में जाकर लोगो ने अपने बुजुर्गो और रिश्तेदारों की कब्रों को सवारा व उनके लिए मग़फ़िरत की दुआ की
इस दौरान आई टी आई रोड स्टिथ नुमाइश ग्राउंड क़ब्रिस्तान में बहुत ही त्यारियाँ देखने को मिली क़ब्रिस्तान कमेटी के ज़हीर भाई और दिलशाद भई ने बताया की उन्होंने पुछले 1 हफ़्ते से शब-ए-बारात के लिए क़ब्रिस्तान में साफ़ सफ़ाई, लाइटिंग, सुंदरीकरण आदि का कार्य कराया है, चुकी आज के दिन क़ब्रिस्तान में लोग आये तो उनको अच्छा लगे इस बार क़ब्रिस्तान में नफ़्ल की नमाज़ पड़ने की भी सुविधा की गई थी, लोगो ने यहां आकर नफ़्ल की नमाज़ भी अदा की,
शब-ए-बारात क्या है
मुस्लिम धर्म के धर्म ग्रुओ के मुताबिक़ शब का अर्थ है रात और बारात का अर्थ गुनाहो से बरी होना। मतलब ye की गुनाहो से बरी होने की रात, इस रात को पूरी साल के गुनहाँओ का हिसाब ख़िताब का रजिस्टर खोला जाता है और नया रजिस्टर बनाया जाता है इस रात में इबादत करने से शबाब बड़ जाता है
03/08/2023 08:04 AM