Bhopal
भोपाल। रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
मछली पालन की फर्जी स्कीम बताकर 100 करोड रूपये की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े: कई किसानों से करोड़ो रूपये लेकर कंपनी को देना स्वीकारा
भोपाल। रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
क्राइम ब्रांच की विशेष टीम द्वारा भोपाल क्षेत्र सहित प्रदेष एवं अन्य राज्यों में किसानों से मछली पालन करने के नाम पर करीबन 100 करोंड रूपयों की धोखाधड़ी करने वाले फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
घटना का विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी कपिल दुबे साथ एवं अन्य किसानों के साथ फिश फार्च्यून प्रोडक्शन कम्पनी गुड़गाँव के संचालक बिजेन्द्र कश्यप एवं उनके सहायक संचालक/प्रमोटर धर्मेन्द्र ठाकुर, प्रह्लाद शर्मा और मनोज कटारे के द्वारा अगस्त 2019 से षड्यंत्रपूर्वक धोखाधड़ी करने एवं आपराधिक न्यास भंग करने पर थाना क्राइमब्रांच भोपाल द्वारा अपराध क्रमांक 178/2021 धारा 420,409,120 बी 34 भादवि का पंजीबद्ध किया गया था।
क्राइम ब्रांच भोपाल द्वारा पूर्व में प्रकरण के आरोपीयों ब्रिजेन्द्र कष्यप और विनय शर्मा को गिरफ्तार किया जा चुका है। फरार आरोपी प्रहलाद शर्मा को क्राइम ब्रांच की टीम ने मुखबिर की सूचना पर कोहेफिजा क्षेत्र से पकड़ा। जिससे पूछताछ की गयी, तो उसने अपना जुर्म करना स्वीकार किया।आरोपी से पूछताछ पर एवं दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पृहलाद शर्मा एवं उसके लड़के शुभम शर्मा द्वारा भोले भाले किसानो को फायदे का झांसा देकर अपने खातों में करीबन 84 लाख रूपये डलवाना स्वीकार किया था।
आरोपीगण भोले-भाले किसानों को अपनी स्कीम बताते हैं कि आपकेपास उपलब्ध जमीन का उपयोग उनके द्वारा कन्ट्रेक्ट बेस पर मछली पालन किया जाएगा जिसमें आधा एकड़ या एक एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है। जिसके एवज् में किसानों को कम्पनी तीस किस्तों यानि 15 माह तक 37,500/- रुपये प्रति माह टीडीएस एव अन्य खर्चे काटकर देगी। कम्पनी किसान को तीस किश्तों यानि 15 माह तक 37,500/- रुपये मछली पालन हेतु तालाब की लीज एमाउंट देगी। कम्पनी तालाब खुदवाकर उसके चारों तरफ जाली लगवाएगी, सीसी टी वी कैमरा लगवाएगी, मछली बीज उपलब्ध काराएगी एव मछली के दाना-पानी की व्यवस्था कराएगी। सिक्युरिटी मनी के प्राप्त होने के तीन दिन के अंदर मछली पालन कार्य प्रारंभ कर देगी।
यदि मछली पालन के दौरान मेंडिकल संबंधी आवश्यकता पड़ी तो उसे कम्पनी अपने खर्च पर उपलब्ध कराएगी। यदि कंपनी द्वारा आकस्मिक दौरे के दौरान तालाब में कोई व्यक्ति मछली पकड़ते हुये पाया गया तो उसके लिये पेनल्टी लगेगी। उनकी ओर से प्रतिमाह वाटर सप्लाई, सिक्युरिटी गार्ड एव इलेक्ट्रिसिटी दूसरी पार्टी उपलब्ध करायेगी किंतु उसके लिये प्रतिमाह 8,000/- रुपये कंपनी अलग से देगी। किसान का कंपनी के मछली पालन के काम में कोई हस्तक्षेप नही रहेगा। कपनी पूर्ण रुप से एग्रीमेंट में दी गयी राशि के समयावधि में भुगतान के लिये जिम्मेदार है। कपनी कभी भी किसान द्वारा उपलब्ध करायी गयी जमीन का मछली पालन के अलावा किसी अन्य काम मे उपयोग नहीं करेगी। कंपनी द्वारा किसानो को अलग-अलग बैंक एकाउंट क के माध्यम से पीडीसी चैक जिसे सिक्युरिटी मनी के रुप में उपयोग किया जा सकता हैध् भुनाया जा सकता है दिया जाता है।
कंपनी तालाब की मरम्मत संबंधी कार्यवाही के लिये पूर्णतःज़िम्मेदार है पूरी कार्यवाही होने के बीच मे किसी भी समस्या के लिये प्रार्थी किसान जिम्मेदार नहीं रहेगा तथा कंपनी को मछली पालन के बाद होने वाले लाभ का पूर्ण अधिकार है इसमें किसान कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता। यदि कपनी द्वारा किस्त के भुगतान में तीन महिने से ज्यादा की देरी हुई तो हम किसानों को अनुबंध पत्र के तहत अधिकार है कि उक्त कपनी द्वारा प्रदायशुदा पीडीसी चेक को बैंक में लगाकर उचित वैधानिक कार्यवाही कर सकते हैं। इन सभी शर्तों के चलते किसानों ने अपने व्यक्तिगत तालाबों में काम शुरु करवाया जिसमें किसी किसान के पास संलग्न एग्रीमेंट के अनुसार कुछ किस्त आयीं जबकि कुछ के पास बिल्कुल भी नहीं।
जब धर्मेन्द्र ठाकुर, प्रह्लाद शर्मा एव मनोज कटारे से इस संबंध में चर्चा करनी चाही तो उनके द्वारा प्रारंभ में किस्त के पैसे देने के संबंध में टालामटोली की गई और बाद में फोन लगाने पर उन्होंने फोन उठाना बंद कर दिया। उक्त कंपनी एव उनके प्रमोटर द्वारा किसानों को तालाब बनाकर उसमें मछली पालन करने का बड़ा प्रोजेक्ट लगाने का सपना दिखाकर किसानों से अपनी मर्जी मुताबिक 5-5 लाख और 11-11 लाख रुपये की फर्जी स्कीम के माध्यम से भोल भाले किसानों को पैसे कमाने का प्रलोभन देकर उनसे अनुचित तरीके से पैसे ऐंठकर कई करोडों रुपयों की धोखाधड़ी की गयी थी।
03/02/2022 12:32 PM

















