Aligarh
हर युग में प्रासंगिक हैं भगवान महावीर - डा. एन.के. खींचा:
जयपुर, भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांत सभी के लिए हैं, सार्वकालिक हैं। उन्हें अपने जीवन एवं व्यवहार में अपनाकर यह प्राणी सुख शांति अनुभव कर सकता है।यह विचार अखिल भारतीय जैन पत्र सम्पादक संघ, जयपुर द्वारा कर्मयोगी डा.सुरेन्द्रकुमार जैन भारती, प्रधान सम्पादक-पार्श्व ज्योति, बुरहानपुर के मुख्यातिथ्य एवं संघ के महामंत्री डा. अखिल जैन बंसल, सम्पादक- समन्वय वाणी के संयोजन में तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के २६२० वें जन्म कल्याणक दिवस पर तीर्थंकर भगवान महावीर के सिद्धांत वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कितने सार्थक, विषय पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में अध्यक्ष के रूप में जैन पत्र सम्पादक संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. एन. के. खींचा, जयपुर ने व्यक्त किए। सफल एवं वैदुष्य पूर्ण संचालन डा. ममता जैन,पुणे ने किया।
श्रीमती शिखा जैन, जयपुर द्वारा मंगलाचरण एवं डा. अखिल जैन बंसल द्वारा भगवान महावीर स्वामी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ प्रारंभ इस वेबिनार में डा.ओमप्रकाश शर्मा, पुणे ने भगवान महावीर स्वामी द्वारा प्रतिपादित अहिंसा, सत्य आदि पंच महाव्रतों का व्यावहारिक पक्ष बताया और कहा कि महात्मा गांधी पहले ईश्वर ही सत्य है, ऐसा मानते थे किन्तु जब भगवान महावीर स्वामी के विचारों को जाना तो वे सत्य ही ईश्वर है,यह मानने लगे।डा.साधना सिंघवी,कोटा ने आत्मवाद,वाह जिंदगी के प्रस्तौता श्री ललित सरावगी, कोलकाता ने सदाचरण के लिए शुद्ध खानपान एवं आनंदमय जीवन,श्री गोपाल शर्मा, जयपुर ने भगवान महावीर स्वामी के विचारों की पवित्रता और उनके संस्पर्श से होने वाली क्षेत्र की शुद्धि की चर्चा की और कहा कि धर्म सही राह दिखाता है। डा.संध्या जैन श्रुति, जबलपुर के अनुसार भगवान महावीर ने सभी प्राणियों को एक समान माना। संवेदना से सह अस्तित्व का भाव आता है।डा. जुबैदा मिर्जा, जिन्होंने जैन धर्म दर्शन पर शोध कार्य किया है,कहा कि जैन धर्म की यह बात अनुकरणीय है कि सभी जैन शाकाहारी हैं।
इतिहासविद प्रो. बी.एल.सेठी , जयपुर ने भगवान महावीर स्वामी को ऐतिहासिक व्यक्तित्व बताया। श्रीमती सरिता ने नर बलि और पशु बलि पर रोक का कारण भगवान महावीर स्वामी की अहिंसा को बताया।श्री अनूप शर्मा, अलीगढ़ ने भगवान महावीर की अहिंसा की सूक्ष्मतम व्याख्या की और कहा कि अहिंसा विज्ञान, व्यवहार एवं मनुष्यता की दृष्टि से आचरणीय है। श्रीमती शिखा जैन, जयपुर ने स्याद्वाद एवं अनेकांत दर्शन को अभिव्यक्त किया।डा। राजेन्द्र सिंह, अलीगढ़ ने नागासाकी और हिरोशिमा पर अणुबम हमले को अमेरिका की हताशा और प्रभुत्व की चाह का परिणाम बताया और कहा कि विश्व में शांति भगवान महावीर की अहिंसा से ही हो सकती है। कवयित्री पूजा नबीरा,घाटोल ने सर्वोदय, आत्म विकास के लिए भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांतों को उपयोगी बताया।, श्रीमती शशि मारोलिया, झुंझुनूं ने कहा कि जीवन में अहिंसा आवश्यक है।
वेबिनार के मुख्य अतिथि कर्मयोगी डा.सुरेन्द्र कुमार जैन भारती, बुरहानपुर ने सभी वक्ताओं के वक्तव्यों की समीक्षा की और कहा कि आज जैन एवं जैनेतर विद्वानों एवं विदुषियों ने जिस तरह भगवान महावीर स्वामी का सैद्धांतिक पक्ष रखा है उससे यह धारणा और मजबूत हुई है कि आज भी भगवान महावीर के सिद्धांतों की सार्थकता है।
समापन पर आभार व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय जैन पत्र सम्पादक संघ के महामंत्री एवं वेबिनार संयोजक डॉ अखिल जैन बंसल ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि जैन पत्र सम्पादक संघ भगवान महावीर स्वामी के विचारों को जन जन तक पहुंचाने के लिए वचनबद्ध है। संचालिका डा.ममता जैन, पुणे ने सभी वक्ताओं का परिचय दिया और बीच बीच में भगवान महावीर स्वामी के विचारों को अभिव्यक्त किया। इस वेबिनार को वर्चुअल एवं यूट्यूब के माध्यम से भी देखा गया।
04/26/2021 12:33 PM