नेपाल का आरोप- भारत ने फैलाया कोरोना वाइरस: 90% भारत से लौटे प्रवासी श्रमिकों ने फैलाया है।
भारत को चीन की मदद से चित करने की सोच रहा नेपाल, नेपाल ने फिर लगाया आरोप- भारतीयों ने फैलाया कोरोना, बना रहा नया नागरिकता कानून नेपाल (Nepal) का आरोप है कि देश में कोरोना संक्रमण (Coronavirus)से जुड़े 90% से ज्यादा मामलों के तार सीधे तौर पर भारत (India) से जुड़ते हैं. नेपाल ने कहा कि देश में कोरोना भारत से लौटे प्रवासी श्रमिकों ने फैलाया है. काठमांडू. नेपाल (Nepal) ने रविवार को एक बार फिर आरोप लगाया है कि उसके यहां कोरोना संक्रमण (Coronavirus)से जुड़े 90% से ज्यादा मामलों के तौर सीधे तौर पर भारत से जुड़ते हैं. नेपाल ने कहा कि देश में कोरोना भारत से लौटे प्रवासी श्रमिकों ने फैलाया है. उधर नेपाल की संसद की प्रतिनिधि सभा की राज्य व्यवस्था समिति ने नागरिकता क़ानून में संशोधन के सत्तारुढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रस्ताव को बहुमत से पारित कर दिया है. इस नए प्रस्ताव के तहत नेपाली पुरुषों के साथ विवाह करने वाली विदेशी महिलाओं को शादी के बाद नेपाल की नागरिकता (Nepal Citizenship Bill) पाने के लिए सात साल का लंबा इंतज़ार करना होगा. नेपाल में रविवार को संक्रमण के 421 नए मामलों के साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा 9,026 तक पहुंच चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश के 77 जिलों में से 75 में कोविड-19 का संक्रमण फैल चुका है. महामारी विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ बासुदेव पांडेय ने कहा कि नेपाल में कोरोना वायरस संक्रमण के 90 फीसदी मामले विदेश से लौटे प्रवासी श्रमिकों के हैं, जिनमें से अधिकतर भारत से वापस आए लोग हैं. उन्होंने कहा कि 98 फीसदी संक्रमित लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए थे. स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने दैनिक बुलेटिन में कहा कि 421 नए मामलों में से 357 पुरुष और 64 महिलाएं शामिल हैं. मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में भारत से इलाज कराकर लौटे 69 वर्षीय लकवाग्रस्त रोगी की मौत के बाद रविवार को कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 23 हो गई. वर्तमान में नेपाल के विभिन्न अस्पतालों में कोविड-19 के 7,231 मरीजों का इलाज चल रहा है. नागरिकता कानून से बढ़ेगी मुश्किल! बता दें कि नेपाल के नए नागरिकता कानून प्रस्ताव के बाद नेपाली पुरुषों के साथ विवाह करने वाली विदेशी महिलाओं जिनमें अधिकतर भारतीय होती हैं, को शादी के बाद नेपाल की नागरिकता पाने के लिए सात साल का इंतज़ार करना होगा. समिति से अधिकतर सदस्यों ने इस प्रस्ताव को सहमति दे दी है लेकिन देश की मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस और कुछ अन्य पार्टियों ने इस विवादित संशोधन प्रस्ताव का विरोध किया है. सत्तारुढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं का तर्क है कि संसद में दो साल पहले बने नागरिकता क़ानून 2006 में संशोधन करने से भारत को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए क्योंकि वहां भी भारतीय पुरुष से शादी करने वाली विदेशी महिला को क़ानूनी तौर पर नागरिकता का अधिकार पाने के लिए सात साल का इंतज़ार करना पड़ता है.
06/22/2020 06:06 AM