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विजय रुपाणी के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के पीछे क्या हैं अहम कारण?: विजय रुपाणी के बाद गुजरात का नया CM कौन? जानिए, रेस में शामिल 4 कद्दावर नेताओं के बारे में।
अहमदाबाद। गुजरात में अगले साल आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा आखिरकार बदल दिया है. राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी में समय के साथ दायित्व बदलते रहते हैं. बीजेपी में यह स्वभाविक प्रक्रिया है. ऐसे में सवाल कि आखिर क्या कारण रहे हैं, जिसके चलते विजय रुपाणी को सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी।
बता दें कि विजय रुपाणी को साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को हटाकर गुजरात के सत्ता की कमान सौंपी गई थी. 2017 का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने विजय रुपाणी के नेतृत्व में लड़ा था, लेकिन यह चुनाव जीतने में बीजेपी को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी. गुजरात में अगले साल आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए बीजेपी अपने आपको को मजूबत करने में जुट गई है।
2022 का विधानसभा चुनाव
बीजेपी आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी जीत को सुनिश्चित करने और दोबारा से सत्ता में वापसी करना चाहती है. ऐसे में केंद्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष शनिवार को अचानक गांधी नगर पहुंचे, जहां उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल और प्रदेश प्रभारी रत्नाकर के साथ बैठक की. इसी के बाद विजय रुपाणी राज्यपाल के अपना इस्तीफा देने के लिए पहुंचे. रूपाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का आभार जताते हुए कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी है उसे पूरा करेंगे।
जानिए कौन हैं चार प्रमुख चेहरे
मोदी सरकार में मांडविया के पास अहम जिम्मेदारी
नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में अपने कैबिनेट का विस्तार किया था। इसमें गुजरात से राज्य सभा सदस्य मनसुख मांडविया (49) को भी शामिल किया गया। उन्हें डॉ हर्षवर्धन की जगह पर देश का नया स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बनाया गया। वह इसके पहले भी मोदी सरकार में सड़क परिवहन राज्य मंत्री रह चुके हैं। 2015 में मांडविया बीजेपी के सबसे युवा महासचिव बने थे। पहली बार 2012 में गुजरात से राज्य सभा सदस्य बने मांडविया 2018 में दोबारा इस पद के लिए चुने गए। वर्ष 2002 से 2007 तक गुजरात विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। गुजरात के सीएम पद के लिए इनका नाम सबसे आगे चल रहा है। उन्हें पीएम मोदी के करीबी नेताओं में शुमार किया जाता है।
प्रभावशाली पटेल समुदाय से आते हैं पुरुषोत्तम रुपाला
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने 1980 के दशक में बीजेपी के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। 1991 में वह अमरेली विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। वह तीन बार इस सीट से विधायक रहे हैं। 2016 में उन्होंने राज्य सभा सदस्य के तौर पर अपना कार्यकाल शुरू किया। 66 साल के रुपाला गुजरात में प्रभावशाली पटेल समुदाय से आते हैं। 30 मई, 2019 को उन्हें केंद्र सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया। हाल ही में उन्होंने मोदी सरकार में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। किसान और राजनेता होने के अलावा वो अमरेली के हमापुर में आने वाले हाईस्कूल के प्रधानाचार्य भी रहे हैं। इसके अलावा वो छात्रों और किसानों से जुड़ी पहल में शामिल रहे हैं।
क्या इस बार खुलेगी डेप्युटी सीएम नितिन पटेल की किस्मत?
नए मुख्यमंत्री की रेस में 65 वर्षीय डेप्युटी सीएम नितिन पटेल का नाम भी शामिल बताया जा रहा है। लंबे समय से पूरे उत्तर गुजरात में नितिन पटेल बीजेपी के सबसे दिग्गज पटेल नेता के तौर पर अपना स्थान मजबूती से रखते आए हैं। गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफा देने के बाद भी नितिन पटेल का नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल था। वह उस समय भी गुजरात के डेप्युटी सीएम थे। किशोरावस्था से ही नितिन पटेल राजनीति के क्षेत्र में कूद पड़े थे। गुजरात में हुए नवनिर्माण आंदोलन में उन्होंने कडी इलाके के महामंत्री के तौर पर हिस्सा लिया था। बहुत पहले से वह बीजेपी के साथ जुड़ गए थे। उनके करीबी कहते हैं कि बीजेपी के साथ जुड़ने में सबसे महत्वपूर्ण उनका हिन्दुत्व की विचारधारा के प्रति लगाव है।
PM मोदी और अमित शाह के खास हैं सीआर पाटिल
नवसारी से सांसद सीआर पाटिल गुजरात में राजनीति के एक बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं। उन्हें 2020 में गुजरात बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। पाटिल को पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। 66 वर्षीय पाटिल अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों को प्रमोट करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करने में माहिर हैं। इसके जरिए वह मतदाताओं तक आसानी से पहुंच बनाते हैं। पाटिल ऐसे इकलौते सांसद हैं, जिनका ऑफिस 2015 में ही आईएसओ: 2009 से प्रमाणित है। यह प्रमाणपत्र उन्हें सरकारी सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन और निगरानी के लिए दिया गया। पीएम ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी समन्वय की जिम्मेदारी पाटिल को ही सौंपी थी। वह वाराणसी में प्रधानमंत्री के चुनाव की जिम्मेदारी भी उठा चुके हैं। अहम बात यह है कि सीआर पाटिल गैर पाटीदार नेता हैं। पाटिल दो बार अपना चुनाव 5 लाख से ज्यादा मतों से जीत चुके हैं।
नाकामी छिपाने और बरगलाने का प्लान...गुजरात सीएम के इस्तीफे पर हार्दिक पटेल का हमला।
कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने कहा की बीजेपी अपनी नाकामी छिपाने के लिए यह सब कर रही है। उन्होंने कहा कि अगले साल गुजरात में चुनाव होने वाला है। चुनाव में लोगों का सामना करना है इसलिए सीएम बदलकर वह लोगों की नाराजगी कम करने का प्रयास कर रहे हैं।
'लोगों के गुस्से कम करने के लिए सीएम को हटाया'
हार्दिक पटेल ने कहा कि सीएम ने गुजरात में कुछ काम नहीं किया। अब एक साल चुनाव के लिए बचे हैं। अगर उन्हें सीएम बदलना था तो पहले बदल देते लेकिन इस समय बदला जब चुनाव के लिए एक साल बचा है। उन्होंने लोगों के गुस्से को कम करने के लिए, उन्हें बरगलाने के लिए सीएम को हटा दिया।
09/11/2021 01:53 PM