Aligarh
अलीगढ़।
अलीगढ़ के प्रसिद्ध अस्पताल मैक्सफोर्ट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मनाई स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती:
अलीगढ़।
मैक्सफोर्ट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने मनाया स्वामी विवेकानन्द का जन्म दिवस
स्वामी विवेकानन्द का जन्म दिवस National Youth Day के रूप में मनाया गया
अलीगढ़ के प्रसिद्ध अस्पताल मैक्सफोर्ट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मनाई स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती
डॉ चितरंजन सिंह संचालक मैक्सफोर्ट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने सभी लोगो का धन्यवाद दिया।
वहीं जानकारी देते हुए डॉक्टर चितरंजन सिंह संचालक मैक्सफोर्ट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल द्वारा बताया कि स्वामी विवेकानंद वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे. उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता के एक मध्य परिवार में हुआ था. उनकी जयंती को देशभर में युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है, आज उनका 161 वा जन्म दिवस National Youth Day के रूप में मैक्सफोर्ट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मनाया जा रहा है, कार्यक्रम अरोग्य भारती ब्रज प्रांत जिला अलीगढ़ गोष्ठी कार्यक्रम में डॉ अंकित गुप्ता, डॉ एनपी सिंह, डॉ रमेश चंद्र जी, डॉ ज्ञानेंद्र मिश्रा, दिनेश गुप्ता, पवन वार्ष्णेय, डॉ जयंत शर्मा, डॉ उपेंद्र, शामिल रहे और उन्होंने अपने अपने विचार समाज हित में रखे।
स्वामी विवेकानंद की जयंती पर देश के युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय युवा दिवस (Yuva Diwas) मनाया जाता है. भारत के महापुरुषों में से एक स्वामी विवेकानंद की आज (12 जनवरी) 161वीं जयंती है. उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता के एक मध्य परिवार में हुआ था. वे औपनिवेशक भारत में हिंदुत्व के पुन: उद्धार और राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने के लिए जाने जाते थे.
भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद का पूरा जीवन युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है, उन्होंने न सिर्फ अपने भाषणों से बल्कि अपने पूरे जीवन काल में जैसे उद्धरण प्रस्तुत किए वो दुनिया को सिखाने वाले हैं. उनके काम और विचार युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं. युवाओं की विचारधारा और जीवन को सही दिशा देने के उद्देश्य 1985 में भारत सरकार ने स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी. इस खास अवसर पर स्कूल-कॉलेजों में भाषण और प्रतियोगिताएं जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. ताकि युवाओं को अपनी प्रतिभा और विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखने का मौका मिल सके।
आपको बता दें कि 1881 में विवेकानंद की मुलाकात रामकृष्ण परमहंस से हुई. जिसके बाद वे पूरे विश्व में दार्शनिक और विचारक के तौर पर लोगों को प्रेरित करने लगे. विवेकानंद को धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान, साहित्य का ज्ञान था. शिक्षा में निपुण होने के साथ-साथ वे भारतीय शास्त्रीय संगीत का भी ज्ञान रखते थे।
संवाददाता शकील अहमद
01/12/2024 01:07 PM