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पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने अपने नाम के आगे जोड़ा 'शूद्र', रक्षा सूत्र को बताया गुलामी की पहचान: महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेकर लिया फैसला।
आजमगढ़: पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने युवक के हाथ से कलावा उतारकर कहा कि हमने अपने ग्रंथों एवं पूर्वजों का इतिहास पढ़कर यह फैसला लिया है कि हम शुद्र के नाम से ही पहचाने जाएंगे।
पूर्व सांसद रमाकांत यादव हमेशा किसी न किसी बात को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। इस बार उन्होंने खुद को चर्चा में रखने का नया तरीका अपनाया है। अब उन्होंने अपने नाम के आगे शूद्र शब्द जोड़ लिया है। साथ ही उन्होंने अपने समाज के लोगों से भी इसे अपने नाम के आगे जोड़ने की अपील की है।
सोमवार को पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने आजमगढ़ जिले के हरबंशपुर स्थित आवास पर प्रेसवार्ता का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया के समक्ष अपने समर्थकों के हाथों में बंधे रक्षा सूत्र को काटते हुए कहा कि यह गुलामी का प्रतीक है। इसलिए हम लोगों का रक्षा कटवा रहे हैं।
हमने जितनी किताबें पढ़ी जिसमें हमने अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी हासिल की। जितने भी महापुरुष हुए सबकी बातों पर गौर किया। अध्ययन के बाद हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि हम उनके दिखाए रास्ते पर चलेंगे और लोगों को जागरूक करें।
आज हमें हिंदू के नाम पर बरगलाया जा रहा है जबकि हमें हिंदू नहीं माना जाता है। मैंने अनेक किताबें पढ़ी जिसमें समाज चार वर्णों में बांटा था। जिसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र चार वर्ण थे। लेकिन आज लोग खुद को शूद्र कहने में शरमाते हैं।
लेकिन लोगों ने मुझे अपना अगुआ माना है तो हमने यह निर्णय लिया है कि मैं अपने नाम के आगे शूद्र जोड़ूंगा। यहां उपस्थित सभी लोग समाज हित में अपने नाम के आगे शूद्र जोड़ने का काम करेंगे। मैंने पहले ही अपने लोगों से कहा है कि वह उस मंदिर में न जाएं जहां ज्ञान नहीं मिलता है और हमारे लोग ठगे जाते हैं। तो हमारे लोग ज्ञान के मंदिर में जाएं जिससे हमारे समाज का विकास हो।
पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने गुलामी का प्रतीक बताते हुए लोगों के हाथों से रक्षा सूत्र काटा। लेकिन वह इस मौके पर कोरोना काल के नियमों का पालन करना भूल गए। पूर्व सांसद और उनके समर्थकों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई।
07/29/2020 10:58 AM