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                        नई दिल्ली में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में मनाया गया ईद मिलादुन्नबी, मोहम्मद फुरकान ने कराई अमन-चैन की दुआ:
नई दिल्ली
नई दिल्ली में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में मनाया गया ईद मिलादुन्नबी, मोहम्मद फुरकान ने मांगी अमन-चैन की दुआ
राजधानी दिल्ली के लोधी रोड स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में शुक्रवार को ईद-ए-मिलादुन्नबी के अवसर पर एक भव्य जलसे का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उलेमा, बुद्धिजीवी और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। जलसे की अध्यक्षता इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष एवं पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने की, जबकि मंच पर मुख्य भूमिका में मौजूद रहे पूर्व महापौर अलीगढ़ एवं उपाध्यक्ष इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर मोहम्मद फुरकान।
जलसे का आगाज़ कुरान-ए-पाक की तिलावत से हुआ। इसके बाद मौलाना और विद्वानों ने हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सीरत, उनकी तालीम और तरबियत पर विस्तार से रोशनी डाली। वक्ताओं ने बताया कि पैगंबर-ए-इस्लाम की शिक्षाएँ न सिर्फ़ मुसलमानों बल्कि पूरी इंसानियत के लिए हैं।
इस खास मौके पर अपने विचार रखते हुए पूर्व महापौर अलीगढ़ एवं उपाध्यक्ष इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर मोहम्मद फुरकान ने कहा—"हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की तालिमात इंसानियत को भाईचारे, मोहब्बत और इंसाफ़ का पैग़ाम देती हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि हमें उनके बताए रास्ते पर चलते हुए समाज में अमन-ओ-चैन कायम करने की कोशिश करनी चाहिए।
ईद-ए-मिलादुन्नबी के अवसर पर पूरी दुनिया में मुस्लिम समुदाय हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पैदाइश का दिन बड़े एहतराम और मोहब्बत से मनाता है। यह दिन न सिर्फ़ एक धार्मिक पर्व है, बल्कि इंसानियत के लिए उस रहमतुल्लिल आलमीन (सारी कायनात के लिए रहमत) की याद भी है, जिन्होंने पूरी दुनिया को इंसाफ़, रहमत, भाईचारा और इंसानियत का पैग़ाम दिया
मोहम्मद फुरकान ने मंच से देश में शांति, भाईचारे और खुशहाली की दुआ मांगी। साथ ही पंजाब में आई बाढ़ और आपदा से निजात के लिए भी विशेष दुआ करवाई गई। उन्होंने कहा कि इस मंच से उठी दुआएं न केवल समाज को जोड़ने का काम करती हैं, बल्कि इंसानियत की भलाई का पैगाम भी देती हैं।
पूर्व महापौर एवं उपाध्यक्ष इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर मोहम्मद फुरकान ने कहा कि आज जब दुनिया नफ़रत, तंगनज़री और तशद्दुद की तरफ़ बढ़ रही है, ऐसे में हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सीरत पर अमल करना और भी ज़रूरी हो जाता है। आपकी तालीमात इंसानियत को मोहब्बत, इंसाफ़ और अमन का रास्ता दिखाती हैं।
हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सीरत पूरी दुनिया के लिए मशाल-ए-राह है। आपकी ज़िंदगी का हर पहलू—चाहे एक बेटे, एक शौहर, एक वालिद, एक रहनुमा या एक तिजारती शख्सियत के तौर पर—हमारे लिए मिसाल है। आपकी तालीमात से आज भी इंसानियत को वह राह मिल सकती है जो मोहब्बत और भाईचारे से भरी हुई है।
कार्यक्रम में हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में नातें पढ़ी गईं, जिससे पूरा माहौल रूहानी रंग में डूब गया। लोगों ने उत्साह के साथ जलसे में शिरकत की और आखिर में मोहम्मद फुरकान ने सभी प्रतिभागियों और उपस्थित लोगों का शुक्रिया अदा किया।
इस मौके पर कई प्रमुख हस्तियां जिनमें सलमान खुर्शीद (अध्यक्ष, इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर व पूर्व विदेश मंत्री), प्रो. सलीम इंजीनियर (उपाध्यक्ष, जमात-ए-इस्लामी हिंद), प्रो. अख्तरूल वासे, डॉ. सलीम, डॉ. मिर्ज़ा शफीक हुसैन शफ़क़, तलत जमीर, उफाख रिज़वान, समन नक़वी, तनवीर हसन, कमर साहब सभी ने कार्यक्रम को सफल और यादगार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
09/06/2025 05:41 AM

















