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पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विधानसभा पेंशन के लिए किया आवेदन: 1993 में कांग्रेस टिकट पर किशनगढ़ से बने थे विधायक।
राजस्थान से एक बड़ी खबर सामने आई है। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा से पेंशन के लिए आवेदन किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1993 में वे कांग्रेस के टिकट पर किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे। इस आधार पर उन्हें विधानसभा पेंशन का अधिकार प्राप्त है। बताया जा रहा है कि विधानसभा से उन्हें करीब 42 हजार रुपये मासिक पेंशन मिल सकती है।
दरअसल राजस्थान में नेताओं के लिए पेंशन व्यवस्था बेहद खास है। यहां सांसद और विधायक दोनों रहे नेताओं को दोहरी या तिहरी पेंशन का प्रावधान है। यानी यदि कोई नेता विधायक भी रह चुका हो और सांसद भी रहा हो, तो वह दोनों पदों की पेंशन लेने का हकदार होता है। यही वजह है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी विधानसभा पेंशन के लिए आवेदन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर लंबा रहा है। 1989 में वे झुंझुनूं से सांसद चुने गए थे। इसके बाद 1993 में किशनगढ़ से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने। आगे चलकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा और कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। 2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया और 2022 में देश के 14वें उपराष्ट्रपति बने।
राजस्थान विधानसभा पेंशन को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। कई बार यह बहस भी छिड़ी है कि जब आम कर्मचारियों को एक से अधिक पेंशन का लाभ नहीं मिलता, तो फिर जनप्रतिनिधियों को दोहरी या तिहरी पेंशन क्यों दी जाती है। हालांकि नियमों के मुताबिक, विधायकों और सांसदों को यह सुविधा दी जाती है और वे दोनों पेंशन लेने के हकदार होते हैं।
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा विधानसभा से पेंशन के लिए किया गया आवेदन इस बहस को एक बार फिर ताजा कर सकता है। एक ओर यह उनके अधिकार का मामला है, तो दूसरी ओर आम जनता में इस तरह की विशेषाधिकार पेंशन व्यवस्था पर सवाल खड़े हो सकते हैं।
अब देखना यह होगा कि विधानसभा सचिवालय की ओर से इस आवेदन पर क्या फैसला लिया जाता है और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजस्थान की राजनीति में कैसी प्रतिक्रिया देखने को मिलती है।
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08/31/2025 06:24 AM