Delhi
8 साल की मोदी सरकार के 8 बड़े फैसले, कांग्रेस ने बताया देश को कितना नुकसान हुआ:
नई दिल्ली । मोदी सरकार ने 8 साल पूरे कर लिए हैं, 8 साल के इस सफर में इस सरकार ने कई अहम फैसले लिए, नोटबंदी से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक करने और तीन तलाक अधिनियम लागू करने से लेकर कृषि कानून की वापसी तक, मोदी सरकार के फैसले चर्चा में रहे, कुछ फैसलों को जनता ने सराहा तो कुछ ऐलान ऐसी भी हुए जिससे उनकी रातों की नींद उड़ गई, हालांकि, सरकार ने अपने सभी फैसलों को जनहित में बताया. मोदी सरकार की आठवीं एनिवर्सिरी (Modi Government 8th Anniversary) पर जानिए सरकार के ऐसे ही 8 फैसलों के बारे में. जानिए, कांग्रेस के अनुसार इन फैसलों से जनता को कितना नुकसान हुआ :-
नोटबंदी
नुकसान: 8 नवंबर, 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के बंद होने की घोषणा की, नोटबंदी की घोषणा करते वक्त केंद्र सरकार ने दावा किया था कि इससे कालाधन, आतंकवाद और जाली नोटों के मामलों में कमी आएगी. लेकिन इसका उलट हुआ. एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्विस बैंक में भारतीयों की जमा रकम में 50 फीसदी की बढोतरी हो गई।
एयर स्ट्राइक
नुकसान: 28 सितम्बर 2016 और 26 फरवरी 2019 को हुई सर्जिकल स्ट्राइक का एक बड़ा फायदा केंद्र को मिला और लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार 2.0 की वापसी हुई, एयर स्ट्राइक का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के कुछ विमान घटना के कुछ ही घंटों बाद नियंत्रण रेखा को पार करके भारत में घुस आए. पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट ने बमबारी की. इसका जवाब देते हुए भारत का मिग-21 पाकिस्तान सीमा में गिर गया और विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, बाद में उन्हें रिहा किया गया।
जीएसटी
नुकसान: 1 जुलाई, 2017 को मोदी सरकार ने एक देश, एक टैक्स नीति के तहत जीएसटी लागू किया, जीएसटी लागू के होने के बाद केंद्र ने इसके फायदे गिनाए तो व्यापारियों और राज्य सरकारों ने इस पर कड़ा विरोध जताया. वजह यह भी थी कि सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थ और आबकारी को जीएसटी से अलग रखा. नतीजा अलग-अलग राज्य सरकारों ने अलग-अलग टैक्स वसूला. नतीजा, काफी विरोध प्रदर्शन हुए।
ट्रिपल तलाक
नुकसान: 19 सितम्बर, 2018 से लागू तीन तलाक कानून कहता है कि ऐसे मामलों में महिला को खुद शिकायत करनी होगी. नतीजा, कई ऐसे मामले सामने आए जहां मुस्लिम महिलाएं अनपढ़ थीं और ससुराल के दबाव के कारण शिकायत नहीं कर पा रहीं।
धारा 370
नुकसान: 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला करता हुए जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाया, इस फैसले में कई राजनीतिक पार्टियों ने विरोध किया. राज्य में अशांति की स्थिति बनी. कई नेताओं को नजरबंद रखा गया. महीनों इंटरनेट बंद रहा. पर्यटन प्रभावित हुआ. स्थानीय लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
CAA
नुकसान: 10 जनवरी, 2020 को नागरिकता संशोधन अधिनियम का काफी विरोध किया गया. विरोध करने वालों में सबसे ज्यादा मुस्लिम समुदाय रहे हैं. उनका कहना है, यह अधिनियम मुस्लिम विरोधी है. यह समानता के आधिकार का उल्लंघन करता है।
बैंकों का विलय
1 अप्रैल, 2020 को मोदी सरकार ने देश के 10 सरकारी बैंकों का विलय, नुकसान: कई मीडिया रिपोर्ट में दावा गया कि बैंकों ने अपनी लागत को कम करने के लिए लोअर लेवल के कर्मचारियों को वीआरएस दिलाया ।
कृषि कानून
19 नवम्बर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने तीनों कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा की. देश को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, सरकार इन कानूनों को रद करने की प्रक्रिया शुरू करेगी. हालांकि उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा था कि इसे किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लाया गया था।
महीनों चले किसानों के प्रदर्शन में कई किसानों की जानें गईं, हिंसात्मक घटनाएं घटीं और देश के कई हिस्सां में अशांति रही।
05/29/2022 10:46 AM