Aligarh
गोंडा में संचारी रोगों के नियंत्रण हेतु संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाकर निकाली रैली।: गोंडा अलीगढ़
जिला अलीगढ के ब्लाक गोंडा के उपकेन्द्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलोठ पर संचारी रोगों के नियंत्रण हेतु रैली बेलोठ ग्राम में निकाली। एएनएम भारती सिंह ने ग्राम बेलोठ के लोगो को बताया कि जन स्वास्थ्य विभाग मामले प्रबंधन प्रदान करता है और रिपोर्टेबल संचारी रोगों और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम द्वारा निर्देशित के रूप में यौन संचारित संक्रमणों के ऊपर का पालन करें।
टीम समुदाय में संचारी रोग निगरानी में भाग लेता है। हमारे देश में गर्मी के दस्तक देने के साथ संक्रामक रोग फैलने लगते हैं जिन्हें संचारी रोग भी कहा जाता है इस तरफ उत्तरप्रदेश सरकार ने विशेष संचारी रोग पखवाड़ा चलाया गया है जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं इसके लिए कई विभाग एक साथ मिलकर काम करते हैं। जिससे बच्चों का टीकाकरण करने के लिए कई टीमें बनाई गई है। सबको उनकी प्रकृति के अनुरूप जिम्मेदारी सौंपी गई है। कुछ जिलों में जापानी इंसेफेलाइटिस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के प्रकोप से बच्चों को बचाने पर विशेष ध्यान देना है इसके अंतर्गत गांव गांव में मरीजों को खोजा जाएगा । गांव में स्वच्छता फैलाकर लोगों को इन बीमारियों के बचाव को लेकर स्वच्छता अभियान के महत्व को जानना होगा।
हाई रिस्क गांव में जेई एवं एक्यूट इंसेफेलाइटिस के खात्मे का जिम्मा विशेष शिक्षकों को दिया जा रहा है ।विशेष अभियान के अंतर्गत यह शिक्षक गांव में जाकर लोगों को इंसेफेलाइटिस व अन्य संचारी रोगों से बचाव के लक्षणों की जानकारी देंगे। ग्रामीणों को टॉयलेट का प्रयोग करने व बच्चों में बुखार या अन्य संक्रामक रोगों के लक्षण हों तो उन्हें तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। संचारी या संक्रामक रोग क्या है :- बरसात के शुरू होते ही जब पानी जगह-जगह भर जाता है इससे तरह-तरह के नए कीटाणु रुके हुए पानी से उत्पन्न होने लगते हैं
जो अपने साथ अनेक रोगों को जन्म देते हैं जिसका प्रभाव न केवल मानव शरीर पर पड़ता है बल्कि इससे बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं। इन्हें मौसमी रोग भी कहा जाता है यह रोग निम्न प्रकार हैं जैसे मलेरिया जो प्रोटोजोआ से होता है जिसमें तेज बुखार का आना स्वभाविक है। टाइफाइड जीवाणु से फैलता है इसमें भी कभी हल्का बुखार तो कभी तेज बुखार आने लगता है इसका प्रभाव हमारे लीवर व शारीरिक क्षमता पर भी पड़ता है ।
चेचक जोकि विषाणु से तेज बुखार व दाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, इसके अतिरिक्त इनफ्लुएंजा जो विषाणु से उत्पन्न होता है, हैजा,खसरा कुष्ठ रोग, हेपेटाइटिस इत्यादिसंचारी रोग बहुत तेजी से फैलते हैं जिससे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। सामान्यतः इन रोगों के लक्षण में दस्त, बुखार, दिमागी बुखार, ज्वर का चढ़ना, उतरना आदि। इनमें अनियमित खांसी, बहुत तेज खांसी, उल्टी जैसे लक्षण होते हैं। जिससे इन बीमारियों के आगमन का पता चलता है।
इन सब रोगों के फैलने की वजह गंदे पानी का नालियों में एकत्रित होना। तेज बारिश के बाद जलभराव। यदि सब लोग अपने स्तर पर इन रोगों को रोकने के लिए उपाय करते हैं तो निश्चय ही काफी हद तक इन रोगों के फैलने पर नियंत्रण किया जा सकता है । इस मौके पर अजय प्रधान बेलोठ , राजवती संगिनी , गीता देवी आशा , देवेंद्री आशा, आशा , मुंद्रा देवी आशा, सीमा आशा, ममता आशा, किस्मत आशा, कमला आशा एवं ग्राम के लोग मौजूद रहे।
विनोद कुमार/अलीगढ़
07/16/2021 06:52 AM