अपने अपने कर्मों का फल सबको मिलता है-स्वस्तिभूषण, ज्ञानतीर्थ पर एक शाम-गुरुवर के नाम:
मुरेना (मनोज नायक) अपने अपने कर्मों का फल सबको मिलता है । कुछ इस भव में मिलता है, कुछ उस भव में मिलता है । आप चाहे घर परिवार में रहें या साधु-सन्याशी बन जाएं । आपने जो भी अच्छे या बुरे कर्म किये हैं उनका फल तो भुगतना ही होगा । यदि आप अपने इष्ट की, देव शास्त्र गुरु की पूजा अर्चना करते हैं तो आपके बुरे कर्मों का फल कुछ कम तो हो सकता है, लेकिन उसके परिणाम तो भुगतने ही होगें । उक्त बात ज्ञानतीर्थ क्षेत्र पर विराजमान गणिनी आर्यिका गुरुमां स्वस्तिभूषण माताजी ने नववर्ष कार्यक्रम में गुरुभक्तों को सम्बोधित करते हुये कही । श्री ज्ञानतीर्थ क्षेत्र मुरेना में नववर्ष के अवसर पर विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया ।
ए बी रोड (धौलपर आगरा रोड) मुरेना हाइवे पर स्थित श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन ज्ञानतीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी श्री योगेश जैन (खतौली वाले) दिल्ली ने जानकारी देते हुए बताया कि नववर्ष की पूर्व संध्या में परम पूज्य गणिनी आर्यिका गुरुमां स्वस्तिभूषण माताजी के पावन सान्निध्य में एवं ब्रह्मचारिणी बहिन अनिता दीदी, मंजुला दीदी, ललिता दीदी के निर्देशन में 48 दीपों से भक्तामर पाठ की महाअर्चना के साथ एक शाम गुरुवर के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस अवसर पर ज्ञानतीर्थ आराधक परिवार द्वारा श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक महोत्सव में बनने वाले पात्रों का सम्मान किया गया । भजन गायक एवं संगीतकार मनीष जैन एन्ड पार्टी मुरेना की स्वर लहरी पर गुरु भक्तों ने भक्तिभाव से विभोर होकर नृत्य किये । परम पूज्य गुरुदेव सराकोद्धारक समाधिस्थ आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के अनन्य भक्त नरेश भूषण जैन, बकीलचन्द जैन, राकेश जैन, योगेश जैन खतौली, आनन्द जैन खेकड़ा, श्री संजीव जैन, अमित जी, विक्रम जी, विकास जी, अतुल जी, मनोज जी कादला, मनोज जैन कैलाश नगर, लोकेश जी दिल्ली, सुनीत ठेकेदार, सतेंद्र जैन, विजय जैन, प्रदीप जैन, जिनेश जैन सहित दिल्ली, मेरठ, आगरा, धौलपर, ग्वालियर, जौरा, बानमोर, मुरेना से आये हुए भक्तों ने गुरुचरणों की बन्दना करते हुए जैन भजनों पर भक्तिपूर्वक नृत्य करते हुए पूज्य गुरुदेव को याद किया । शाम 07 बजे से कार्यक्रम प्रारम्भ होकर मध्य रात्रि 01 बजे तक निरन्तर चलता रहा । जैसे ही रात्रि के 12 बजे सभी भक्तगण णमोकार महामंत्र की गूंज पर, गुरुदेव आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज एवं गुरुमां स्वस्तिभूषण माताजी के जयकारों के साथ जिनेन्द्र प्रभु की भक्ति में झूमने लगे । अंत में पूज्य गुरुमां गणिनी आर्यिका माताजी ने सभी को शुभाशीष देते हुए कहा कि आप सभी इसी तरह सदैव देव शास्त्र गुरु के प्रति श्रद्धानवत रहते हुए दिगम्बराचार्यों के मार्ग पर चलकर देश, धर्म व समाज की सेवा करते रहें ।
कार्यक्रम का शुभारंभ बहिन अनीता दीदी के मंगलाचरण से हुआ । पूज्य गुरुदेव के चित्र का अनावरण श्री आनन्द जी जैन खेकड़ा, चरण चिन्हों का अनावरण श्री बकीलचंद, पंकज जी, राजीव जैन दिल्ली ने किया । आरती करने का सौभाग्य श्री विजय जी जैन बल्लन सूरजमल विहार दिल्ली को प्राप्त हुआ ।
नव वर्ष की प्रातः कालीन वेला में श्री 1008 पार्श्वनाथ महामण्डल विधान का आयोजन किया गया । विधान में साधर्मी बन्धु पीत वस्त्र, एवं महिलाएं पीली साड़ी के साथ हार व मुकुट धारणकर इंद्र-इंद्राणी के स्वरूप में विराजमान थी ।
01/02/2023 02:31 PM