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LAC भारत चीन सैनीय विवाद में आज 20 भारतीय जवान हुए शहीद: गलवान घाटी में खूनी झड़प, रक्षा राज्य मंत्री ने कुछ भी कहने से किया इंकार।
बलवान घाटी: बिग ब्रेकिंग न्यूज़ भारत चीन विवाद बलवान घाटी में हुई भारतीय सेना व चीन की सेना में झड़प 20 भारतीय सैनिकों की मौत होने की खबर से देश में चीन के प्रति देशवासियों का गुस्सा फूट रहा है, लोग अपने-अपने सुझाव दे रहे हैं एवं चीन से लड़ाई के लिए विफल रही भाजपा सरकार की तैयारी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर कमेंट में लिखा है कि भारतीय विदेश मंत्रालय इस स्थिति को देशवासियों एवं विशेष पूर्व कानूनी सलाहकारों, वाह भारतीय आर्मी ऑफिसरो आदि को भी अवगत नहीं करा पाया तो वह खुद भी कहीं ना कहीं कटघरे में खड़े हुए हैं, एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारतीय सेना के जवान चीन पर कार्यवाही हमला करने का आदेश मांगते रहे परंतु किसी ने भी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी और कारणवश 20 हमारे देश के नौजवान सैनिक शहीद हो गए, एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कहीं ना कहीं सरकार की भी इस गंभीर मुद्दे पर विफल रही जैसा कि पुलवामा अटैक में भी सरकार कुछ नहीं कर पाई और हमारे देश के नौजवानों को शहीद करवा दिया? भारतीय नागरिकों ने कहा कि भारत सरकार चीन को करारा जवाब दे, क्योंकि वक्त आ चुका है और हर भारतीय का बदला चीन से भारतीय सरकार हर हाल में ले।
गैलवान घाटी में डी-एस्केलेशन प्रक्रिया के दौरान कल रात दोनों ही पक्षों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई. चीन के हमले में भारत के तीन सैनिक शहीद हो गए. शहीदों में एक अफसर और दो सैनिक शामिल हैं.दोनों सेना के सीनियर अधिकारी स्थिति को शांत करने के लिए बैठक कर रहे हैं. खबरों के मुताबिक झड़प के दौरान चीन की सेना को भी काफी नुकसान हुआ है.
मगर आज चीन के साथ झड़प में भारत को बड़ा नुकसान हुआ है. LAC पर सोमवार को चीन के साथ हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं.इस पूरी घटना पर भारतीय सेना ने बयान जारी किया है. सेना ने कहा कि 15 जून की रात को गलवान घाटी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी. इस घटना में 20 सैनिक शहीद हुए हैं.
नेपाल भी लगातार भारत के लिए आक्रामक रवैया अपनाता जा रहा है एवं बॉर्डर पर बीते दिनों 5 भारतीयों को गोली से भूल भी दिया गया था नेपाल भी भारत के खिलाफ जमीन को लेकर अपने नए नक्शे को पार्लियामेंट में पास करके भारत की भूमि पर कब्जा करने में लगा हुआ है वह भारत को आंखें दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है ऐसे में खबर यहां तक चली है कि चीन और नेपाल एक साथ मिलकर भारत के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे वह कार्रवाई एवं घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
नेपाल के नए नक्शे पर विवाद का असर सीमावर्ती इलाकों में देखने को मिल रहा है। सीमा पर कई जगहों पर सीमांकन के लिए लगाए गए पिलर गायब होने की सूचना सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने उच्च स्तर पर साझा की है। इस पर विस्तृत रिपोर्ट एसएसबी मुख्यालय ने भी मंगाई है। नेपाल की तरफ नई सीमा चौकी (बीओपी) बनाए जाने को लेकर भी एजेंसियों ने अलर्ट किया है।नेपाल के नए नक्शे को दी नेपाली कांग्रेस ने मंज़ूरी, भारत-चीन सीमा पर चालू रहेगा सड़क का काम: प्रेस रिव्यू
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इस नए नक्शे में नेपाल ने अब आधिकारिक रूप से लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र के रूप में दिखलाया है जिसे लेकर भारत और नेपाल के बीच तनाव की स्थिति है।
भारत के खिलाफ आज की सैन्य कार्यवाही में चीन को "नंबर एक" पर दुश्मन करार दे दिया गया है व पाकिस्तान और नेपाल को भी श्रेणी में रखा गया है इन तीनों देशों के लिए भारत को सामूहिक रणनीति बनानी होगी।
"गलवन क्षेत्र में अंतिम बार खूनी झड़प 1975 में हुई थी"
गलवन क्षेत्र में अंतिम बार खूनी झड़प 1975 में हुई थी जब चीन के सैनिकों ने छिप कर भारतीय सैन्य दल पर हमला किया था। तब असम राइफल्स के चार जवान शहीद हुए थे। दूसरी तरफ पूर्वोत्तर राज्यों के साथ चीन के साथ लगी सीमा पर वर्ष 1967 के बाद से कोई खूनी झड़प नहीं हुई है। चीन जिस तरह से समूचे पश्चिमी सेक्टर में आक्रामक होता जा रहा है उसे देखते हुए भारतीय सेना के रणनीतिकारों को अब ज्यादा सक्रिय प्लानिंग करनी होगी।
चीन विदेश मंत्रालय ने कहा कि सैन्य एवं राजनीतिक स्तर पर विवाद समझाने का प्रयास किया जा रहा है, लद्दाख घटना के बाद चीन विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब।
06/16/2020 07:24 PM