Fatehpur
सीकर के जवान मुनाफ खान का जयपुर में निधन, दो महीने पहले बेटी का हुआ था जन्म:
फतेहपुर। सोमवार रात को सैन्य अधिकारियों ने फोन कर सूचना दी कि 24 ग्रेनेडियर रेजीमेंट में तैनात रोलसाहबसर के सैनिक मुनाफ खान सेना में ट्रेनिंग कैंप की रिहर्सल के दौरान शहीद हो गए हैं। वहीं सोमवार दोपहर में भतीजे मुनाफ ने पत्नी अफसीन बानो से बात की थी। उसने पूरे परिवार के हाल पूछे थे, लेकिन पता लगा कि सोमवार शाम को जब मुनाफ जयपुर स्थित सेना के कैंप में मॉक ड्रिल की ट्रेनिंग में शामिल थे। उस दौरान घायल हो गए।
उनको सेना के जवान अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन रात को वे वीरगति को प्राप्त हो गए। उनकी पार्थिव देह मंगलवार को पैतृक गांव रोलसाहबसर पहुंची। यहां राजकीय सम्मान और सलामी के साथ उनको सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इधर, मुनाफ की रेजीमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल अब्दुल रसीद ने बताया कि मुनाफ खान बेहतरीन फाइटर थे।
इससे पहले वह कश्मीर में तैनात थे। इसके अलावा अत्यधिक जोशीले होने के कारण वे सेना के जवान और अफसरों के चहेते थे। सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल राजेंद्र सिंह जोधा के अनुसार मुनाफ खान 24 ग्रेनेडियर जयपुर में तैनात थे। हैड क्वाटर्स से उनके बारे में मंगलवार को ही सूचना आई थी।
25 दिन पहले छुट्टी बिताकर गए थे, 2012 में हुए थे सेना में भर्ती
30 साल के मुनाफ खान 2012 में आर्मी में भर्ती हुए थे। चाचा शमशेर खान ने बताया कि आठ अक्टूबर को मुनाफ के रिश्ते में साले का निकाह था। 25 दिन पहले ही गांव छुट्टी काटकर वापस ड्यूटी पर लौटे थे। छुट्टी आने के दौरान वे युवाओं को सेना भर्ती की तैयारी करवाते थे। मुनाफ चार भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उनके बड़ी बेटी तीन साल व छोटी बेटी दो महीने की है। दो महीने की बेटी को मुनाफ खान के अंतिम दर्शन करवाए गए। ये हालात देख लोग भावुक हो गए।
एक भाई सेना में, दूसरा कर रहा आर्मी में जाने की तैयारी
सैनिक मुनाफ के परिवार का सेना से काफी लगाव है। दादा इनायत खान सेना में सेवा दे चुके हैं। भाई सोहेल खान वर्तमान में सेना में जम्मू-कश्मीर में तैनात है। छोटे भाई जाहिद आर्मी में भर्ती की तैयारी में जुटे हैं। पिता इशाक खान खेती करते हैं।
कहते थे-देश सेवा में प्राण चले जाएं तो होगी गौरव की बात
चाचा शमशेर ने बताया कि मुनाफ हसमुख थे। गांव आने पर बडे़-बुजुर्गों से जरूर मिलते। मुनाफ का शुरू से ही आर्मी में जाने का सपना था। गांव आने पर युवाओं को सेना भर्ती की ट्रेनिंग देते थे। कहते थे कि देश सेवा में प्राण भी चले जाएं तो गौरव की बात होगी।
देशभक्ति के नारों से गूंजा रोलसाहबसर गांव
मंगलवार को पार्थिव देह पहले फतेहपुर पहुंची। यहां से तिरंगा यात्रा के साथ उनके पैतृक गांव रोलसाहबसर लाई गई। युवाओं ने देश भक्ति नारे लगाए। जगह-जगह पुष्पवर्षा हुई। अंतिम यात्रा में फतेहपुर विधायक हाकम अली, सभापति जीवण खां, चेयरमैन मुश्ताक नजमी, पूर्व चेयरमैन मधु सुदन भिंडा, एएसपी रामचंद्र मूंड, सीओ राजेश विद्यार्थी, लेफ्टिनेंट कर्नल अब्दुल रसीद, सैनिक कल्याण विभाग के कल्याण संघठक साबूलाल चौधरी, महिपाल नेहरा, प्रभुसिंह कारंगा, सरपंच संघ अध्यक्ष आबिद खान, एजाज खान सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
11/02/2022 03:56 AM