Aligarh
विदेशी धरती पर बढ़ी तांबे की चमक, विलुप्त हो रही ठठेरा कला को दोबारा चमका रहे अलीगढ़ के अदनान: मित्र अतीफुर्रहमान कारोबार बढ़ाने में काफी मदद कर रहे।
अलीगढ़। यूके (London) से एमबीए कर चुके मेडिकल रोड स्थित नाज प्लाजा अपार्टमेंट निवासी अदनान ने कोरोना की पहली लहर में लगे लाकडाउन के दौरान ये कारोबार शुरू किया था। मुरादाबाद में उन्होंने सदियों पुरानी स्वदेशी ठठेरा कला को बारीकी से समझा और कारीगरों के बनाए तांबे और पीतल के बर्तनों को नया लुक देकर बाजार में उतारने का निर्णय लिया। आगरा, लखनऊ, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र के बाजारों में जाकर आर्डर लिए। फिर दुबई में निर्यात शुरू कर दिया। वो ऐसा समय था, जब कोरोना के चलते लोग तांबे के बर्तनों का अधिक उपयोग कर रहे थे। अदनान बताते हैं कि बर्तनों की मांग बढ़ी तो आत्मविश्वास भी बढऩे लगा। 'कंट्री क्राफ्ट' नाम से कंपनी बना ही चुके थे, फिर इसी नाम से वेबसाइट शुरू कर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया। इसके बाद अन्य देशों से आर्डर मिलने लगे। दुबई के अलावा अब यूके, यूएस और मलेशिया में भी निर्यात किया जा रहा है। विदेशियों की मांग के मुताबिक कारीगरों से क्राकरी तैयार कराते हैं। नए लुक में पूजा की थाली, कलश, सागर, दीपक भी पंसद किए जा रहे हैं। उनके मित्र अतीफुर्रहमान कारोबार बढ़ाने में काफी मदद कर रहे है।
कभी चस्पा किए थे पोस्टर
अदनान बताते हैं कि एक समय ऐसा था, जब अपने प्रोडक्ट की मार्केङ्क्षटग करना मुश्किल हो रहा था। इतना पैसा नहीं था कि किसी एजेंसी को हायर कर लें। तब दोस्तों के साथ शहर-शहर घूमकर रात में दीवारों पर पोस्टर चस्पा कर कंपनी का प्रचार किया था। छह महीने कड़ी मेहनत के बाद होटल- रेस्टोरेंट से आर्डर मिलने शुरू हुए थे। इसके बाद फिर मुड़कर नहीं देखा।
11/19/2021 11:53 AM