Aligarh
डॉक्टरों की लापरवाही चलते,, दो मासूमों की गई जान: परिजनों ने लगाए आरोप।
अलीगढ़। सासनी गेट थाना क्षेत्र में प्राइवेट हॉस्पिटलों की बाढ़ सी आ गई है। यहां पर हॉस्पिटलों के नाम केवल कस्टमर को धोखा दिया जाता है। तथा मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जाता है। आए दिन डॉक्टरों की कमी के कारण हॉस्पिटलों में जान जाती रहती है। लाखों शिकायतों के बाद भी जिला प्रशासन की कुंभकरण की नींद नहीं खुलती है। जिला प्रशासन के स्वास्थ्य अधिकारी ऐसे हॉस्पिटलों को संचालित कर आते हैं जिनमें डॉक्टरों की कमी होती है तथा आए दिन जिला प्रशासन की लापरवाही से। भर्ती हुए मरीजों की जान जोखिम में पड़ी रहती है लेकिन जिला प्रशासन कि कोई भी कार्रवाई ऐसे हॉस्पिटलों पर नहीं होती है।
आज भी अलीगढ़ के शेखर सर्राफ मेमोरियल हॉस्पिटल मैं 2 बच्चों की जान चली गई जोकि पिछले 31 तारीख से एडमिट थे जिसके 7 तारीख को छुट्टी दे दी गई 1 वर्ष से के मासूम की फिर तबीयत अचानक बिगड़ गई जिससे परिवार वाले फिर से कर सराफा मेमोरियल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तथा डॉक्टरों ने आईसीयू में भर्ती कर लिया आईसीयू में भर्ती करने के बाद डॉक्टर तो अपने घर चले गए लेकिन वहां पर जो नर्सिंग स्टाफ बोला जाता है जो कि इन पर डिग्री अभी नहीं है उनको वहां पर रात्रि में छोड़ जाते हैं जिसके कारण आज 1 वर्ष की मासूम की जान चली गई तथा कुछ ही देर बाद आईसीयू में भर्ती दूसरे बच्चे की भी जान ऐसे हॉस्पिटलों में ले ली गई 1 घंटे के अंदर 2 बच्चों की जान चली गई तथा परिवार वालों से मामले को श्री हटाने के लिए भी बोला गया तथा पुलिस द्वारा दबाव भी बनाया गया लेकिन पुलिस ने अभी तक पीड़ित परिवार की तहरीर पर कोई भी कार्रवाई नहीं की है आखिर ऐसे हॉस्पिटलों पर स्वास्थ्य विभाग की कब नजर पड़ेगी क्या ऐसे ही बच्चों की मौत का मातम हर घर देखा जाएगा।
तो वही सर्राफा मेमोरियल हॉस्पिटल मैं जितने भी बच्चे एडमिट होते हैं यहां पर डॉक्टरों की बहुत बड़ी लापरवाही है डॉ टाइम से नहीं आते हैं बच्चों से मिलने भी नहीं देते तथा टाइम निर्धारित किया गया है मिलने का तथा पर्दा लगा रहता है बच्चों को किसी को नहीं देखने देते हैंकितना गंदा सिस्टम बना रखा है कि पहले गार्ड जिंसों से पैसे खींचते हैं। पहले पैसे जमा कराइए उसके बाद फिटमेंट चालू होता है। शाम के 6:00 बजे के बाद सर्राफा मेमोरियल हॉस्पिटल में कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं होता है केवल नर्सिंग स्टाफ होता है केवलहाई स्कूल इंटर पास स्टॉप यहां बच्चों की देख वारी करता है जिसकी मैंने तहरीर भी दी है वही बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं मेरी गुजारिश यही है कि डॉक्टरों ने बच्चों की जान ली है गंदा काम किया है जिन्होंने मासूम की जान ली हैउनकी लापरवाही की सजा मिले कुछ हीमामले को दबाने के लिए लेने देने की बात ऐसे हॉस्पिटलों को की जाती है पुलिस प्रशासन की भी कोई मदद नहीं है 1 वर्षीय बच्चे का नाम प्रतीक है जिसकी इन डॉक्टरों ने जान ली है 31 तारीख से बच्चा एडमिट था बच्चे के 7 तारीख को ब्लड में इंफेक्शन हुआ ठीक भी हो चुका था 7 तारीख को बच्चे की छुट्टी भी की गई 4 से 5 घंटे के बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ गईपेचिश हो गए उसके बाद तुरंत फिर एडमिट करना पड़ा यह लोग रखते हैं तथा बच्चों की जान से खिलवाड़ करते होकेवल एक को पैसे से मतलब है अब देखने वाली बात है कि आखिर ऐसे बेलगाम हॉस्पिटलों जिला प्रशासन की कुंभकरण की नींद कब खुलती है आखिर कब ऐसे हॉस्पिटलों पर कार्रवाई होती है क्या फिर यूं ही मासूमों की जान एक खूनी भेड़िए इन हॉस्पिटलों में देखने को मिलेंगे। ये सभी गंभीर आरोप मृतक बच्चे के पिता एवं ताऊ ने हॉस्पिटल पर लगाए हैं।
06/10/2023 05:23 AM