UttarPradesh
                                
                                    
मथुरा। सरकार की पारदर्शी निविदा प्रणाली में भी आ रही है, घपलेबाजी की बू: 
                                
                                 
                                
                                    
                                    मथुरा। सरकार की पारदर्शी निविदा प्रणाली में भी आ रही है, घपलेबाजी की बू, न्यायिक अधिकारियों के आवासों की मरम्मत के लिए फरवरी में स्वीकृत हुई थी धनराशि, आखिर क्यों प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग मथुरा के अधिशासी अभियंता नहीं भेज रहे हैं, स्थानीय समिति को अपनी रिपोर्ट।
 दो निविदादाताओं के दस्तावेजों में कमी होने पर स्थानीय समिति द्वारा "नॉन रेस्पॉन्सिव" की रिपोर्ट भेजने के बाद क्या अब अधिशासी अभियंता सचिव स्थानीय निविदा समिति पुन उन दोनों निविदाओं को रेस्पॉन्सिव कराना चाहते हैं।
मथुरा । ऑफिसर्स कॉलोनी स्थित न्यायिक अधिकारियों के आवासों की मरम्मत हेतु लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड मथुरा को 52 लाख रुपए की धनराशि शासन से माह फरवरी में स्वीकृत हुई थी। जिसकी निविदा प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग ने अधीक्षण अभियंता आगरा को मार्च माह में आमंत्रित करने के लिए भेजी थी । अधीक्षण अभियंता आगरा ने निविदा आमंत्रित की , 24 मार्च को निविदा की तकनीकी विड खोली गई, जिसमें चार निविदादाताओं ने भाग लिया । दो निविदादाताओं की तकनीकी विड के दस्तावेजों में कमी होने पर एक विडर द्वारा प्रहरी पोर्टल पर शिकायत करी , शिकायत को स्थानीय निविदा समिति द्वारा सही माना गया और दोनों निविदादाताओं को "नॉन रेस्पॉन्सिव" करते हुई लखनऊ प्रहरी को संपूर्ण प्रकरण भेज दिया। लखनऊ प्रहरी समिति द्वारा स्थानीय निविदा समिति को ही इस पर निर्णय लेने के लिए लिखा गया और दोनों निविदादाताओं को डिस्कार्ड कर दिया। परंतु स्थानीय निविदा में सचिव निविदा समिति प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता द्वारा इस पर उच्च अधिकारियों के भी कहने पर अपनी रिपोर्ट स्थानीय समिति के अध्यक्ष अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग आगरा को प्रेषित नहीं की जा रही है।सरकार की पारदर्शी निविदा प्रणाली में भी प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता पलीता लगाने से नहीं चूक रहे हैं।
                                    
                                    05/02/2025 08:25 PM