Aligarh
इस तरह हुई बसपा की स्थापना
अलीगढ़ के जूपिटर लॉज आईटीआई रोड पर धूम धाम से मनाई कांशीराम की 89वीं जयंती।:
अलीगढ़-बन्नादेवी क्षेत्र के जुपिटर लॉज में आज काशीराम जी की 89 भी वी जयंती बहुजन समाज पार्टी के नेताओं द्वारा धूमधाम से मनाई गई।
अलीगढ़ महापौर मोहम्मद फुरकान द्वारा मंच से सैकड़ों लोगों को संबोधित किया और काशीराम के द्वारा दिए गए योगदान, आंदोलन और उनके आंदोलन के द्वारा आज जो जनता को लाभ मिल रहा है को जनता के समक्ष रखा।
उन्होंने कहा कि बहुजन समाज को मान, सम्मान, स्वाभिक व सत्ता दिलाने की ख़ातिर अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले, भारत में राजनीति की दशा व दिशा बदलने वाले युग पुरुष मान्यवर मा०साहब श्री कांसीराम की जयंती बहुत ही धूमधाम से मनाई गई, इस दिन को पार्टी के लोग विचार संगोष्ठी समाहरोह के रूप में मानते है।
कार्यक्रम आई टी आई रोड स्थित एक गेस्ट हाउस में रखा गया कार्यक्रम के मुख्य अथिथि सूरज सिंह ( बरेली अलीगढ़ मुख्य कॉर्डिनेटर) रहे, कार्यक्रम का संचालन ज़िला अध्यक्ष मुकेश चंद्रा ने किया, कार्यक्रम में अलीगढ़ मंडल कॉर्डिनेटर एडवोकेट अशोक सिंह , मंडल प्रभारी रणवीर सिंह कश्यप, मंडल प्रभारी राजवीर सिंह, अलीगढ़ मंडल प्रभारी बीजेंद्र सिंह, मंडल जोन इंचार्ज एड सुरेश गौतम, मंडल जान इंचार्ज किशोर कांत, मंडल जान इंचार्ज शिव कुमार शास्त्री, सहर अध्यक्ष छत्रपाल सिंह, युवा नेता मोहम्मद असलम, युवा नेता संतोष राव, रवि गौतम, मुशीर खान, आदि लोग शामिल रहे, वहीं संचालन मुकेश चन्द्रा जिलाध्यक्ष ने किया l सभी ने मान्यवर श्री कंसीराम जी के फोटो पर पुष्प अर्जित कर कार्यक्रम की शुरुआत की
मोहम्मद असलम उर्फ बंटी भइया द्वारा आज वार्ड न०30 से काफी तादात में लोगो के साथ रेली करते हुए आई टी आई रोड स्थित जुपिटर लॉज में पहुंचे, वहा कार्यक्रम का आयोजन किया गया मान्यवर कांशीराम जी की तस्वीर पर फूल अर्जित कर कार्यक्रम में शामिल हुए
आपको बता दे कि कांशीराम का जन्म ब्रिटिश शासन काल में पंजाब के रूपनगर (वर्तमान में रोपड़ जिले) में 15 मार्च 1934 को हुआ था। उन्होंने रोपड़ के शासकीय महाविद्यालय से 1956 में बीएससी की डिग्री हासिल की। बाद में पुणे में स्थित गोला बारूद फैक्ट्री में क्लास वन अधिकारी के पद पर उनकी नियुक्ति हुई। लेकिन उन्हें जातिगत आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ा। कहा जाता है कि डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती के मौके पर एक दलित कर्मचारी ने छुट्टी मांगी तो उसके साथ भेदभाव होने के बाद कांशीराम ने दलितों के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया।
बहुजन समाज पार्टी के द्वारा उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों में काशीराम जयंती मनाई जा रही है। भले ही हाल में हुए यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बहुजन समाज पार्टी को मात्र एक सीट मिली हो और भाजपा, सपा और कांग्रेस के सामने बसपा कमजोर पड़ गई हो लेकिन दलित राजनीति के जरिए यूपी में सालों सरकार में रहने वाली बहुजन समाज पार्टी की नींव बहुत मजबूत है। हो भी क्यों न पार्टी के संस्थापक और बहुजन आंदोलन के नेता कांशीराम ने पिछड़ा वर्ग के अधिकारों के लिए जो आवाज उठाई, उसकी गूंज आज भी याद की जाती है। 15 मार्च को कांशीराम का जन्मदिन होता है।
बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की जयंती पर मायावती ने माल्यार्पण किया। बसपा के पार्टी कार्यालय पर मायावती ने काशीराम की प्रतिभा पर पुष्प अर्पित किया। इससे पहले मायावती ने ट्वीट करके लिखा कि विरोधी आज षड्यंत्र और तिरस्कार की राजनीति कर रहे हैं।इसका जवाब चुनावी सफलता और सत्ता के मास्टर चाबी मिलने पर दिया जाएगा।
इस दौरान बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा और विधायक उमाशंकर सिंह समेत संगठन के नेता मौजूद रहे।
इस तरह हुई बसपा की स्थापना
कांशीराम ने बामसेफ की स्थापना की। यह न तो राजनीतिक पार्टी थी और न ही कोई धार्मिक संगठन। उसके बाद उन्होंने दलित शोषित समाज संघर्ष समिति नाम के सामाजिक संगठन की स्थापना की, जिस पर राजनीतिक प्रभाव भी रहता था। इसके बाद कांशीराम जी ने दलितों के उत्थान के लिए बाबा साहेब आंबेडकर के जन्मदिन के मौके पर 14 अप्रैल 1984 को बहुजन समाज पार्टी की स्थापना की।
बाद में कांशीराम की मुलाकात मायावती से हुई। वह मायावती के मार्गदर्शक बन गए। उन्होंने मायावी को बसपा के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार किया। हालांकि साल 2003 से कांशीराम ने राजनीति में अपनी सक्रियता कम कर दी और साल 2006 में कांशीराम का निधन हो गया। कांशीराम एक जमीनी कार्यकर्ता थे, चिंतक थे, जिन्होंने दलित उत्थान का सपना देखा था।
कांशीराम डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की तरह चिंतक और बुद्धिजीवी नहीं थे लेकिन उनसे काफी प्रभावित थे। कांशीराम ने भारतीय राजनीति और समाज में एक बड़ा परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभाई। कांशीराम ने आंबेडकर के संविधान को धरातल पर उतारने के लिए काम किया। कांशीराम की आवाज को दबाने के लिए उन्हें नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया। इस पर कांशीराम ने उन्हें निलंबित करने वाले अधिकारी की पिटाई कर दी थी।
03/16/2023 07:08 AM