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डॉ भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती के उपलक्ष्य में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के वाणिज्य विभाग में संगोष्ठी:
डॉ भीम राव आंबेडकर की 134वीं जयंती के उपलक्ष्य में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के वाणिज्य (कॉमर्स) विभाग में कार्यक्रम का हुआ आयोजन।
प्रोफेसर अहमद मुज्तबा सिद्दीकी ने 'संविधान बनाने वाले बाबा साहब डॉ भीम राव आंबेडकर के विचार और व्यवहार' विषय पर संगोष्ठी में राष्ट्रीय एकता की बात कही। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भारतीय संविधान के निर्माता, समाज सुधारक और सामाजिक न्याय के प्रबल पक्षधर थे, अंबेडकर ने आजीवन जातिगत भेदभाव, सामाजिक असमानता और आर्थिक विषमता के खिलाफ संघर्ष किया। वे भारत के पहले कानून मंत्री भी बने और उन्होंने भारतीय संविधान की रचना में अहम योगदान दिया।
डॉ भीम राव अंबेडकर ने भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों की स्थापना हेतु ऐतिहासिक योगदान दिया।
उन्होंने भारत के संविधान में ऐसे प्रावधानों को स्थान दिया, जो हर नागरिक को समान अवसर, न्याय, शिक्षा और सम्मान का अधिकार प्रदान करते हैं। उनके प्रयासों से अस्पृश्यता उन्मूलन, आरक्षण नीति और सामाजिक समरसता की दिशा में ठोस कदम उठाए गए। उन्होंने ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ के सिद्धांत को अपनाया और जीवन भर समता और बंधुत्व की भावना को बढ़ावा दिया।
उन्होंने कहा बाबासाहेब अंबेडकर न केवल संविधान निर्माता थे, बल्कि वे कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले प्रेरणास्रोत भी थे। उनका जीवन आज भी करोड़ों लोगों के लिए प्रकाशपुंज है।
उन्होंने राष्ट्र के संविधान लिखने वाले ओर देश के नागरिकों को उनका हक़ संविधान के जरिए दिलाए जाने और देशवासियों के राइट्स को मजबूत करने के लिए समर्पण दिखाने तथा आंबेडकर के सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एएमयू के पीवीसी प्रोफेसर एम. मोहसिन ने की तथा संचालन वाणिज्य संकाय के डीन प्रोफेसर एम. आसिफ खान ने किया। कार्यकारिणी परिषद के सदस्य प्रोफेसर मोइन उद्दीन, राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मोहिबुल हक, हिंदी विभाग की डॉ. राहिला रईस ने विचारोत्तेजक भाषण दिए। हिंदी विभाग के प्रोफेसर अब्दुल अलीम भी इस अवसर पर उपस्थित थे। डॉ. सायम ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
04/14/2025 08:20 PM