भारत में सबसे लंबा चलने वाला अहिंसक आंदोलन जैन समाज का शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर जी के ऊपर।:
अंबाह। शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटक स्थल बनाने से रोकने के लिए विश्वव्यापी अहिंसक आंदोलन जैन समाज द्वारा बहुत लंबे समय से चल रहा है। जिसका अभी तक सरकार द्वारा लिखित में कोई जवाब नहीं दिया गया है। सौरभ जैन वरेह वाले अंबाह ने जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड सरकार और केंद्र सरकार द्वारा जैन समाज के सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ राज सम्मेद शिखरजी को पर्यटक स्थल घोषित किए जाने के निर्णय को जैन समाज लगातार विरोध कर रहा है। जैन समाज के सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ राज सम्मेद शिखरजी झारखंड के गिरिडीह में स्थित है और झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने इसे साल 2019 में वन्य जीव अभयारण्य का एक भाग घोषित कर इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत रखा गया। साथ ही झारखंड सरकार द्वारा इसे पर्यटन स्थल घोषित किया गया।जैन समाज के सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ राज सम्मेद शिखरजी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि शिखरजी 24 तीर्थंकरो में से 20 तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि है। यहां पर करोड़ों मुनि महराजो ने तप साधना की है। सम्मेद शिखरजी को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित किया जाए। इसको लेकर दिल्ली के ऋषभ विहार जैन मंदिर में 26 दिसंबर से संजय जैन और रुचि जैन के मार्गदर्शन में जैन समाज के लोग आमरण अनशन कर रहे हैं। इसके साथ ही विश्वव्यापी आंदोलन में जगह-जगह अनशन हो रहे है। और भूख हड़ताल व क्रमिक अनशन हो रहे हैं। 31 दिसंबर को देशभर में युवाओं द्वारा मुंडन आंदोलन किया जा रहा है।जिसमे देश भर के सैकड़ों साथी अपने सिर से बालों का मुंडन करा के अहिंसक आंदोलन करेंगे।झारखंड के राज्यपाल रमेश बैंस ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और उस आदेश की समीक्षा कर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर जैन धर्मावलंबियों के तीर्थ स्थल पारसनाथ की पवित्रता पर संकट को लेकर हो रहे विरोध की जानकरी दी है और समीक्षा का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इसे पवित्र जैन तीर्थस्थल ही रहने दिया जाए।नववर्ष 2023 में युवा पीढ़ी को जैन संस्कृति से जोड़ने के लिए एवं सम्मेद शिखरजी के महत्व को दर्शाने के लिए एक लघु नाटिका एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन अरिहंत बालिका मण्डल के बच्चों द्वारा किया जा रहा है ।कार्यक्रम दिनांक 01 जनवरी 2023 को समय शाम 5 बजे से जैन धर्मशाला अम्बाह में किया जाएगा। कार्यक्रम उपरांत स्वल्पाहार एवं पेय व्यवस्था रखी गई है।
12/29/2022 05:56 AM


















