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चीन को 10 देशों ने दिया झटका, वांग यी लौटे ख़ाली हाथ:
क्वॉड देशों की हाल में हुई बैठक के बाद प्रशांत महासागर के देशों के दौरे पर निकले चीन के विदेश मंत्री वांग यी को फिजी में बड़ा झटका लगा है।
वांग यी ने सोमवार को फिजी में प्रशांत क्षेत्र के 10 देशों के विदेश मंत्रियों से हाई-प्रोफ़ाइल मुलाक़ात की थी. लेकिन प्रशांत महासागर के देशों ने चीन से व्यापार और सुरक्षा पर क्षेत्रीय समझौते करने से इनकार कर दिया है।
इन देशों की आशंका है कि इन समझौतों का प्रस्ताव चीन ने उन्हें अपने पाले में खींचने के लिए किया है।
फिजी के प्रधानमंत्री फ्रैंक बेनिमरामा ने साफ़ किया कि सोमवार को प्रशांत महासागर के 10 देशों के बीच हुए निर्णय के अनुसार हम साथ चलने के लिए एकजुट हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी नए क्षेत्रीय समझौते के पहले इलाक़े के सभी देश हमेशा आपसी सहमति से फ़ैसला लेते हैं।
उन्होंने इस बारे में ट्वीट किया और लिखा, ''प्रशांत क्षेत्र सच्चे सहयोगी चाहते हैं न कि पावर पर बहुत ज़ोर देने वाले सुपरपावर को. मंत्री वांग यी से मुलाक़ात शानदार रही. हम अवैध तरीक़े से मछली मारने पर रोक लगाने, प्रशांत इलाक़े को सुरक्षित रखने और फिजी का निर्यात बढ़ाने के लिए चीन का मज़बूत समर्थन चाहते हैं.''।
क्या चाहता है चीन?
चीन चाहता था कि इन देशों के साथ मुक्त व्यापार, पुलिस सहयोग, आपदा से निपटने सहित कई मसलों पर उसके विस्तृत समझौते हों।
चीन का प्रशांत महासागर के दक्षिणी इलाक़े में अपनी सक्रियता ज़ोर-शोर से बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिससे अमेरिका और उसके सहयोगियों की चिंता बढ़ सकती है. फ़िलहाल चीन की ये ख़्वाहिश पूरी नहीं हो पाई है।
चीन ने इस इलाक़े की पुलिस को प्रशिक्षित करने, साइबर सुरक्षा देने, राजनीतिक जुड़ाव बढ़ाने, संवेदनशील समुद्री मैपिंग करने और पानी और ज़मीन के प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था।
इसके बदले में चीन ने करोड़ों डॉलर की वित्तीय मदद देने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही उसके साथ मुक्त व्यापार समझौता करने और अपने देश के विशाल बाज़ार तक पहुँच देने का प्रस्ताव रखा है।
लेकिन प्रशांत देशों के नेताओं का इस प्रस्ताव के नकारात्मक असर को ज़ोर शोर से उठाया है।
प्रशांत देशों की चिंता
माइक्रोनेशिया के राष्ट्रपति डेविड पैन्यूलो ने इस प्रस्ताव के बारे में चेताया है. उनका कहना है कि इस समझौते से चीन का सरकार और अर्थव्यवस्था पर बहुत ज़्यादा दखल बढ़ जाएगा।
वहीं बैठक के बाद इन देशों के नेताओं ने सधे हुए अंदाज़ में कहा कि वे चीन के इस प्रस्ताव से इसलिए सहमत नहीं हो पा रहे हैं, क्योंंकि इस पर क्षेत्रीय सहमति नहीं बन पाई है।
चीन के प्रस्ताव पर अपनी चिंताएं बताए हुए न्यू गिनी, समोआ और माइक्रोनेशिया सहमत नहीं हुए. वहीं इस बैठक में ताइवान को मान्यता देने वाले पलाऊ के प्रतिनिधि को नहीं बुलाया गया था।
उधर आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने कहा कि इस इलाक़े के देशों को फ़ैसला लेना होगा. उन्होंने कहा कि प्रशांत इलाक़े की सुरक्षा हम सबकी ज़िम्मेदारी है. उन्होंने यह भी कहा कि हम प्रशांत देशों के परिवार को और मज़बूत बनाना चाहते हैं।
इस बीच ताज़ा घटनाक्रम के बीच अपना चेहरा बचाने की कोशिश करते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि चीन के 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' में शामिल होने पर सहमत हो गए हैं।
वांग यी ने कहा कि दोनों ही पक्ष सहयोग पर और सहमति बनाने के लिए गहराई से चर्चा करते रहेंगे. उन्होंने चीन को लेकर बहुत चिंतित न रहने और नर्वस न होने की भी अपील की है।
05/31/2022 10:53 AM