AMU
अलीगढ़।
जानकारों का मानना है कि अगर प्रशासन ने जल्द ही कोई ठोस और लिखित कदम नहीं उठाया तो AMU परिसर में हालात और तनावपूर्ण हो सकते हैं। आंदोलनकारी छात्रों ने भी संकेत दिए हैं कि वे धरना स्थल पर छात्रों की संख्या बढ़ा सकते हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध दर्ज कराएंगे।
अलीगढ़ से बड़ी खबर – एएमयू छात्रों का धरना प्रदर्शन फिर से तेज, प्रशासन पर वादाखिलाफी का आरोप:
एएमयू में फिर गरमा सकता है माहौल, आंदोलन की पृष्ठभूमि, भूख हड़ताल पर डटे छात्र।
अलीगढ़।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) परिसर में पिछले कई दिनों से जारी छात्र आंदोलन एक बार फिर गंभीर मोड़ पर पहुँच गया है। छात्रों ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी भूख हड़ताल और धरना तब तक जारी रहेगा जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी मांगों को आधिकारिक रूप से मान्य नहीं कर देता।
दरअसल, एएमयू इंतजामिया (प्रशासन) और आंदोलनरत छात्रों के बीच बीती रात बातचीत हुई थी, जिसमें छात्रों को भरोसा दिया गया था कि उनकी मांगों पर ठोस कदम उठाए जाएंगे। लेकिन छात्रों का कहना है कि सुबह जब प्रशासन की ओर से नोटिस जारी हुआ तो उसमें उन वादों का कोई उल्लेख नहीं था जिनका जिक्र बैठक में किया गया था।
इसी कारण छात्रों ने नाराजगी जाहिर करते हुए आंदोलन को और तेज करने का एलान किया। छात्रों का कहना है कि अगर उनकी मांगों को नज़रअंदाज़ किया गया तो वे बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
पिछले 7 दिनों से छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। इनमें से एक प्रमुख छात्र, एलएलएम के कैफ हसल, इस समय जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, एएमयू में भर्ती हैं। बावजूद इसके उन्होंने मीडिया को बयान जारी कर कहा है कि उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी और वे किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेंगे। कैफ हसल का कहना है कि प्रशासन बार-बार आश्वासन देता है लेकिन जब आधिकारिक आदेश की बात आती है तो छात्रों को धोखा दिया जाता है
छात्रों की ओर से कई शैक्षणिक और प्रशासनिक मांगें उठाई जा रही हैं। इनमें पारदर्शी प्रक्रिया, छात्र हित में फैसले और हॉस्टल व अकादमिक सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान शामिल है। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार उनकी मांगों को अनदेखा कर रहा है।
जानकारों का मानना है कि अगर प्रशासन ने जल्द ही कोई ठोस और लिखित कदम नहीं उठाया तो AMU परिसर में हालात और तनावपूर्ण हो सकते हैं। आंदोलनकारी छात्रों ने भी संकेत दिए हैं कि वे धरना स्थल पर छात्रों की संख्या बढ़ा सकते हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध दर्ज कराएंगे।
इस पूरे प्रकरण पर मीडिया और स्थानीय राजनीति की भी निगाहें टिक गई हैं। भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएँ जताई जा रही हैं। वहीं, छात्र संगठनों ने कहा है कि अगर स्थिति गंभीर हुई तो वे अन्य विश्वविद्यालयों और छात्र संगठनों से भी समर्थन मांगेंगे।
कुल मिलाकर, एएमयू में छात्र आंदोलन एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। अब देखना होगा कि प्रशासन कब और कैसे छात्रों की मांगों को आधिकारिक रूप से पूरा करता है या यह धरना प्रदर्शन आने वाले दिनों में और व्यापक रूप लेगा।
08/19/2025 06:13 PM