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भारत ने 'कंटिंजेंसी-प्लान' पहले से ही तैयार कर रखा था-सीडीएस जनरल बिपिन रावत: अफगानिस्तान की परिस्थितियों को लेकर भारत तैयार है।
India भारत। भारत की तरफ से पहली बार तालिबान और अफगानिस्तान के हालात को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने साफ तौर से कहा कि भारत को पहले से इस बात का अंदेशा था कि अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने वाला था और उसके लिए भारत ने 'कंटिंजेंसी-प्लान' पहले से ही तैयार कर रखा था. सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने सार्वजनिक तौर से कहा है कि अफगानिस्तान की परिस्थितियों को लेकर भारत तैयार है और अगर वहां की परिस्थितियों का भारत पर असर पड़ता है तो उसके लिए भी भारत तैयार है. उसका मुकाबला वैसे ही किया जाएगा जैसे आतंकवाद का किया जाता रहा है।
जनरल रावत ने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का भारत को अंदेशा था लेकिन जितनी तेजी से वहां घटनाक्रम हुआ, वह चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा कि संगठन (तालिबान) बीते 20 साल में भी नहीं बदला है। वह ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को अमेरिका की हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल जॉन एक्विलिनो के साथ संबोधित कर रहे थे। एडमिरल एक्विलिनो ने अपनी टिप्पणियों में चीन के आक्रामक व्यवहार को लेकर भारत के सामने आने वाली चुनौतियों का जिक्र किया। खासकर ''वास्तविक नियंत्रण रेखा पर संप्रभुता'' के साथ ही दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में ''आधारभूत सुरक्षा चिंताओं'' को लेकर।
'क्वाड देश शेयर करें खुफिया जानकारी'
जनरल रावत ने कहा कि भारत क्षेत्र में आतंकवाद मुक्त माहौल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ''जहां तक अफगानिस्तान का सवाल है, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वहां से भारत पहुंचने वाली किसी भी गतिविधि से उसी तरह निपटा जाए जैसे हम अपने देश में आतंकवाद से निपट रहे हैं।'' सीडीएस ने कहा, ''मुझे लगता है कि अगर क्वाड देशों से कोई समर्थन मिलता है, कम से कम आतंकवादियों की पहचान और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध लड़ने के लिए खुफिया जानकारी के तौर पर, तो मुझे लगता है कि इसका स्वागत किया जाना चाहिए।'' भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया 'क्वाड का हिस्सा हैं।
'तालिबान की तेजी ने चौंकाया, लेकिन हम तैयार'
जनरल रावत ने कहा कि अफगानिस्तान से उत्पन्न होने वाली आतंकी गतिविधियों के भारत पर पड़ने वाले संभावित असर को लेकर नई दिल्ली चिंतित है और ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए आपातकालीन योजनाएं तैयार की गई हैं। उन्होंने कहा, ''भारत के नजरिए से हमें अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का अंदेशा था। हम इस बात से चिंतित थे कि कैसे अफगानिस्तान से आतंकवादी गतिविधियां भारत तक पहुंच सकती हैं।'' सीडीएस ने कहा, ''और उस लिहाज से हमारी इमर्जेंसी प्लानिंग चल रही हैं और हम उसके लिए तैयार हैं। हां, जिस तेजी से वहां सबकुछ घटित हुआ, उसने हमें चौंकाया है। हमारा अंदाजा था कि यह कुछ महीनों बाद हो सकता है।''
'20 सालों में नहीं बदला है तालिबान'
जनरल रावत ने कहा कि तालिबान बीते 20 साल में भी नहीं बदला है और सिर्फ उसके सहयोगी बदले हैं। उन्होंने कहा, ''यह काफी कुछ वैसा ही है। यह वही तालिबान है जो 20 साल पहले था। खबरों और वहां से आए लोगों से मिल रही जानकारियां हमें वही बता रही हैं जो तालिबान करता रहा है। अगर कुछ बदला है तो वे हैं उसके साझेदार। यह वही तालिबान है दूसरे सहयोगियों के साथ।''
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08/25/2021 02:50 PM