Aligarh
20 व 21 जनवरी को विकासखण्डों कृषि निवेश मेला एवं कृषि गोष्ठियों का होगा आयोजन: सीडीओ ने कार्यक्रम निर्धारित कर दिये आवश्यक दिशा निर्देश।
अलीगढ़ 19 जनवरी 2023 (सू0वि0) कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत रबी वर्ष 2022-23 के लिए विकासखंड स्तर पर कृषि निवेश मेला एवं कृषि गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। कृषि गोष्ठियों एवं मेलों का मुख्य उद््देश्य सरकार द्वारा किसानों के हित में संचालित योजनाओं का लाभ समय एवं उचित स्थान पर किसानों को उपलब्ध कराना है। ताकि किसान नवीन तकनीक के साथ-साथ संतुलित खाद, उन्नत प्रमाणित बीज एवं अन्य कृषि निवेशों के समय से उपयोग से उत्पादकता में वृद्धि लाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
उक्त जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी अंकित खंडेलवाल ने बताया है कि विकासखंड स्तरीय रबी गोष्ठी कृषि निवेश मेलों का रोस्टर निर्धारित कर दिया गया है। निर्धारित रोस्टर के अनुसार विकासखंड परिसर जवां, गंगीरी, इगलास, चंडौस में 20 जनवरी को एवं बिजौली, गोंडा, टप्पल, धनीपुर में 21 जनवरी को कृषि गोष्ठी एवं कृषि निवेश मेलों का आयोजन किया जाएगा।
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आलू व सरसों किसानों को रोग के नियंत्रण के लिये एडवाइजरी जारी
जिला कृषि रक्षा अधिकारी से मो0 नं0 7905096254 पर करें सम्पर्क
अलीगढ़ 19 जनवरी 2023 (सू0वि0) जिला कृषि रक्षा अधिकारी अमित कुमार जायसवाल ने जनपद के आलू एवं सरसों किसानों को एडवाइजारी जारी करते हुए अवगत कराया है कि कि तापमान में गिरावट एवं आपेक्षित आद्रता में वृद्धि के कारण आलू की फसल में अगेती व पछेती झुलसा एवं राई व सरसों में माहू के प्रकोप की सम्भावना बढ़ गयी है। उन्होंने आलू में अगेती एवं पछेती झुलसा रोग के सम्बन्ध में बताया है कि अगेती झुलसा में निचली व पुरानी पत्तियों पर छोटे अण्डाकार भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते है इसका प्रभाव पत्तियों और कन्द दोनों पर पड़ता है। प्रभावित कन्दों में धब्बे के नीचे का गूदा भूरा एवं शुष्क हो जाता है। जबकि पछेती झुलसा आलू में लगने वाली एक भयानक बीमारी है इसका प्रकोप पत्तियों, तनों एवं कन्दों पर होता है। बदलीयुक्त मौसम, 10-20 सेन्टीग्रेड तापमान एवं 80 प्रतिशत से अधिक अपेक्षिक आद्रता की दशा में इस बीमारी की सम्भावना बढ़ जाती है। श्री जायसवाल ने बताया कि आलू में अगेती एवं पछेती झुलसा रोग के नियंत्रण के लिये मैन्कोजेव 75 प्रतिशत डब्लू०पी० 2 किग्रा० अथवा कॉपर आक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत डब्लू०पी० की 25 किग्रा0 मात्रा प्रति हैक्टेयर की दर से लगभग 500-700 लीटर पानी में घोलकर सुरक्षात्मक छिड़काव करंे।
राई या सरसों में माहू कीट शिशु एवं प्रौढ़ पौधों के कोमल तनों पत्तियों, फूलों एवं नई कलियों के रस चूसकर कमजोर कर देते हैं। कीट मधुस्राव भी करते है जिसपर काली फफूँद उग जाती है जिससे प्रकाश संश्लेषण में बाधा उत्पन्न होती है जिससे पौधे को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता है। फलस्वरूप फसल कमजोर हो जाती है। उन्होंने बताया कि माहू कीट के नियंत्रण के लिये एजाडिरेक्टिन 0.15 प्रतिशत ई०सी० की 25 लीटर मात्रा को 400-500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें। इसके नियंत्रण के लिये कीट की सघनता के अनुसार 10-15 ऐलो स्टिकी ट्रैप प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग किया जा सकता है। रासायनिक नियंत्रण के लिये डाईमेथोएट 30 प्रतिशत ई०सी०, ऑक्सीडेमेटान मिथाइल 25 प्रतिशत ई०सी० अथवा क्लोरपाइरीफास 20 प्रतिशत ई०सी० की 1.0 लीटर मात्रा को 600-750 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। इसके अतिरिक्त कम तापमान के कारण फसलों में पाले की सम्भावना रहती है जिसके बचाव के लिये खेत में नमी बनाये रखने के लिये हल्की सिंचाई करें। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिये जिला कृषि रक्षा अधिकारी के मोबाइल नं0 7905096254 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
01/20/2023 06:58 AM