Delhi
दिल्ली सिविल डिफेंस में काम करने वाली राबिया सैफी के परिवार से मिले निवर्तमान छात्र संघ सचिव: हुजैफा आमिर रशादी ने कहा इंसाफ की लड़ाई में परिवार का देंगे साथ।
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की सिविल डिफेंस में काम करने वाली राबिया सैफ़ी मरहूमा जिनकी पिछले दिनों बड़ी बेरहमी से ह'त्या कर दी गयी थी
उनके परिवार से आज हुजैफ़ा आमिर रशादी ने मुलाकात की और इंसाफ की इस लड़ाई में उनके साथ रहने का यकीन दिलाया साथ में राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल (RUC) दिल्ली अध्यक्ष सय्यद मोहम्मद नूरूल्लाह भी मौजूद रहे। 21 वर्षीय राबिया सैफी की कथित तौर पर 26 अगस्त को चाकू मारकर हत्या कर दी गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार राबिया को बार- बार चाकू से मारा गया और उसके निजी अंगों को बेरहमी से कुचला गया।
राबिया सैफी को इंसाफ दिलाने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने डक पॉइंट से बाबे सैयद गेट तक पैदल मार्च निकाला और राबिया सैफी के परिवार को इंसाफ के लिए प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा था ।
आपको बता दे कि घटना 26 अगस्त की रात की है. पुलिस को राबिया का शव फरीदाबाद के सूरजकुंड पाली रोड के पास से मिला. 27 अगस्त को 23 वर्षीय मोहम्मद निजामुद्दीन नाम के एक शख्स ने कालिंदी कुंज पुलिस स्टेशन आकर आत्मसमर्पण किया और राबिया की हत्या की ज़िम्मेदारी ली. राबिया और निजामुद्दीन सिविल डिफेंस में काम करते थे. मामले के सामने आते ही सोशल मीडिया पर राबिया के लिए न्याय की मांग उठ रही है।
21 वर्षीय राबिया ने जामिया मिलिया इस्लामिया से बीए की पढ़ाई की थी. राबिया साधारण परिवार से थीं. उनके पिता समीद अहमद लकड़ी का काम करते हैं. उनकी मां पास बने एक स्कूल में झाडू- पोछे का काम करती हैं. परिवार में उनके दो भाई और एक छोटी बहन भी हैं. सभी दिल्ली के संगम विहार में किराए के एक छोटे से मकान में रहते हैं. सिविल डिफेंस में नौकरी करते हुए राबिया को केवल तीन महीने हुए थे।
राबिया सैफी का घर में राबिया के दादा की मृत्यु हो गई थी जिसके बाद दो अगस्त को राबिया के पिता और मां मुरादाबाद अपने गांव चले गए थे. जबकि राबिया और उनके तीन भाई-बहन घर में रह रहे थे. माता- पिता 25 अगस्त को दिल्ली लौटे थे और 26 अगस्त को उन्हें राबिया की मौत की खबर मिली।
राबिया के पिता 55 वर्षीय समीद अहमद ने मीडिया से बात की. वह कहते हैं, "राबिया ड्यूटी के लिए घर से सुबह 11 बजे निकलती थी और रात आठ बजे तक आ जाती थी. उस दिन रात के साढ़े आठ बज गए थे. राबिया ड्यूटी से नहीं आई तो हम उसे ढूंढने लगे. हमने उसे कॉल किया तो उसका फोन बंद आ रहा था. उसके भाई गली के बाहर और बस स्टैंड पर उसे रातभर देखते रहे. मैं लाजपत नगर उसके दफ्तर भी गया. वहां मुझे अगली सुबह आने को कहा गया."
वह आगे कहते हैं, "27 अगस्त को घर की घंटी बजी. हमने जब दरवाज़ा खोला तो सूरज कुंड पुलिस खड़ी थी जिसके जरिए हमें पता चला कि राबिया अब इस दुनिया में नहीं रही और उसका बेरहमी से कत्ल कर दिया गया हैं."
परिवार का कहना है कि वो निजामुद्दीन को नहीं जानते और अभी उनकी बेटी की शादी नहीं हुई थी. परिवार का आरोप है कि राबिया को किसी एक शख्स ने नहीं मारा. बल्कि कई आदमियों ने मिलकर राबिया का कत्ल किया है. अब परिवार मामले की सीबीआई जांच चाहता है।
कालिंदी कुंज पुलिस स्टेशन पर मौजूद कांस्टेबल जाकिर हुसैन ने बताया, "27 अगस्त को निजामुद्दीन आया था. वो कहने लगा कि उसने अपनी घरवाली को मार दिया है और वो यहां आत्मसमर्पण करने आया है. हमने उसे आईपीसी की धारा 302 के तहत गिरफ्तार कर लिया. तब से निजामुद्दीन सूरज कुंड क्राइम ब्रांच के अधीन है।
09/15/2021 06:45 PM