Lucknow
रोके जाने से नाराज मंच नेता हरिकिशोर तिवारी और पुलिस अधिकारी के बीच धक्का मुक्की: पुरानी पेंशन बहाली के लिए दिखाई ताकत, निकाली मोटरसाइकिल रैली, सौपा ज्ञापन।
लखनऊ 5 अक्टूबर। कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उ0प्र के बैनर तले पुरानी पेंशन बहाली सहित विभिन्न मांगों की पूर्ति के लिए प्रस्तावित आन्दोलन के क्रम में आज सैकड़ो कर्मचारी,शिक्षक संगठनो के पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने एक हजार से अधिक की संख्या में मोटर साईकिल के ंजनपद स्तरीय रैली निकाल कर पुरानी पेंशन बहाली आदि मांगों के निराकरण की माग रखी। उद्याान भवन से निकाली रैली के साथ इन्दरा भवन जवाहर भवन में सैकड़ों साथी शामिल हुए। मोटर साइकिल रैली जैसे ही हजरतंगज चौराह पहुची एसीपी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल ने रैली के काफिले को रोकना चाहा जिस पर मंच के नेता इं. हरिकिशोर तिवारी और सुशील कुमार त्रिपाठी के बीच झड़प हुई। मोटरसाइकिल रैली के आगे मंच के प्रमुख पदाधिकारी पैदल ही रैली का नेतृत्व कर रहे थे ताकि किसी प्रकार की प्रशासन उदण्डता न होने पाए। अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कर्मचारी मसीहा स्व. बी.एन. सिंह की प्रतिमा पर दो मिनट रूक कर माल्पापर्ण कर रही थी पुलिस के कुछ अफसर रैली को वही समाप्त कराने तथा ज्ञापन लेने के लिए अड़ गए इस पर मंच के नेता हरिकिशोर तिवारी के बीच धक्कामुक्की हुई। इस बीच मंच के प्रधान महासचिव श्री त्रिपाठी ने सतीश पाण्डेय, अरविन्द्र वर्मा आदि के साथ पुलिस बैरियर तोडकर रैली परिवर्तन चौक, अवधर्क्लाक, स्वास्थ्य भवन होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुचकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन एसीएम संतोष कुमार यादव और एसीपी संतोष कुमार मिश्रा को सौपा। मंच के महासचिव सुशील कुुमार त्रिपाठी ने बताया कि कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उ.प्र. के बैनर तले आज पूरे प्रदेश में जनपद स्तर पर मोटरसाइकिल रैली निकाल कर ज्ञापन सौपा गया।
मोटर साइकिल रैली से पूर्व उद्यान भवन में वक्ताओं ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के 4.5 वर्ष के कार्यकाल में कर्मचारी व शिक्षकों को लगातार क्षति पहुॅचायी जा रही है। प्रदेश के लाखों कर्मचारी व शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं, क्योंकि नई पेंशन के नाम पर उनके वेतन से करोडों़ रूपये की कटौती करके शेयर बाजार में झोकी जा रही है और सरकार कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के समय सुनिश्चित पेंशन देने की जिम्मेदारी लेने को तैयार नही है। प्रदेश के कर्मचारी व शिक्षकों का 18 महीने के महंगाई भत्ते का लगभग 10 हजार करोड़ रूपये सरकार डकार गयी है। नगर प्रतिकर भत्ता, स्वैच्छिक परिवार कल्याण भत्ता, कम्प्यूटर भत्ता, परियोजना भत्ता, द्विभाषीय भत्ता समेत 10 से अधिक भत्ते सरकार द्वारा समाप्त करके कर्मचारी व शिक्षकों के पेट पर लात मारी गयी हैै। अनुदेशकों का मानदेय 17 हजार से घटाकर 7 हजार कर दिया गया है। प्रदेश के वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत लाखों शिक्षकों का मानदेय समाप्त करके उनके परिवार के साथ कुठाराघात किया है। कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय के 2 हजार से अधिक शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया है। बेसिक स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 01 लाख से अधिक पद समाप्त करके शिक्षकों की पदोन्नति के अवसर समाप्त कर दिये गये हैं तथा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के बार-बार निर्देश देने के बावजूद भी कर्मचारियों की पदोन्नति नही की जा रही है। कलेक्ट्रेट को विशेष प्रतिष्ठा प्रदान करते हुए ग्रेड वेतन उच्चीकरण के सम्बन्ध में राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश की संस्तुति के उपरान्त शासन ने माह जनवरी, 2019 में पत्र दिया कि इसे कैबिनेट ले जाकर शासनादेश निर्गत किया जायेगा, जो आज तक शासनादेश निर्गत न होने से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। रैली में सतीश कुमार पाण्डये, अरविन्द कुमार वर्मा, सुशील कुमार बच्चा, सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, रामराज दुबे, राधा रमण त्रिपाठी, आनन्द वर्मा, सुधांशु मोहन, अमिता त्रिपाठी,सुभाष चन्द्र तिवारी, जे.पी.पाण्डेय, पवन कुमार सिंह, अविनाश चन्द्र, इ.एन.डी. द्विवेदी, इं. राजर्षि त्रिपाठी,सुरेश सिंह यादव, सुनील कुमार यादव, वीरेन्द्र सिंह, प्रेम सिह, संतोष कुमार तिवारी, विवेक कुमार, आकिल सईद बबल शामिल रहे। रैली के पश्चात मंच के नेताओं ने फिर दोहराया कि समय रहते मांगों का निस्तारण नही किया गया तो 28 को प्रदेश के समस्त जनपदों में पूरी ताकत के साथ धरना प्रदर्शन एवं 30 नवम्बर, 2021 को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इको गार्डेन में महारैली आयोजित की जाएगी।
10/05/2021 06:32 PM