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                        सरकार के 24 घंटे बिजली सप्लाई के दावों की खुली पोल, फोर्ट एनक्लेव में रोजाना घंटों बिजली गुल:
ब्रेकिंग न्यूज़ — अलीगढ़ से बड़ी खबर
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया जा रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश कर रही है। मामला अलीगढ़ जिले के थाना क्वार्सी क्षेत्र के फोर्ट एनक्लेव कॉलोनी, महेशपुर बिजलीघर, रामगढ़ पंजीपुर क्षेत्र से जुड़ा है। यहां के लोग बिजली संकट से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
फोर्ट एनक्लेव कॉलोनी और आसपास के क्षेत्र के लोग बीते कई महीनों से लगातार बिजली कटौती और खराब व्यवस्था का सामना कर रहे हैं। आलम यह है कि भीषण गर्मी में जहां बिजली व्यवस्था ने जनता को बेहाल कर रखा था, वहीं अब दो दिन की बरसात के बाद भी हालात सुधरने के बजाय और बिगड़ गए हैं।
यहां के उपभोक्ताओं का कहना है कि जब पूरा शहर रोशनी में डूबा रहता है, उस वक्त फोर्ट एनक्लेव और आसपास का इलाका अंधेरे में डूबा रहता है। कभी 6-6 घंटे तक बिजली गुल रहती है, तो कभी पूरी रात अंधेरे में कट जाती है।
“बीजेपी शासन ने शहर में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली देने का वादा किया था। यहां तक कि पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल, आईएएस ने अपने पत्रांक संख्या 1619, दिनांक 30 जुलाई 2024 के तहत आदेश दिया था कि ग्रामीण क्षेत्र को कम से कम 18 घंटे बिजली दी जाए और किसी भी फॉल्ट की स्थिति में ‘कंपनसेटरी सप्लाई’ यानी प्रतिपूरक आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। इतना ही नहीं, 9 अगस्त 2025 को जारी आदेश (पत्रांक संख्या 1602) में उपभोक्ताओं की शिकायत का तत्काल समाधान करने, प्लांड शटडाउन केवल निर्धारित समय पर करने और जनता को सोशल मीडिया, एसएमएस व अन्य माध्यमों से सूचना देने का भी स्पष्ट निर्देश दिया गया था। लेकिन अफसरशाही और बिजली विभाग इन आदेशों को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर रहा है।”
जिलाधिकारी अलीगढ़ ने भी बिजली विभाग को जर्जर तार और खंभों को समय रहते दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। मगर शिकायतों के बावजूद बिजली विभाग न तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों का पालन कर रहा है, न ही ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के निर्देशों का और न ही पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष के लिखित आदेशों का।
लोगों का आरोप है कि बिजली घर और विभाग के कर्मचारी मिलकर उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहे हैं। कभी 33,000 की लाइन में फॉल्ट बताया जाता है, तो कभी 11,000 की लाइन की खराबी का हवाला देकर घंटों की कटौती कर दी जाती है। मगर वास्तविक समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने बार-बार टोल फ्री और विभागीय नंबरों पर फोन करके शिकायत दर्ज कराई। लेकिन न तो कंट्रोल रूम कॉल उठाता है और न ही बिजली घर का स्टाफ। इतना ही नहीं, कई शिकायतों का चार दिन बाद ऑटोमेटिक मैसेज भेजकर समाधान दिखा दिया जाता है, जबकि जमीनी स्तर पर कोई सुधार नजर नहीं आता।
स्थानीय निवासी बोले:
“हम लोग दिन-रात अंधेरे में जी रहे हैं। सरकार कहती है 18 घंटे बिजली देगी, मगर यहां हालात यह हैं कि कभी पूरी रात बिजली नहीं आती। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, बीमार लोगों की परेशानी बढ़ रही है और रोजमर्रा की जिंदगी अस्त-व्यस्त है।”
अलीगढ़ के फोर्ट एनक्लेव कॉलोनी में बिजली आपूर्ति की यह लचर व्यवस्था बड़े सवाल खड़े करती है। जब सरकार खुद आदेश जारी कर रही है और जिलाधिकारी तक निर्देश दे रहे हैं, तो आखिर क्यों जमीनी अमला कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहा है? क्या ऊर्जा विभाग में अफसरशाही की मिलीभगत से उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है? जनता अब बिजली संकट के स्थायी समाधान की मांग कर रही है।
09/03/2025 04:57 PM

















