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चौतरफा घिरी कानपुर मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य प्रो. आरती लालचंदानी: तबलीगी जमातियों पर की थी टिप्पणी, वीडियो वायरल होने पर लोगों का गुस्सा देख मांगी माफी।
कानपुर: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर की प्राचार्य प्रो. आरती लालचंदानी के तबादले की अफवाहों का बाजार गुरुवार को सोशल मीडिया के गलियारों में गर्म रहा। सोशल मीडिया के कई व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक और ट्विटर पर सोशल मीडिया पर फैली इस अफवाह में आरती लालचंदानी के ऊपर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के द्वारा तबलीगी जमातियों पर की गई टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए दंड के तौर पर झांसी तबादले की बात पूरे दिन वायरल की गई। जबकि जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने स्पष्ट तौर पर बताया अभी हमारे पास शासन की ओर से किसी प्रकार का कोई भी तबादले का आदेश नहीं आया है मीडिया मुख्यालय की ओर से भी साफ तौर पर कहा गया कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है यह अफवाह भी हो सकती है।
वहीं मुख्यमंत्री आवास के कुछ गुप्त सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार ज्ञात हुआ कि यह एक अफवाह भी हो सकती है ऐसा अभी हुआ नहीं है कथित तौर पर इसे वायरल किया जा रहा है। हालांकि सोशल मीडिया को अखाड़ा बना कर प्रो. चंदानी के वीडियो को आधार बनाकर विशेष समुदाय को भड़काने का भरपूर प्रयास किया गया कई लोग इस प्रयास में सफल भी हो गए लेकिन उन्होंने कहीं ना कहीं शहर की अमन चैन को ध्यान में नहीं रखा।
इस कोरोना काल में बराबर कोरोना वायरस के मामले शहर में बढ़ते दिखाई पड़ रहे हैं ऐसे में कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड भी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में है जिसकी प्राचार्य प्रो. चंदानी ही है उनके तबादले की अफवाह फैलाना किस हद तक लाजमी है और तो और विशेष समुदाय को भड़काना कहीं ना कहीं स्वास्थ्य महकमे के कार्य में बाधा डालने के का प्रयास दिखाई पड़ रहा है।
पूरे दिन प्रो. चंदानी के तबादले की अफवाह का बाजार गर्म रहने के बाद अंत में शाम को स्वयं आरती लालचंदानी द्वारा ही इस अफवाह पर विराम लगा दिया गया आरती लालचंदानी का कहना है मेरे पास किसी प्रकार का कोई आदेश अभी नहीं आया है उन्होंने तबादले की बात को मात्र एक अफवाह करार दिया।
कानपुर मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य आरती लालचंदानी को लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज, झांसी का प्राचार्य बनाए जाने के साथ-साथ प्रयागराज से ओएसडी बनकर आए आरबी कमल को कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य बनाए जाने की भी अफवाह का बाजार गर्म दिखाई दिया।
कानपुर मेडिकल कॉलेज के एक व्हाट्सएप ग्रुप के अलावा कानपुर के मीडिया हुआ सोशल मीडिया के विभिन्न ग्रुपों पर कई लोग डॉक्टर आरती लालचंदानी के पक्ष में तो कई लोग उनके विरोध में आ गए।
स्वास्थ्य महकमे के आधे स्वास्थ्य कर्मी डॉक्टर आरती लालचंदानी के पक्ष में खड़े हो गए स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में स्वयं कहा था मेरे स्वास्थ्य कर्मियों के साथ यदि अभद्रता की गई तो सीधा उन पर रासुका कायम होगी, रासुका का मतलब देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होना। ऐसे में डॉक्टर आरती लालचंदानी ने अगर जमातियों को आतंकवादी बोल दिया तो क्या गलत किया..? जिस वक्त यह तबलीगी जमाती हम स्वास्थ्य कर्मियों पर थूक रहे थे, नर्सों के सामने नग्न अवस्था में घूम रहे थे इसके अलावा और भी कई प्रकार की अभद्रता कर रहे थे उस वक्त धर्म के ठेकेदार कहां थे..? तो कई विरोधियों ने आरती लालचंदानी के खिलाफ बराबर सोशल मीडिया पर तबादला नहीं बल्कि निलंबन की मांग की।
बताते चलें डॉक्टर आरती लालचंदानी का किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) लखनऊ के कुलपति के रूप में नाम प्रस्तावित है जिस कारण इसे विरोध की मुहिम भी करार दिया गया।
विश्वसनीय सूत्रों की बात करें तो आरएसएस के एक बड़े नेता आरती लालचंदानी के समर्थन में उतर आए हैं जिसके बाद आरती लालचंदानी के तबादले की अफवाह पर विराम लग गया या फिर यूं कहें चर्चा शांत हो गई।
"वीडियो वायरल करने वालों की खैर नहीं"
कानपुर मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य प्रो. आरती लालचंदानी का तबलीगी जमाती वाला वीडियो वायरल करने वालों एवं झूठी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ डॉक्टर आरती लालचंदानी ने रात में डीआईजी/एसएसपी कानपुर आनंद तिवारी को तहरीर दी है। कई डॉक्टर और प्रतिष्ठित फैकल्टी आरती लालचंदानी के समर्थन में थे उनसे जब पूछा गया तो उन सभी ने कानपुर के डीआईजी/ एसएसपी अनंत देव तिवारी से आरती लालचंदानी को सुरक्षा प्रदान करने वह आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कड़ी कार्यवाही करने की गुहार लगाई।
06/04/2020 09:42 PM