Aligarh
अस्पताल को बदनाम करने की नियत से पिता ने अपने बच्चे को मरा बता कर तहरीर पुलिस को दी फिर हुआ खुलासा:
अलीगढ़ । थाना क्वार्सी क्षेत्र के किशनपुर तिराहे स्थित मैक्सफोर्ट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल पर एक युवक जिसका नाम देवेंद्र है वह अपने नवजात बच्चे को लेकर पहुंचा बच्चे की हालत बेहद गंभीर थी, सांस लेने में परेशानी थी, उसकी पत्नी की डिलीवरी सिकंदरा राऊ जिला हाथरस में हुई थी, बच्चे की कंडीशन बेहद खराब थी और वह ऑक्सीजन एंबुलेंस पर मैक्सफोर्ट अस्पताल आया था पिता ने डॉक्टर चितरंजन सिंह को दिखाया, डॉ चितरंजन सिंह द्वारा बच्चे को आईसीयू में भर्ती कर वेंटिलेटर पर ले लिया गया और इलाज चालू किया।
सब कुछ सामान्य चल रहा था बच्चे का उपचार भी चल रहा था परंतु कुछ समय बाद बच्चे का पिता अस्पताल में रखी जरूरी फाइल को लेकर अस्पताल से निकलने का प्रयास कर ही रहा था कि अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ की नजर उक्त व्यक्ति पर पड़ गई और उन्होंने तुरंत डॉक्टर चितरंजन सिंह को सूचना दी डॉक्टर चितरंजन सिंह द्वारा उक्त व्यक्ति से अस्पताल के दूसरे मरीजों की फाइल वापस मांगी तो वह भागने लगा हॉस्पिटल के स्टाफ ने युवक को पकड़ कर फाइल वापस ले ली, उसके बाद वह युवक थाना क्वार्सी पहुंचा और वहां जाकर एक तहरीर दी जिसमें लिखा कि उसके बच्चे का इलाज मैक्सफोर्ट अस्पताल में चल रहा था और वहां पर डॉक्टरों ने उसके बच्चे को मार दिया और उसके पैसे छीन लिए, पुलिस हरकत में आई और तुरंत अस्पताल पहुंची पुलिस द्वारा हॉस्पिटल के संचालक, स्टाफ से वार्ता की और साथ ही साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सूचित किया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा 4 सदस्यों की टीम मैक्सफोर्ट अस्पताल पहुंची बच्चे की जांच की तो पता चला कि बच्चा जिंदा है और वेंटिलेटर पर है पुलिस द्वारा यह देखकर हैरान रह गए थे बच्चे के पिता देवेंद्र ने बच्चे को मरा हुआ क्यों बताया? और भीड़ बुलाकर अस्पताल पर चढ़ाई की और नाजायज दबाव अस्पताल वालों पर डाला व अस्पताल के स्टाफ से मदतमिजी की और धमकियां दी तथा कुछ मीडिया कर्मियों एवं नेताओं व किसान नेताओं को बुलाकर दूसरा रंग देने की कोशिश की गई, पुलिस ने जब देवेंद्र सख्ती से पूछा तो उल्टे सीधे जवाब देने लगा और गोल-गोल बातें करने लगा।
सरकारी डॉक्टरों व पुलिस ने किया खुलासा बच्चा जिंदा निकला
सरकारी डॉक्टरों और पुलिस की मौजूदगी में जीवित बच्चे को पिता के सुपुर्द कर दिया गया और वह अपने बच्चे को वेंटिलेटर एंबुलेंस में लेकर किसी प्राइवेट अस्पताल पहुंचा परंतु वहां बच्चे को भर्ती नहीं किया गया फिर उसके बाद वह अपने बच्चे को लेकर जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंचा और वहां बच्चे को भर्ती कर लिया गया परंतु वेंटिलेटर ना मिलने की वजह सामने आई।
योजनाबद्ध लग रहा पूरा मामला
पूरे प्रकरण में मामला योजनाबद्ध प्रतीत होता है जिसमें साफ तौर पर अस्पताल की छवि को खराब करना और धन की अपेक्षा रखना था। कुछ सपा, कांग्रेस, आप पार्टी, भाकियू नेता देर रात अस्पताल के गेट पर पहुंचे और हंगामा करने लगे के बच्चा मार दिया,,परंतु जब उनकी पता चला कि बच्चा जिंदा था और उसका बाप उसको लेकर चला गया तो सभी नेता उल्टे पैर भाग निकले। हालांकि पुलिस को झूठा प्रदर्शन करने वाले उक्त व्यक्ति उसके साथ आई भीड़, नेताओं के विरूद्ध भी मुकद्दमा पंजीकृत कर कार्यवाही करनी चाहिए ताकि कोई भी सामाजिक कार्य करने वाली संस्था को बदनाम ना कर सके।
सियासत से धन ऐंठना नहीं होगा आसान
पूरे प्रकरण में बच्चे का पिता राजनीति करके माहोल खराब करने की नियत से भीड़ को इकठ्ठा करके नाजायेज दबाव बना रहा था और कुछ अपने परिचित नेता जो समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस व भारतीय किसान यूनियन के बुला कर हंगामा करवा रहा था उसका उद्देश्य केवल बच्चे की आड़ में रुपए पैसे मांगने का था जो कि एक योजनाबद्ध प्लानिंग के साथ ये सब कर रहा था, मगर पुलिस और मुख्य चिकित्सा अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारियों ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया। उक्त व्यक्ति की योजना धरी की धरी रह गई और सपा, कांग्रेस, आप पार्टी, भाकियो का नाम बदनाम करने वाले नेताओं को भी भागना पड़ा।
07/22/2023 03:24 AM