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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
कांग्रेस ने कहा सरकार की मनमानी
असम में फायरिंग से सद्दाम हुसैन व शेख फरीद की मौत- एसपी सुशंता, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के छोटे भाई हैं: किन लोगों से जमीन खाली कराने गई थी पुलिस?
असम। बंगाली भाषी मुस्लिम यहां सालों से रह रहे हैं. असम सरकार की इस कार्रवाई से करीब पांच हजार लोग प्रभावित हुए हैं. अंजना दत्ता ने बताया कि सरकार ने लोगों से वादा किया था कि सभी परिवारों को जमीन दी जाएगी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
दरंग की घटना से जुड़ा एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, एक मृतप्राय व्यक्ति जिसके शरीर पर गोलियों के जख़्म हैं, उसे कैमरा हाथ में लिया हुआ एक व्यक्ति पीट रहा है।
बिजय शंकर बनिया नाम के इस प्रोफ़ेशनल फ़ोटोग्राफ़र की सेवाएं ज़िला प्रशासन ने हालात का रिकॉर्ड दर्ज करने के ली थीं. लेकिन इस घटना के बाद उस व्यक्ति को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
इस घटना में आठ पुलिस कर्मी घायल हुए हैं. असिस्टैंट सब इंस्पेक्टर मोनीरुद्दीन को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है और उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है. मरने वाले व्यक्ति की पहचान सद्दाम हुसैन और शेख फरीद के नाम से हुई है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी में कहा है कि अतिक्रमणकारियों को हटाने का अभियान रोका नहीं जाएगा।
क्या कह रहे हैं लोग?
दरंग जिले में मौजूद ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन के सलाहकार आइनुद्दीन अहमद ने घटना की जानकारी देते हुए बीबीसी से कहा, "आज सुबह क़रीब पांच हज़ार से भी अधिक लोग सरकार द्वारा किए जा रहे बेदखली अभियान के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे."
"ज़िला प्रशासन के अधिकारी जेसीबी से लोगों के घर तोड़ रहे थे. इस बीच दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद झड़प हुई और पुलिस ने फायरिंग कर दी. इसमें दो लोगों की मौत हो गई और 20 से भी ज्यादा लोग घायल हुए है."
पुलिस का आरोप- भीड़ ने पथराव किया
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दरांग के एसपी, सुशंता बिस्वा सरमा ने कहा कि इलाके में करीब 1500-2000 लोग जमा थे. पहले तो कोई बात नहीं बनी, लेकिन जब पुलिस ने जेसीबी वाहनों से अतिक्रमण हटाना शुरू किया तो भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया और पुलिस पर चाकू, भाले और अन्य चीजों से हमला कर दिया।
उन्होंने कहा, "एक पुलिस अधिकारी के सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया गया और वो गंभीर रूप से घायल हो गया. हमें भीड़ को तितर-बितर करने और अपने जवानों को बचाने के लिए फायरिंग करनी पड़ी. क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात किया गया था और स्थिति अब नियंत्रण में है." बता दें कि एसपी सुशंता, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के छोटे भाई हैं।
मामले की जांच के आदेश
आलोचना के बाद असम सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के एक रिटार्ड जज द्वारा न्यायिक जांच का आदेश दिया. सरकार ने कहा, "गृह और राजनीतिक विभागों ने ढालपुर इलाके में हुई गोलीबारी की घटना में दो नागरिकों की मौत और पुलिस कर्मियों सहित कई अन्य लोगों के घायल होने की परिस्थितियों की जांच करने का फैसला किया है."।
कांग्रेस ने कहा सरकार की मनमानी
इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके पुलिस कार्रवाई की आलोचना की।
उन्होंने लिखा, "असम में राज्य प्रायोजित आग लगी है. मैं राज्य में अपने भाइयों और बहनों के साथ खड़ा हूं. भारत की किसी भी संतान के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए."
वहीं, असम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने अतिक्रमणकारियों पर पुलिस की फायरिंग को बर्बरता वाली कार्रवाई बताया है।
कांग्रेस नेता ने एक बयान जारी कर कहा है कि कोविड महामारी के इस संकट के समय गुवाहाटी हाई कोर्ट ने बेदखली अभियान को स्थगित रखने का निर्देश दिया था लेकिन मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की मनमानी के चलते 1970 के दशक से धौलपुर में बसे लोगों से ज़मीन खाली करवाई जा रही है. जबकि बेदखल करने से पहले सरकार को इन लोगों को फिर से कहीं और बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी।
असल में असम सरकार के एक आदेश के बाद 20 सितंबर को दरंग ज़िले के सिपाझार में प्रशासन ने एक अभियान चलाकर लगभग 4,500 बीघा भूमि पर कब्जा करने वाले कम से कम 800 परिवारों को बेदखल कर दिया था। जबकि क़रीब दो सौ परिवार के ख़िलाफ़ गुरुवार सुबह फिर से बेदखली अभियान चलाया गया था और तभी यह फायरिंग की घटना हुई ।
असम सरकार ने 'अवैध अतिक्रमण' के नाम पर जिन सैकड़ों लोगों के ख़िलाफ़ बेदखली अभियान चलाया है वे सारे मुसलमान है. एक जानकारी के अनुसार सरकारी ज़मीन खाली कराने के बाद सैकड़ों लोगों ने नदी के किनारे शरण ले रखी है।
09/24/2021 07:18 PM